राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े संगठन पूरे राजस्थान में अगले एक वर्ष में 50 लाख पौधे लगाएंगे। इसकी शुरुआत गुरुवार से हो रही है। यह अभियान 12 जनवरी से शुरू होकर 14 जनवरी 2024 तक चलेगा। देश में अब तक जितने भी पौधारोपण के अभियान चले हैं, उनसे यह पूरी तरह से अलग है क्योंकि इसमें बीज बोने से पौधारोपण की शुरुआत की जाएगी न कि नर्सरी से लाए गए पौधों को लगाने से। अभियान को आरएसएस ने एक पेड़ राम का, एक पेड़ धर्म का और एक पेड़ राष्ट्र का थीम दी है।
इसके तहत संगठन ने एक परिवार के जरिए एक पौधा लगाने का लक्ष्य तय किया है। पौधा कहीं भी किसी नर्सरी से खरीद कर नहीं लगाया जाएगा। बीजों को संगठन के प्रतिनिधि परिवारों को वितरित करेंगे। बीज उनके घर-आंगन में गमले या बगीचे में बोया जाएगा। फिर उनका पौधा बनने पर उन्हें वृक्ष बनाने के लिए किसी पार्क, जंगल, स्कूल, कॉलेज या किसी अन्य सार्वजनिक स्थान पर रोपा जाएगा।
इस अभियान के राजस्थान संयोजक विनोद मेलाना ने भास्कर को बताया कि पौधे लगाने के कार्यक्रम पहले भी बहुत से संगठनों ने किए हैं। पौधे लगाने मात्र से व्यक्ति या परिवारों का उनसे जुड़ाव नहीं हो पाता। अधिकांश पौधे तो पानी की कमी या रख-रखाव के खत्म हो जाते हैं। इसलिए हमने बीज देकर घर में ही पौधा बनाने का जुड़ाव परिवारों से स्थापित करने की कोशिश है।
12 महीनों में होंगे अलग-अलग कार्यक्रम
बीज से पौधा बनाने पर जुड़ाव की भावना विकसित करने का लक्ष्य
संगठन ने इस अभियान को बीज से जोड़ा है। बीज को बोने जाने से लेकर 10-15 दिनों तक जब लोग अपने घर में ही पौधा बनते देखेंगे तो उनका उससे जुड़ाव स्थाई होगा। पौधा बड़ा होने पर संबंधित परिवार उसे अपने किसी भी इच्छित स्थान पर लगा सकेगा।
50 लाख परिवारों तक सीधे सम्पर्क बनेगा संगठन का
50 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य है, ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में परिवारों तक संगठन का सीधा सम्पर्क बनेगा। इनमें से जितने भी परिवार संगठन की गतिविधि के सम्पर्क में आएंगे उनका सम्पर्क पूरे वर्ष भर बना रहेगा। ऐसे में एक विशाल वर्ग तक संगठन अपनी पहचान बना सकेगा।
इको मित्रम ऐप भी बनाया गया है
संगठन ने इस पूरे अभियान को चलाने के लिए इको मित्रम (eco mitram) नाम से ऐप भी बनाया है। जिसमें पौधारोपण के विषय में मिट्टी, पानी, खाद, रोग, दवाई आदि के बारे में विस्तृत जानकारी परिवारों को उनके मोबाइल पर मिलती रहेगी।
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