बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की जयपुर में 1 दिसंबर को हुई सभा में खाली रहीं कुर्सियों को मुद्दा तूल पकड़ने लगा है। भीड़ नहीं जुटने से शीर्ष नेतृत्व नाखुश है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ अब तक के सबसे बड़े आंदोलन की शुरुआत ही खराब रही और वो भी राजधानी जयपुर से। पिछले एक-दो दशक में ऐसा पहली बार हुआ है जब भाजपा का कोई राष्ट्रीय अध्यक्ष जयपुर आया हो और उनकी सभा में कुर्सियां खाली रह गईं।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की सभा में कुर्सियां खाली रहने पर राजस्थान सरकार के खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास सहित कांग्रेस के कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर मजाक भी बनाया।
सूत्रों का कहना है कि जन आक्रोश आंदोलन और रथ यात्रा के तुरंत बाद ही बीजेपी के राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने भाजपा के शहर अध्यक्ष राघव शर्मा को अपनी नाराजगी भी जाहिर कर दी। नाराजगी शर्मा से आगे 3 विधायकों कालीचरण सराफ, नरपत सिंह राजवी और अशोक लाहोटी तक भी पहुंची।
सूत्रों का कहना है कि इस सभा में कार्यकर्ताओं और आम लोगों को लाने की जिम्मेदारी शहर अध्यक्ष शर्मा के अलावा इन्हीं तीनों विधायकों के पास थी। अब हो सकता है कि सरदार शहर उप चुनाव निपटने के बाद इसको लेकर इन नेताओं को नोटिस भी दिया जाए।
मालवीय नगर से विधायक कालीचरण सराफ ने भास्कर को बताया कि शहर भाजपा संगठन ही सभा की जिम्मेदारी संभाल रहा था। ऐसे में वे ही बता सकते हैं कि सभा स्थल पर लोग बड़ी संख्या में क्यों नहीं जुटे।
उधर, भाजपा के शहर अध्यक्ष राघव शर्मा ने भास्कर को बताया कि कार्यक्रम गुरुवार को था, वर्किंग डे था। ऐसे में लोगों को जुटाना थोड़ा मुश्किल रहा। कुछ हमारे बीच कम्युनिकेशन गैप कार्यक्रम के समय को लेकर हो गया। कार्यक्रम भीड़ भरे ट्रैफिक वाले इलाके में था। हम सुबह 10.30 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच कार्यक्रम की टाइमिंग को लेकर थोड़े कन्फ्यूज रहे। इसलिए कम संख्या में ही कार्यकर्ताओं को जुटा सके। फिर एक बार जब राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा का भाषण शुरू हुआ तो बड़ी संख्या में लोग कार्यक्रम में आ गए थे और कार्यक्रम बहुत सफल रहा।
नड्डा को एयरपोर्ट की वीआईपी लाउंज में ही रोकना पड़ा
दशहरा मैदान में जब नड्डा की सभा होनी थी, तो राष्ट्रीय अध्यक्ष तय समयानुसार जयपुर एयरपोर्ट पहुंच गए थे, लेकिन उनको सभा स्थल पर नहीं लाया गया, क्योंकि उस समय तक सभा स्थल पर लोग नहीं जुटे थे। ऐसे में नड्डा को एयरपोर्ट पर ही वीआईपी लाउंज में रोका गया। उनके साथ प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी मौजूद थे। नड्डा अगर उसी वक्त सभा स्थल पर पहुंच जाते तो शायद पूरा सभा स्थल ही खाली नजर आता। वे जब एयरपोर्ट पर रुके तो भाजपा नेताओं ने इधर-उधर फोन कर लोगों को दशहरा मैदान पर पहुंचने को कहा। सभास्थल पर एक-डेढ़ घंटे बाद थोडे़-बहुत लोग पहुंचने शुरू हुए और जेपी नड्डा को एयरपोर्ट से सभा स्थल पर लाया गया। हालांकि कार्यक्रम शुरू होने के बाद भी बहुत देर तक वो मैदान पूरा नहीं भरा। इससे भी नड्डा ने नाराजगी जाहिर की। इसके बाद राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह ने प्रदेश भाजपा के पदाधिकारियों को खरी-खोटी सुनाई।
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'जिनमें दम नहीं, वे नाम बदलने की राजनीति करते हैं':नड्डा बोले- योजनाओं का नाम बदलने से सरकारों की औकात पता चल जाती है
BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि योजनाओं का नाम बदलने से सरकारों की नीयत और औकात पता चल जाती है। जिनमें खुद कुछ करने का दम नहीं होता, वह नाम बदलने की राजनीति करते हैं। नड्डा गुरुवार को जयपुर के दशहरा मैदान में जनसभा को संबोधित कर रहे थे। नड्डा ने कहा- राजस्थान में जल स्वावलंबन और जल जीवन मिशन योजना में प्रदेश की गहलोत सरकार रोड़े अटकाने का काम कर रही है। सरकार चाहती तो इस योजना का फायदा लेकर इसे प्रदेश भर में लागू कर सकती थी और लोगों को फायदा पहुंचा सकती थी। (यहां पढ़ें पूरी खबर)
सीएम गहलोत का जेपी नड्डा पर पलटवार:बोले- यूपीए गवर्नमेंट की योजनाओं को बदल कर मोदी जी ने काम चलाया
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के योजनाओं के नाम बदलने वाले बयान पर पलटवार किया है। गहलोत ने कहा- यह तो हमारा आरोप उनके ऊपर है। जो यूपीए गवर्नमेंट की योजनाएं थी, उनका नाम बदल बदल कर मोदी जी ने काम चलाया है। नड्डा साहब को मालूम होना चाहिए। गहलोत ने कोटा सर्किट हाउस से एयरपोर्ट रवाना होते वक्त मीडिया से बात की। (यहां पढ़ें पूरी खबर)
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