आपने अकसर अपने ऑफिस के साथियों को यह कहते सुना होगा कि ‘चल, चाय या कॉफी मारके आते हैं’ या जब कोई कस्टमर या विजिटर आता है और आप उन्हें कोई पेय पदार्थ ऑफर करते हैं तो सामान्यतया पूछते हैं, ‘आप क्या लोगे- चाय या कॉफी?’ जिस पर विजिटर तुरंत जवाब देते हैं, ‘आप लेंगे तो मैं भी थोड़ी कॉफी पी लूंगा।’ तब आप ऑफिस अटेंडेंट को बुलाकर दो कप कॉफी लाने को कह देते हैं।
किसी भी शहर के व्यस्ततम सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट में स्थित किसी ऑफिस का यह रोजमर्रा का दृश्य है। उस एरिया में सबसे व्यस्त व्यक्ति चायवाला ही होता है, जिसका स्टोव हफ्ते के छह दिन लगभग 16 घंटे तक चलता रहता है। आधुनिक चायवालों ने अब कपूचीनो या एक्सप्रेसो जैसे आइटम जोड़कर खुद को अपग्रेड कर लिया है, क्योंकि कटिंग चाय की तुलना में इनमें ज्यादा मुनाफा होता है।
ऑफिस टाइम के दौरान ज्यादा मुनाफे के लिए वे इन हाई-एंड पेय पदार्थों को अधिक बढ़ावा देते हैं। अगर आप अपने आसपास देखें तो पाएंगे कि स्टारबक्स से लेकर सीसीडी तक अनेक शॉप्स मौजूद हैं, जिनसे आने वाली कॉफी बीन्स ग्राइंडिंग मशीन की खुशबू जाने-अनजाने आपको चाय के बजाय कॉफी को चुनने के लिए प्रेरित करती है। लेकिन अगर आप मेरी तरह उन लोगों में शुमार हैं, जिन्हें रोज काम पर अनेक कप कॉफी पीना पड़ती है और अगर आप कैफीन का ज्यादा सेवन कर रहे हैं तो यह जानकारी आपके संडे-रीड के लिए है।
मैं रोज छह से सात कप कॉफी पीता आ रहा हूं और मुझे कभी नींद में परेशानी नहीं आई थी, लेकिन हाल में मुझे यह समस्या आने लगी। खासतौर पर कोविड के दिनों के बाद जब मेरा कॉफी का सेवन बढ़ गया और मैं इन चायवालों की मॉडर्न सेल्स गिमिक्स का शिकार हो गया।
जब मुझे समझ आया कि मैं सामान्य से ज्यादा कॉफी का सेवन कर रहा हूं तो मैंने कॉफी में कटौती शुरू कर दी, जिससे मुझे विड्रॉल सिम्पटम्स आने लगे, जैसे सिरदर्द, डगमगाहट और चिड़चिड़ापन। तब मैंने कॉफी बीन के इतिहास की गहरी पड़ताल की और पाया कि आजकल अधिकतर कॉफी शॉप अरैबिका बीन की तुलना में जिस रोबस्टा बीन का इस्तेमाल करते हैं, उसमें दोहरी मात्रा में कैफीन होती है। कुछ सेलर इसे एक्स्ट्रा स्ट्रॉन्ग कॉफी कहकर बेचते हैं, जिसका मतलब हम कॉफी के गहरे रंग से निकालते हैं, जबकि जितना अधिक कैफीन होगा, उतना ही कॉफी का स्वाद स्ट्रॉन्ग होगा।
अगर आप सोच रहे हैं कि रोज कितनी मात्रा में कॉफी पीना सुरक्षित है तो एक यूरोपियन फूड सेफ्टी एजेंसी के मुताबिक इसका जवाब है, 400 मिलीग्राम कैफीन, जो कि घर पर निर्मित कॉफी के चार सामान्य कप के बराबर है। लेकिन अगर स्टारबक्स- जिसकी कॉफी के हर प्याले में 66 मिलीग्राम कैफीन होती है- को छोड़ दें, तो शेष सभी हाई-एंड कम्पनियों की कॉफी के हर कप में तीन अंकों में इससे कहीं अधिक मात्रा में कैफीन होती है।
कुछ के यहां तो प्रतिकप 325 मिलीग्राम तक कैफीन पाई जाती है। अंतत: मैंने निष्कर्ष निकाला कि मेरी अनिद्रा का गहरा ताल्लुक मेरी बढ़ती उम्र से भी है और इसके लिए अपनी कॉफी को छोड़ देना समाधान नहीं होगा। आजकल मैं चुनिंदा बीन्स से निर्मित निश्चित मात्रा में कॉफी का सेवन करता हूं और मुझे गहरी नींद आती है। लेकिन समस्या की जड़ तक जाने में मुझे लगभग तीन महीने लग गए।
फंडा यह है कि अपने शरीर से मिल रहे संकेतों को सुनें और उनके आधार पर समस्याओं का समाधान तलाशने की पुरजोर कोशिश करें। अगर आप एक सजग जीवन बिता रहे हैं तो यह एक अच्छी आदत है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.