अगर आपको लगता है कि प्रौद्योगिकी की दुनिया में हाल में हुई छंटनियों के कारण टेक-टैलेंट्स के भविष्य पर स्याह बादल मंडराने लगे हैं तो मैं आपको बताना चाहूंगा कि ऐसी जगहों पर नए अवसर भी उनकी राह देख रहे हैं, जहां आपने पहले झांककर नहीं देखा था। डिजिटाइजेशन के कारण नौकरियों की दुनिया में जो व्यवधान आया है, उसके बाद गैर-टेक उद्योग और संगठन भी टेक-टैलेंट्स की भर्ती के लिए अपनी पहुंच को बढ़ा रहे हैं।
नतीजतन, अकेले 2020 से 2022 के दौरान तकनीकी दुनिया की प्रतिभाओं की मांग में 50 से 60% का इजाफा हो चुका है। लेकिन आखिर गैर-टेक उद्योगों में टेक-प्रतिभाओं को नौकरियां मिलने के क्या कारण हो सकते हैं? और किस तरह की नौकरियां उन्हें मिल रही हैं?
डिजिटल उत्पादों और समाधानों के जरिए ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाना : अब जब संस्थाएं अपने उत्पादों और समाधानों को ग्राहकों तक सुचारु रूप से पहुंचाने के लिए टेक्नोलॉजिकल इनोवेशंस की ओर अधिक से अधिक देख रही हैं तो टेक-टैलेंट्स की जरूरत भी बढ़ती जा रही है।
मिसाल के तौर पर आईवियर प्लेटफॉर्म लेंसकार्ट ने किसी भी अन्य प्रतिस्पर्धी ब्रांड की तुलना में डिजिटल दुनिया को ज्यादा बेहतर तरीके से अपनाया है। वह एक 3-डी ट्राय-ऑन तकनीकी के माध्यम से ग्राहकों को घर बैठे अपनी पसंद के चश्मों को ट्राय करके देखने और बुक करने की सुविधा दे रहा है।
परम्परागत रूप से ऑफलाइन रहने वाली हेवी इंडस्ट्रीज़- जैसे कि ऑटोमोबाइल- भी इस दिशा में आगे बढ़ रही हैं। मर्सिडीज़-बेंज़ इंडिया ने 2022 में एक डी2सी डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया था, जो अपने ग्राहकों को ऑनलाइन कार खरीदने की सुविधा देता है। मात्र चार महीनों के अंतराल में उसने 3000 कारें बेच दीं।
डाटा की मदद से ग्रोथ को बढ़ावा
अपने ग्राहकों की पसंद, जरूरतों, उनके व्यवहार व रुचियों के बारे में बेहतर समझ बनाने के लिए कारोबारी संगठन निरंतर डाटा एनालिटिक्स की सेवाएं ले रहे हैं। नतीजतन, भारतीय बाजार में बीते 12 से 18 महीनों में ही डाटा एनालिटिक्स और डाटा साइंस के क्षेत्र की नौकरियों में लगभग 50% का इजाफा हुआ है।
इनमें से आधी मांग रिटेल, लॉजिस्टिक्स, बीएफएसआई, फार्मास्युटिकल्स, हेल्थकेयर जैसे गैर-टेक क्षेत्र के संगठनों से आ रही हैं। मीडिया और मनोरंजन की दुनिया में भी डाटा साइंटिस्टों की खासी डिमांड है, क्योंकि 2023 में भारत के ओटीटी बाजार के 23.3% की सालाना दर से बढ़ने का अनुमान है।
एआई का उदय
महामारी के बाद से वित्त और रिटेल क्षेत्र में एआई की आजमाइश तेजी से बढ़ी है। 2022 में 57% कारोबारी संगठन अपनी बिज़नेस-प्रक्रियाओं को सुधारने और ग्राहकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए एआई का उपयोग कर रहे थे। अमेजन और स्टारबक्स जैसी कम्पनियां ग्राहकों से संवाद करने के लिए एआई का इस्तेमाल कर रही हैं और डायनैमिक प्राइसिंग, पर्सनलाइज्ड शॉपिंग लिस्ट्स और बेहतर प्रमोशनल ऑफर्स की सुविधाएं दे रही हैं।
जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी दुनिया की इकोनॉमी को नया आकार देती जा रही है, परम्परागत कम्पनियां भी अधिक संख्या में ऐसे प्रोफेशनल्स की नियुक्ति कर रही हैं, जो प्रोडक्ट इंजीनियरिंग, डिजिटलाइजेशन, डाटा साइंस और एआई जैसे क्षेत्रों से सम्बद्ध हैं। टेक-कम्पनियों का रुख सामान्यतया अधिक सेवा-केंद्रित भूमिकाओं की तरफ रहता है, वहीं परम्परागत गैर-टेक संगठन प्रोडक्ट डेवलपमेंट, आरएंडडी और एआई जैसी उच्चस्तरीय तकनीक मुहैया करा रही हैं।
बीते तीन सालों में हमने टैग्ड में टेक-टैलेंट की खोज के प्रति एक महत्वपूर्ण झुकाव देखा है। परम्परागत मैन्युफेक्चरिंग और इंजीनियरिंग संगठन अब इंडस्ट्रीयल-इंजीनियरिंग कम्पनियों के बजाय इंडस्ट्रीयल-सॉफ्टवेयर कम्पनियां बनती जा रही हैं। जटिल सिस्टम को बनाने, संचालित करने और उसके रखरखाव के लिए ऊंचे दर्जे की सॉफ्टवेयर कुशलता की जरूरत होगी।
मशीन-लर्निंग की बढ़ती दक्षता, बिग डाटा, प्रीडिक्टिव एनालिटिक्स और इस जैसी ही अन्य आधुनिकतम तकनीकों की मदद से टेक-टैलेंट्स ऐसे उत्पाद उत्पन्न कर सकते हैं, जो ग्राहकों की जरूरतें पूरी करें और साथ ही डिटिजल ट्विन, एडवांस्ड रोबोटिक्स, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, वर्चुअल रियल्टी जैसी आने वाले कल की सेवाओं के लिए शोध और विकास भी करें।
आज ग्राहकों को फिजिकल उत्पादों के परे जाने की जरूरत महसूस होती है और टेक-टैलेंट्स डिजिटल समाधानों का विकास कर सकते हैं। अगर आपमें तकनीकी कौशल है तो यह आपके लिए उपयुक्त समय है।
(ये लेखक के अपने विचार हैं)
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