- क्या वायरल : एक पत्र जारी किया जा रहा है। इसमें दावा किया गया है कि, जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने सोनिया गांधी से अपील की है कि महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने की गलती न करें
- क्या सच : जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने इस पत्र को फेक बताया है। संस्था द्वारा ऐसा कोई पत्र कांग्रेस को नहीं लिखा गया
Dainik Bhaskar
Nov 19, 2019, 06:28 PM ISTफैक्ट चेक डेस्क. सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि जमीयत उलेमा-ए-हिन्द द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा गया है, जिसमें उनसे महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ मिलकर सरकार न बनाने की अपील की गई है। इस तथाकथित पत्र में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी के हस्ताक्षर होने का दावा किया जा रहा है। दैनिक भास्कर मोबाइल ऐप के एक पाठक ने हमें यह पत्र पुष्टि के लिए भेजा। पड़ताल में पता चला कि सोशल मीडिया का दावा झूठा है। खुद जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा ही इसे फर्जी बता दिया गया है।
क्या वायरल
- इस फर्जी पत्र को कई मीडिया संस्थानों जैसे,टाइम्स नाऊ, एबीपी न्यूज, ओपीइंडिया आदि ने भी प्रसारित-प्रचारित कर दिया।

- इसमें लिखा है कि 'कांग्रेस का महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन करना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। यह कांग्रेस के लिए खतरनाक और बेकार साबित होगा'।
- मीडिया आउटलेट्स के अलावा कई यूजर्स ने भी इस पत्र को सोशल मीडिया पर शेयर किया है।




क्या है सच्चाई
- जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा ही ट्वीट करके इस पत्र को फर्जी बताया गया है। संस्था ने ऐसा कोई पत्र कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को नहीं लिखा है। सोशल मीडिया में वायरल हो रहा लेटर फर्जी है।
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद का ये लेटर झूठ हैं। जमियत ने ऐसा कोई लेटर जारी नहीं किया।@ndtv @zeesalaamtweet pic.twitter.com/tN5lP6L4rs
— Jamiat Ulama-i-Hind (@jamiatulama_) November 18, 2019
- बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और रांकपा के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश में है। इसी सिलसिले में हाल ही में रांकपा चीफ शरद पवार ने सोनिया गांधी से मुलाकात भी की। हालांकि अभी तक गठबंधन को लेकर कोई भी तस्वीर सामने नहीं आ पाई है।