किसी को सुखी देखें तो यह मत मान लें कि उसकी जिंदगी में सब ठीक चल रहा है। जो कुछ भी चल रहा है, उसको ठीक बनाने की उसकी यह दृष्टि है। इसलिए वो सुखी दिखता है। राम ऐसे ही सुखी व्यक्ति थे। वह दुख में भी दिखेंगे तो पूरे सुख के साथ।
यूं तो श्रीराम की कई विशेषताएं हैं, पर आज रामनवमीं पर एक विशेषता याद रखें कि जब वो अपने बाणों से किसी का वध करते तो बाण वापस लौटकर आ जाते थे। बाणों का जाकर काम करना और लौटकर तरकश में आना बड़ी प्रतीकात्मक घटना है।
राम सिखाते हैं जीवन बाहर की गतिविधियों का और भीतर के शून्य का संतुलन है। दुनिया में सब अर्जित करो, जिसके लिए आए हो। लेकिन फिर अपने भीतर उतरो। ध्यान करो, योग करो और खुद को शांत रखो। इस काम के लिए हनुमान चालीसा रूपी मंत्र बड़े उपयोगी हैं।
हनुमान चालीसा की प्रत्येक पंक्ति रामबाण है। संस्कार टीवी पर आज शाम को 7 से 8 बजे रायपुर से एक कार्यक्रम प्रस्तुत होगा। इसके साथ हनुमान चालीसा का पाठ करें ताकि जीवन में शोर व शाति का संतुलन बना सकें। खूब काम करते हुए सफलता के साथ शांत रहना है। यही रामनवमी का संदेश है।
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