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मर्दानगी को चुनौती देकर सुर्खियों में आईं प्रिया रमानी अकेली महिला नहीं हैं। ऐसी कई महिलाएं हैं जिन्होंने पुरुषों को विभिन्न क्षेत्रों में चुनौती दी है। यहां राजनीति, व्यापार और सामाजिक आंदोलन के क्षेत्र की कुछ ऐसी ही महिलाओं के बारे में बताया जा रहा है। इनमें समानता यह है कि उन्होंने जनहित को चुना या वक्त की जरूरत को समझा और उस पर मेहनत कर खुद के लिए शीर्ष पर जगह बनाई।
कमला हैरिस: साल 2011 में कैलिफोर्निया की एजी रहते हुए कमला ने फोरक्लोजर संकट झेल रहे कैलिफोर्निया के मकान मालिकों के लिए 25 अरब डॉलर का सेटलमेंट जीता था। तब उनका शर्तें माने जाने तक, बड़े बैकों से बात न करने का फैसला चर्चा में रहा था। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि वे 2020 में अमेरिका की उपराष्ट्रपति चुनी गईं।
साई इंग-वेन: ताइवान की पहली महिला राष्ट्रपति साई के नेतृत्व में ताइवान में 200 दिन से कोविड-19 का एक भी स्थानीय मामला नहीं आया है और देश में महामारी के बाद से केवल 600 मामले आए और 7 मौतें हुई हैं। लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से ट्रेड लॉ में पीएचडी करने वाली साई 2020 में 57% लोकप्रिय मतों से चुनाव जीती थीं। उन्होंने सेम सेक्स मैरिज का मुद्दा उठाया था, जिसने उन्हें युवाओं में मशहूर बनाया।
सलिस्ट बार्बर: उनके सिर्फ 77 लाख इंस्टाग्राम फॉलोअर्स हैं, जो क्रिस्टिआनो रोनाल्डो के 25.3 करोड़ फॉलोअर्स के आसपास भी नहीं है, लेकिन उनके द्वारा चलाया गया चैरिटी अभियान, फेसबुक के इतिहास में सबसे बड़ा अभियान है। किसी ने सोचा नहीं था कि वे ऑस्ट्रेलियाई जंगलों में लगी भीषण आग से राहत के लिए चलाए गए पैसे जुटाने के अभियान की एम्बेसडर बन जाएंगी। इसके जरिए 5.13 करोड़ ऑस्ट्रेलियन डॉलर जुटाए।
शानी ढांडा: आस्टियोजेनेसिस इम्परफेक्टा (कमजोर हडि्डयों का एक रोग) के साथ पैदा हुई शानी के पैर 14 की उम्र तक 6 बार टूट चुके थे, लेकिन उनकी मां ने उनसे अलग व्यवहार नहीं किया। इसलिए उन्होंने मदद नहीं, बल्कि बदलाव मांगना सीखा। इस दिव्यांगता मामलों की वकील ने 2019 में ‘डाइवर्सेबिलिटी कार्ड’ की शुरुआत की, जो यूके का पहला दिव्यांगों का डिस्काउंट कार्ड था, जिसका उद्देश्य वित्तीय दबाव कम करना और दिव्यांगों के परिवारों की 795 अमेरिकी डॉलर तक के अतिरिक्त खर्च को वहन करने में मदद करना था। शानी पूरे यूके के दिव्यांगों के जीवन में बड़ा बदलाव लेकर आईं।
एनगोज़ी ओकोनजो-इविआला: ये वैश्विक अर्थशास्त्री हाल ही में विश्व व्यापार संगठन की पहली महिला और अफ्रीकी डायरेक्टर बनी हैं। हार्वर्ड और एमआईटी से ग्रेजुएट एनगोज़ी ने नाइजीरिया का 30 अरब डॉलर कर्ज माफ करने के लिए पैरिस क्लब ऑफ क्रेडिटर्स को मनाया था। उन्होंने वर्ल्ड बैंक में 25 साल काम किया।
जोई वाट: चीन में प्लास्टिक के फूलों की फैक्टरी में काम करने वाली नौ वर्षीय लड़की कभी सोच भी नहीं सकती थी कि वो फॉर्च्यून 500 कंपनी की सीईओ बन सकती है। आज जोई ऐसी कंपनी की सीईओ हैं, जो 10 हजार रेस्त्रां चलाती है, जिसमें पिज्जा हट और केएफसी शामिल हैं। जोई के कार्यकाल से पहले, डिजिटल मौजूदगी न होने के कारण ‘यम चाइना’ कंपनी का लाभ गिर रहा था। जोई ने बिजनेस में डिजिटल पेमेंट को 97% तक पहुंच दिया है।
पॉजिटिव- आप अपने व्यक्तिगत रिश्तों को मजबूत करने को ज्यादा महत्व देंगे। साथ ही, अपने व्यक्तित्व और व्यवहार में कुछ परिवर्तन लाने के लिए समाजसेवी संस्थाओं से जुड़ना और सेवा कार्य करना बहुत ही उचित निर्ण...
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