कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) भविष्य को बदलने जा रही है। यूं तो इसे प्रगति का एक लंबा रास्ता तय करना है लेकिन वो अपनी मंजिल पर हमारी सोच से भी पहले पहुंचने वाली है। यह जानना दिलचस्प होने के साथ-साथ आकर्षक भी है कि कैसे ये नवीनतम प्रौद्योगिकियां जीवन जीने का अंदाज बदल रही हैं।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के एक शोध के अनुसार अगले कुछ वर्षों में एआई जीवन का एक अभिन्न अंग बन जाएगी, जो मानव बौद्धिक क्षमता को पार करके बुद्धिमत्ता के उच्चतम शिखर तक पहुंच जाएगी। वैसे तो आज के एआई में कोई रचनात्मकता नहीं है और करुणा या प्रेम की भी कोई क्षमता नहीं है।
यह मानव रचनात्मकता को बढ़ाने का एक उपकरण मात्र है। लेकिन अपनी शारीरिक-मानसिक संरचना की सीमाओं के चलते वो कार्य, जिन्हें करना मनुष्य के लिए संभव नहीं होता, एआई संपन्न मशीनें आसानी से कर देंगी। एआई में दुनिया भर की आबादी के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने की असीमित क्षमता है।
ज्ञान (नॉलेज) इंजीनियरिंग के साथ शुरू हुई विकासवादी चौथी औद्योगिक क्रांति वर्तमान समय के नवीनतम आविष्कार एआई के बलबूते पर ना सिर्फ नए उत्पादों-सेवाओं को बढ़ावा दे रही है बल्कि हमारे व्यक्तिगत जीवन की दक्षता और खुशियों को भी बढ़ाने का काम करेगी।
जीवन उपयोगी सभी प्रणालियां भविष्य में और भी सरल होकर आसानी से उपलब्ध होंगी। इसके साथ ही तकनीकी नवाचार दक्षता-उत्पादकता में लाभदायक बदलाव के साथ ही वस्तुओं और सेवाओं के प्रदाय को आसान बनाएंगे।
घरों में स्वत: सफाई करने वाले रोबोट से लेकर वॉइस ऑटोमेशन तक एआई ने तेजी से प्रगति की है। निर्माण के क्षेत्र में एआई संचालित रोबोट काम कर रहे हैं, भविष्य में ये वास्तु कला, ढांचा डिजाइन, निर्माण प्रबंधन आदि कार्य भी स्वत: करने में सक्षम हो जाएँंगे।
स्वास्थ्य सेवा उद्योग में इनके उपयोग से मानवीय गलतियों को रोका जा सकेगा। एआई संचालित पूर्वानुमान लगाने में सक्षम प्रणाली किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों जैसे जन्म स्थान, खाने की आदतों, प्रदूषण के स्तर आदि को समझ कर किसी आनुवंशिक या पुरानी बीमारी के पुनः विकसित होने की संभावना का पता लगा लेगी और उसके उभरने से पहले ही खत्म करने के लिए निवारक उपचार का सुझाव देगी। शिक्षा क्षेत्र में आभासी (वर्चुअल) शिक्षक मानव शिक्षकों को प्रभावी शिक्षा प्रदान करने में सहायता करेगा।
बैंकिंग में एआई का वैश्विक व्यापार मूल्य 2030 के अंत तक 300 बिलियन डालर तक पहुंचने का अनुमान है। जिस प्रकार विद्युत शक्ति की खोज ने वैश्विक स्तर पर आमूल-चूल परिवर्तनों की नींव रखी थी, उसी तरह एआई भूख, गरीबी और विभिन्न बीमारियों के उन्मूलन की दिशा में सहायक होगी।
एआई से जीवन में होने वाले बदलाव अलगाव लाने वाले नहीं होंगे। पुराने-नए उद्योग, तकनीक, उत्पादन के तरीके सह अस्तित्व में मौजूद रहेंगे। यह मानव सभ्यता के लिए वरदान साबित होगी।
(ये लेखक के अपने विचार हैं)
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