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  • On The Basis Of Fake Letter, Misleading News Is Being Spread On Social Media That Ajit Doval Has Accepted The Entry Of Chinese Soldiers Into India.

फैक्ट चेक:दावा- डोभाल ने माना कि चीनी सैनिक भारत में घुसे, वास्तव में 7 महीने पुराने पत्र को एडिट करके फैलाई गई अफवाह

3 वर्ष पहले
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  • क्या वायरल : ट्विटर पर एक पत्र के आधार पर दावा किया जा रहा है कि अजीत डोभाल ने चीनी सेना के भारतीय सीमा में प्रवेश की बात स्वीकारी है।
  • सच्चाई : अजीत डोभाल ने ऐसा कोई पत्र नहीं लिखा है। नवंबर 2019 के एक पत्र से छेड़छाड़ कर सोशल मीडिया पर यह भ्रामक खबर फैलाई जा रही है।

मई महीने की शुरुआत से ही भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा विवाद गर्माया हुआ है। हालांकि हाल ही में चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के मध्यस्थता प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा है कि दोनों देश आपस में किसी भी विवाद को हल कर सकते हैं। चीन के इस बयान से दुनिया को यह संदेश मिला है कि दोनों देश राजनीतिक तौर पर इस मुद्दे को सुलझाने की मंशा रखते हैं। 

इन सब के बीज भारत-चीन विवाद को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार भी गर्म है। कई तरह की भ्रामक खबरें ट्विटर और फेसबुक पर वायरल हो रही हैं। 

क्या वायरल : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के नाम से एक पत्र वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह पत्र डोभाल ने लद्दाख के कमिश्नर सैक्रेटरी रिगजिन सैंफल को लिखा है। पत्र में लिखा है कि, मैं लद्दाख की परिस्थितियों में आपके द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करता हूं। पत्र के दूसरे पैरा में लिखा है कि भारत सरकार और सभी एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों से चीन एक्सपोज हो गया है। पत्र के आधार पर ही लोग सोशल मीडिया पर यह दावा कर रहे हैं कि एनएसए अजीत डोभाल ने यह स्वीकार कर लिया है कि चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में प्रवेश किया है। 

इस पत्र के आधार पर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई जा रही है
इस पत्र के आधार पर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई जा रही है

- ट्विटर यूजर सैयद अलि अंसारी ने 29 मई को दोपहर 12:49 बजे यह पत्र ट्वीट किया। साथ में कैप्शन लिखा था : कमिश्नर सैक्रेटरी रिगजिन सैंफल ने यह पुष्टि की है कि एनएसए ने चीनी सेना के प्रवेश वाली बात स्वीकार की है। 

सैयद अलि अंसारी के इस ट्वीट को कई यूजर रीट्वीट भी कर रहे हैं
सैयद अलि अंसारी के इस ट्वीट को कई यूजर रीट्वीट भी कर रहे हैं

-  अनीस रजा नाम के यूजर ने सेम कैप्शन के साथ यही पत्र ट्वीट किया। 

फैक्ट चेक पड़ताल 
- चूंकि यह खबर पत्र के आधार पर फैलाई जा रही थी, तो हमने सबसे पहले पत्र की पड़ताल की। गूगल पर पत्र की तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर 28 नवंबर, 2019 को लिखा गया एक पत्र सामने आता है। जो अजीत डोभाल ने उत्तर प्रदेश के चीफ सैक्रेटरी  आरके तिवारी को लिखा है। इस पत्र में आयोध्या केस पर फैसले के मामले को हैंडल करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन की तारीफ की गई है।

- न्यूज स्टेट वेबसाइट में इस संबंध में खबर प्रकाशित हुई है। खबर में लेटर की कॉपी भी है।

- नवंबर 2019 वाले इस पत्र को यदि वायरल हो रहे पत्र से मिलाते हैं, तो काफी कुछ सामान्य लग रहा है। पहले पैरा में Uttarpradesh की जगह laddakh लिखा गया है और आयोध्या की जगह India-china Standoff लिखा गया है। बाकि सब एक जैसा है। दूसरे पैरा में भी इसी तरह कुछ शब्दों को रिप्लेस किया गया है। 

वह पत्र जो अजीत डोभाल ने उत्तरप्रदेश सरकार को लिखा
वह पत्र जो अजीत डोभाल ने उत्तरप्रदेश सरकार को लिखा
वह पत्र जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है
वह पत्र जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है

- पीआईबी ने 29 मई रात 8:14 बजे ट्विटर हैंडल के जरिए इस पत्र को गलत और भ्रामक बताया है। 

निष्कर्ष : जिस पत्र के आधार पर यह दावा किया जा रहा है कि अजीत डोभाल ने चीनी सैनिकों के भारतीय सीमा में घुसने की बात स्वीकारी है, वह फर्जी है। 

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