इस गुरुवार मैं अपनी 18 घंटे लम्बी यात्रा के बाद पहली बार अच्छा भोजन कर रहा था। मैं तुर्की के अंतालिया शहर के टाइटैनिक मैर्डन पैलेस होटल पहुंचा था। यह तुर्की के सबसे बड़े होटलों में से एक है और 100 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला है। इसमें 750 कमरे हैं।
यहां अकसर भव्य भारतीय शादियां आयोजित होती हैं और यह हमेशा भरा रहता है। वहां सात बड़े स्विमिंग पूल्स हैं। एक बड़ा इनडोर पूल तो एक साथ 100 तैराकों को समायोजित कर सकता है। अगर कोई व्यक्ति इस होटल की तमाम लग्जरियों को देखना भर चाहता है तो केवल इसी के लिए उसे कम से कम दस किमी तक चलना होगा।
जो चल नहीं सकते, उनके लिए वहां बैटरी से चलने वाली कारों की सुविधा है। अंतालिया के तमाम होटलों के बारे में एक अनूठी बात यह है कि मेहमान के रूप में होटल परिसर में प्रवेश करने के बाद आप कुछ भी खा या पी सकते हैं। इसके लिए पृथक से भुगतान करने की जरूरत नहीं है। होटल के चार्जेस में ही सब सम्मिलित रहता है। होटल में 10 से भी अधिक आउटलेट्स पर 450 से अधिक प्रकार के व्यंजन उपलब्ध थे? और वह भी केवल नाश्ते में।
मैंने एक साधारण-सी स्टिकी-राइस डिश ली। उसके साथ मैंने ग्रैवी वाली बैंगन की एक डिश ली, क्योंकि भारतीय सब्जी के सबसे निकटतम वही चीज थी। मैं सर्विंग एरिया से केवल तीन फीट की दूरी पर बैठा था, लेकिन मैं रेस्तरां की ओर पीठ किए हुए था। मेरे सामने नीले समुद्र का दृश्य था।
मैंने अपना पहला राउंड पांच मिनट में खत्म किया और जब मैं लौटकर गया तो मैंने पाया कि तमाम फूड वैरायटीज पहले ही ट्रॉली में भर दी गई थीं और उन्हें फिर से किचन ले जाया जा रहा था। शायद एक निर्धारित समय पर डाइनिंग एरिया बंद हो जाता था और वे उसे किसी भी व्यक्ति के लिए एक मिनट भी आगे नहीं बढ़ाते।
पहली नजर में यह बड़ा अभद्रतापूर्ण लगता है कि बिना किसी पूर्व-सूचना के डाइनिंग एरिया बंद कर दिया जाए। क्योकि उस समय मेरे जैसे अनेक लोग भोजन कर रहे थे। लेकिन जांच करने पर पता चला कि एक बार जब टाइमिंग आगे बढ़ाई गई थी तो होटल में ठहरे मेहमान नाश्ते के समय को लंच तक बढ़ाते रहे थे, जिससे होटल की कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही थी। 1500 मेहमानों से भरे होटल के पास इतना समय नहीं होता कि निर्धारित टाइमिंग को थोड़ा भी आगे बढ़ाएं।
अगले दिन जब सभी मेहमानों ने हर वेन्यू की स्ट्रिक्ट टाइमिंग का पालन किया तो अनेक को यह महसूस हुआ कि हाउसकीपिंग स्टाफ सभी के साथ बहुत विनम्रता से पेश आ रहा था और यह सुनिश्चित कर रहा था कि हर मेहमान को संतुष्टि मिले।
इतने बड़े होटल में एक भी ऐसी जगह नहीं थी, जहां अटेंडर्स मौजूद न हों, जबकि उसके विभिन्न रेस्तरां में हर समय 300 से ज्यादा लोग भोजन कर रहे होते हैं। यकीन मानिए, साल के 365 दिन इतनी बड़ी संख्या में मौजूद मेहमानों- जिन्होंने खासा पैसा चुकाया है- की आवभगत करना बहुत तनाव वाला काम है।
ऐसे में अगर आप होटल के नियमों का पालन नहीं करते तो कर्मचारियों को आपको ना कहने के लिए भी प्रशिक्षित किया जाता है, लेकिन वे वैसा चेहरे पर बड़ी-सी मुस्कान लेकर करते हैं। वे आपको नियमों का उल्लंघन भले न करने दें, लेकिन आपकी प्रसन्नता बनाए रखते हैं और यह हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री का बुनियादी उसूल है।
फंडा यह है कि आप नियमों का सख्ती से पालन करते हुए भी बेहतरीन हास्पिटैलिटी मुहैया करा सकते हैं, नियमों का पालन करने का मतलब अभद्र होना नहीं है।
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