गुर्जर-मीणा क्षेत्रों से ही क्यों गुजरेगी राहुल की यात्रा?:राजस्थान के 7 जिलों की 18 सीटों पर फोकस, झालरापाटन से होगी एंट्री

जयपुर4 महीने पहलेलेखक: निखिल शर्मा

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के रूट को लेकर चल रहा असमंजस शुक्रवार को दूर हो गया। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने यह स्पष्ट किया कि राहुल गांधी की यात्रा का रूट जैसा तय था वैसा ही रहेगा। हालांकि जरूरत पड़ने पर कुछ हल्का बदलाव देखने को मिल सकता है। यात्रा झालावाड़ जिले से प्रदेश में एंट्री करेगी और अलवर जिले से बाहर निकलेगी।

राहुल की यात्रा को लेकर केंद्रीय कमेटी की ओर से तय किए गए रूट को जब हमने कांग्रेस के स्थानीय नेताओं और जानकारों से समझा तो साफ हुआ कि यात्रा 7 जिलों की 18 विधानसभा सीटों से गुजरेगी। सबसे ज्यादा 4-4 सीट कोटा, दौसा और अलवर जिले की होगी। इसके अलावा सवाईमाधोपुर की 3 और झालावाड़, बूंदी और टोंक जिले की 1-1 विधानसभा सीट शामिल है।

इस तरह विधानसभा क्षेत्रों का सफर तय करेगी यात्रा
राहुल गांधी की यात्रा सबसे पहले झालरापाटन विधानसभा से राजस्थान में एंट्री करेगी। इसके बाद यह रामगंजमंडी और लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र से होते हुए कोटा शहर में प्रवेश करेगी। यहां से यह कोटा उत्तर और दक्षिण दोनों विधानसभा क्षेत्रों से गुजरते हुए केशवरायपाटन पहुंचेगी। इसके बाद देवली-उनियारा और फिर खंडार पहुंचेगी।

इसके बाद यात्रा सवाई माधोपुर होते हुए बामनवास और फिर लालसोट पहुंचेगी। यहां से दौसा, सिकराय होते हुए बांदीकुई पहुंचेगी। यहां से यात्रा अलवर जिले में प्रवेश कर राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ होते हुए अलवर शहर और ग्रामीण में जाएगी। इसके बाद अलवर के रामगढ़ होते हुए यात्रा हरियाणा चली जाएगी।

कोटा, दौसा, अलवर में हो सकती है सभा
माना जा रहा है कि यात्रा के दौरान कोटा, दौसा और अलवर में राहुल गांधी की बड़ी सभा हो सकती है। हालांकि कई जगहों पर छोटी सभाएं राहुल गांधी की होंगी। राहुल की यात्रा 3 दिसम्बर को राजस्थान में एंट्री करेगी। वहीं 20 दिसम्बर तक यात्रा के राजस्थान से निकलने की संभावना है।

इन 18 में से 12 सीटों पर कांग्रेस है काबिज
राहुल की यात्रा जिन 18 विधानसभा क्षेत्रों में से गुजरेगी, इनमें झालरापाटन, रामगंज मंडी, लाडपुरा, कोटा दक्षिण, केशवरायपाटन और अलवर शहर में बीजेपी काबिज है। इसके अलावा बाकी सभी 12 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है।

ज्यादातर क्षेत्र गुर्जर-मीणा बाहुल्य
राहुल की यात्रा के रूट से जुड़ा ज्यादातर क्षेत्र गुर्जर और मीणा बाहुल्य है। सिर्फ कोटा उत्तर और अलवर शहर सीट को छोड़ दिया जाए तो अन्य सभी सीटों पर गुर्जर-मीणा समाज प्रभावी है। ये सीटें या तो गुर्जर या मीणा बाहुल्य है या फिर दोनों समुदाय मिलकर निर्णायक भूमिका में हैं।

पायलट के दबदबे वाले क्षेत्र से गुजरेगी यात्रा
कांग्रेस के नजरिए से देखा जाए तो इस पूरे क्षेत्र के बड़े हिस्से में खासकर सवाईमाधोपुर, बूंदी, दौसा, टोंक और अलवर जिले में सचिन पायलट का दबदबा है। यही वजह है कि पायलट विरोधी गुट की ओर से अंदरखाने यह कोशिश की जा रही थी कि यात्रा का रूट बदल जाए। पायलट समर्थकों का यह आरोप था कि विरोधी गुट इस क्षेत्र से यात्रा को गुजरने नहीं देना चाहता, इसलिए बदलने के प्रयास किए जा रहे हैं।

इस्तीफा पॉलिटिक्स के बाद इसी क्षेत्र में गए थे पायलट
सितम्बर में हुए राजस्थान में इस्तीफा पॉलिटिक्स के विवाद के बाद सचिन पायलट दिल्ली से सीधा इसी क्षेत्र में गए थे। यहां पर पायलट ने रैली और सभा कर अपना शक्ति प्रदर्शन किया था। उसकी वजह यही मानी गई थी कि इस क्षेत्र से राहुल की यात्रा गुजरेगी। ऐसे में अब रूट तय होने पर यह माना जा रहा है कि पायलट अब इस क्षेत्र में और ज्यादा सक्रिय नजर आएंगे।

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