खेल की सार्वकालिक महान हस्तियों में से एक सेरेना विलियम्स ने इस हफ्ते की शुरुआत में घोषणा की कि वह जल्द ही टेनिस से दूर हो जाएंगी। इसका मतलब है कि वह पेशेवर टेनिस से विदा लेकर जिंदगी में बाकी महत्वपूर्ण चीजों की ओर रुख करेंगी। वोग मैग्जीन में 40 वर्षीय सेरेना ने लिखा, ‘मुझे रिटायर शब्द कभी पसंद नहीं, मेरे कॅरिअर को परिभाषित करता हुआ सबसे अच्छा शब्द शायद यही होगा कि मैं टेनिस से अब दूसरी चीजों की ओर बढ़ रही हूं।’
वह 14 साल की उम्र में पेशेवर बनीं और 1999 में 17 साल की उम्र में पहला ग्रैंड स्लैम जीता। इन 27 सालों में खेल के शीर्ष पर रहते हुए वह सबसे लंबे कॅरिअर में मजबूती से टिकी रहीं और 23 ग्रैंड स्लैम सिंगल चैंपियनशिप जीतने के साथ कुल 752 करोड़ रुपए की कमाई की और विज्ञापनों से और भी ज्यादा कमाया। इस हफ्ते कनाडा में नेशनल बैंक ओपन में खेलीं, हालांकि हार गईं।
अब अगले हफ्ते ओहिया में वेस्टर्न और साउदर्न ओपन में खेलेंगी और महीने के आखिर में यूएस ओपन में खेलेंगी। हालांकि यह साफ नहीं कि किस मैच के बाद वह रिटायर होंगी, उन्होंने अपनी बात में कहा कि ‘काउंटडाउन शुरू हो गया है। मुझे एक मां होने पर फोकस करना है, मेरे आध्यात्मिक लक्ष्यों और अंतत: एक अलग पर उतना ही रोचक सेरेना को खोजना है।’
मैं 1970 के दशक में ब्योर्न बोर्ग-जॉन मेकनरो के दिनों से ही टेनिस को फॉलो कर रहा हूं और दशकों से ज्यादातर खिलाड़ियों का प्रशंसक रहा हूं, इसमें मार्टिना नवरातिलोवा, विलियम्स बहनें-सेरेना और वीनस के अलावा मेरे ऑल टाइम फेवरेट रोजर फेडरर हैं। जब इतने बड़े कद के लोग बड़ी घोषणा करते हैं तो मैं उन्हें ध्यान से पढ़ता हूं।
मेरा अनुमान है कि सेरेना की निगाहें अपनी जिंदगी के 24वें टाइटल पर होंगी क्योंकि वह मार्गरेट कोर्ट के 24 ग्रैंड स्लैम के ऑल टाइम रिकॉर्ड से एक कदम दूर हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि वह इतनी दृढ़निश्चयी हैं कि 2017 में गर्भ में बेटी होने के बावजूद ऑस्ट्रेलियन ओपन जीता था। महज सात साल पहले जब उनके खाते में 19 ग्रैंड स्लैम थे और उसने क्रिस एवर्ट और मार्टिना नवरातिलोवा के 18 खिताबों का रिकॉर्ड तोड़ा, तो मेरी तरह एक रिपोर्टर ने उनसे पूछा, अगला कौन-सा रिकॉर्ड है?
वह मुस्कुराईं और तुरंत बोलीं- ‘स्टेफी ग्राफ’ स्टेफी के खाते में उस समय 22 टाइटल थे। बिना हिचकिचाहट के उन्होंने एक लाइन जोड़ी, ‘वो रिकॉर्ड मैं देख सकती हूं, पर महज आप रिकॉर्ड देख सकते हैं, इसका ये मतलब नहीं कि आप पहुंच भी सकते हैं।’ और यहीं पर मैंने उनकी कहानी को बदलते हुए देखा। फिर भी उन्होंने इन वर्षों में चार और खिताब जोड़े। दिलचस्प है कि उन्होंने इस हफ्ते अपने आर्टिकल में उसके बारे में लिखा था।
उन्होंने कहा, ‘मैं झूठी हो जाऊंगी, अगर मैं कहूं कि मुझे 24वां रिकॉर्ड नहीं चाहिए।’ लेकिन वह यह तथ्य भी जानती हैं कि उन्होंने अब तक 23 खिताब ही जीते हैं। मायने ये रखता है कि 27 साल के इस अभूतपूर्व-महत्वपूर्ण कॅरिअर में वह टेनिस में उस स्तर तक पहुंची, जो कि महिलाओं के खेल में इससे पहले कभी नहीं देखा गया।
रिटायर होने से पहले किसी व्यक्ति के विचारों का कोई अंत नहीं कि ‘मुझे और चाहिए’ या ‘मैं वो कलेक्शन का वो आखिरी रिकॉर्ड भी कायम करना चाहती हूं।’ मैंने उनसे जो सीखा वो ये कि आकांक्षाओं को वर्तमान उपलब्धियों के साथ बैलेंस करना साथ ही दूसरे क्षेत्र में आगे बढ़ जाना ही जिंदगी के लिए जरूरी है।
फंडा यह है कि अच्छे पेशेवर कभी रिटायर नहीं होते, वे अपने शरीर, आत्मा की सुनते हैं और जिंदगी के अगले पड़ाव की ओर बढ़ जाते हैं, जिसे कई लोग दूसरी ओर बढ़ना कहते हैं ना कि रिटायर होना।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.