पिछले दो महीनों से राजस्थान की राजनीति को जिस मुद्दे ने गर्माया हुआ है, उसका हल गुरुवार को सचिवालय में होने वाली कैबिनेट की बैठक में निकल सकता है। हालांकि यह अभी कहना मुश्किल है कि जो भी हल निकलेगा, वो सभी पक्षों को मंजूर होगा या नहीं। कहीं कोई नया राजनीतिक बखेड़ा ना खड़ा हो जाए। यह मुद्दा है ओबीसी आरक्षण और उससे जुड़ी पूर्व सैनिकों के कोटे संबंधी कथित विसंगति को दूर करने का। इस मुद्दे को लेकर दो महीने पहले राजधानी में अपनी ही सरकार के खिलाफ पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी धरने पर बैठे थे। उनके बाद वन मंत्री हेमाराम चौधरी, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, सांसद हनुमान बेनीवाल, विधायक मुकेश भाकर, विधायक दिव्या मदेरणा सहित कई राजनीतिक-सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने भी आवाज उठाई है।
कैबिनेट की अध्यक्षता सीएम गहलोत करेंगे। हाल ही सीएम गहलोत से जब ओबीसी वर्ग के कुछ युवा बेरोजगार मिलने गए थे, तब उन्होंने उनसे कहा था कि यह मुद्दा चार वर्ष पुराना है, तो इतने साल आप लोगों ने यह मांग क्यों नहीं उठाई। सीएम गहलोत ने यह भी कहा कि आप लोग अब तक सो रहे थे क्या। इससे पहले इस मुद्दे पर हरीश चौधरी दो बार सोशल मीडिया पर सीएम गहलोत को धोखा देने वाले और वादाखिलाफी करने वाले सीएम बता चुके हैं। उधर सचिन पायलट ने हाल ही अपने निर्वाचन क्षेत्र टोंक में कहा था कि ओबीसी मुद्दे का कोई उचित हल राज्य सरकार को जल्द निकालना चाहिए।
15 दिनों पहले जब कैबिनेट की बैठक हुई थी, तब यह मुद्दा उसमें विचाराधीन था, लेकिन डेफर (स्थगित) कर दिया गया था। पहले कैबिनेट की मीटिंग बुधवार को होनी थी लेकिन भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों की बैठक के कारण इसे गुरुवार के लिए टाल दिया गया। अब गुरुवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इसे एजेंडा में शामिल रखा गया है। डेफर एक बार फिर हो सकता है, लेकिन वर्तमान राजनीतिक अस्थिरता के माहौल और करीब 10 दिन बाद राजस्थान में आने वाली राहुल गांधी की यात्रा को देखते हुए सरकार इस मुद्दे पर कोई ना कोई निर्णय जरूर करेगी।
ओबीसी मामले में संघर्षरत और अपनी ही सरकार को घेरने वाले पूर्व राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने भास्कर को बताया कि हमें पूरी उम्मीद है आज होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस मसले का हसल निकल जाएगा।
खाचरियावास व चौधरी हुए थे आमने-सामने
पिछली कैबिनेट में जब यह मुद्दा आया था, तब इसे डेफर करने के पीछे खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का नाम आया था। मंत्री खाचरियावास और विधायक हरीश चौधरी इसे लेकर आमने-सामने हो गए थे। हालांकि बाद में खाचरियावास ने यह कह कर इस मुद्दे से खुद को अलग कर लिया कि वे किसी समाज या नेता के खिलाफ नहीं हैं और सीएम गहलोत इस पर आखरी फैसला करेंगे।
गुढ़ा ने दिया था सरकार की ईंट से ईंट बजाने का बयान
सैनिक कल्याण मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा का ओबीसी मुद्दे पर यह कहना था कि अगर सरकार ने पूर्व सैनिकों और सामान्य वर्ग के आरक्षण से छेड़छाड़ की तो वे सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे। गुढ़ा ने इस्तीफा देकर पूर्व सैनिकों के साथ हक की लड़ाई लड़ने की बात भी कही थी। ऐसे में सरकार के लिए बेहद मुश्किल होगा इस मुद्दे पर कोई बीच का रास्ता निकालना जिसके लिए विधायक चौधरी भी राजी हो और मंत्री गुढ़ा भी।
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