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कोरोना वैक्सीन लगा हो या न लगा हो, आपको सावधानी तो रखना ही होगी। बाहर की सावधानियां तो वे ही हैं कि मास्क पहनना है, दूरी बनाए रखना है। लेकिन, एक सावधानी आध्यात्मिक दृष्टि से भी रखिए, जो है अपने भीतर की त्रिगुणवृत्ति को पहचानना। भीतर से हम तीन चीजों से बने हैं, सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण। जब सतोगुण बढ़ता है तो हम अच्छे काम करते हैं, हमारी वृत्ति सात्विक होती है। या कहें पूरी तरह संतुलन और सावधानी का नाम सतोगुण है।
रजोगुण का अर्थ होता है गतिशील रहना। जिस भी क्रिया से लाभ या संतुष्टि मिले, वह कर लेना। जो असावधानी दिख रही है या जो लोग दु:साहसी नजर आ रहे हैं, उनका रजोगुण अधिक बढ़ा हुआ है, तो वह उनसे ऐसे ही काम करवाएगा। अब बात आती है तमोगुण की। तमोगुण का मतलब होता है आलस्य, दुर्गुणों का घेरा और गति को रोक देने वाला। हम सब में थोड़ा-बहुत तमोगुण होता ही है।
बिना इसके हम रह भी नहीं सकते। तो कोशिश ऐसी कीजिए कि तमोगुण बढ़कर हमसे गलत काम न करा ले और रजोगुण हमें दु:साहसी बनाकर लापरवाह न कर दे। सबसे अच्छा है भीतर सतोगुण बढ़ाइए। नियमित जीवन, संतुलित भोजन और नियंत्रित मन, ये तीन बातें सतोगुण में वृद्धि करेंगी। फिर वैक्सीन लगे या न लगे, आप सुरक्षित रहेंगे..।
पॉजिटिव- आप अपने व्यक्तिगत रिश्तों को मजबूत करने को ज्यादा महत्व देंगे। साथ ही, अपने व्यक्तित्व और व्यवहार में कुछ परिवर्तन लाने के लिए समाजसेवी संस्थाओं से जुड़ना और सेवा कार्य करना बहुत ही उचित निर्ण...
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