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  • If The Government Is Formed In Gujarat, Rahul Gandhi Will Fulfill 8 Promises, Out Of Which 5 Are Motivated By Gehlot's Flagship Schemes.

राहुल के 8 वचनों में दिखी गहलोत की गुड गवर्नेंस:गुजरात में सरकार बनी तो राहुल गांधी 8 वादे पूरे करेंगे, इनमें से 5 गहलोत की फ्लैगशिप योजनाओं से मोटिवेटेड

जयपुर4 महीने पहले

राहुल गांधी ने गुजरात की जनता के लिए जारी किए अपने संदेश में सरकार बनने पर 8 बड़े काम करने के वचन दिए हैं। इन 8 वचनों में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार और उनकी फ्लैगशिप योजनाओं पर एक बार फिर से राहुल के विश्वास की मुहर लग गई है।

राहुल ने ट्विटर पर गहलोत सरकार की तारीफ की थी और अब अपने आठ वचनों में गहलोत की फ्लैगशिप योजनाओं को शामिल कर लिया है। इन्हें राहुल ने गुजराती भाषा में 'कांग्रेस ना आठ वचन' और 'कांग्रेस नुं काम बोले छे' नाम दिया है। राहुल के संदेश को गुजरात में पार्टी के चुनाव प्रभारी डॉ. रघु शर्मा ने जारी किया है।

इधर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक बार फिर गुजरात के दौरे पर रवाना हो गए हैं, जहां मंगलवार को वे इन आठ वचनोंं के बारे में दो बड़ी चुनावी सभाओं में लोगों को जानकारी देंगे। गहलोत गुजरात में पार्टी के सीनियर ऑब्जर्वर भी हैं।

हाल ही पिछले डेढ़ महीने से राजस्थान में सरकार और कांग्रेस पार्टी में लगातार राजनीतिक अस्थिरता, इस्तीफा पॉलिटिक्स, मंत्रियों-विधायकों की बयानबाजी के बीच जो माहौल बना हुआ है, उसमें यह बड़ी रोचक बात है कि राहुल गांधी ने अपने आठ वचनों में गहलोत सरकार की 5 फ्लैगशिप योजनाओं को इतना महत्वपूर्ण स्थान दिया है।

यह हैं राहुल के 8 वचन

1. घर और गृहणियों के लिए : घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 500 रुपए तक रहेगी और घरेलु बिजली 300 यूनिट तक पूरी तरह से मुफ्त

2. शिक्षा : 3000 नए अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले जाएंगे और प्रत्येक बेरोजगार को 3000 रुपए मासिक भत्ता दिया जाएगा

3. युवा व कर्मचारी : 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी जाएगी और सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए 2004 से पहले वाली ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) लागू की जाएगी

4. कोरोना : मृतकों व पीड़ितों को चार लाख रुपए की सहायता दी जाएगी

5. सेहत : राजस्थान की चिरंजीवी योजना की तरह 10 लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त व सभी दवाइयां मुफ्त दिए जाने की व्यवस्था होगी

6. किसान : सभी किसानों के 3 लाख रुपए तक के कृषि ऋण माफ किए जाएंगे और किसानों के बिजली बिल माफ होंगे

7. सुरक्षा : ड्रग माफिया को खत्म किया जोगा और भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के लिए होगी कड़ी कार्रवाई

8. सामाजिक न्याय : शहरी क्षेत्रों में भी रोजगार गारंटी योजना और इंदिरा रसोई के तहत 8 रुपए प्रति प्लेट की दर से भोजन की व्यवस्था होगी

राहुल के आठ वचनों में राजस्थान की गवर्नेंस की झलक

  • राजस्थान में गहलोत सरकार चिरंजीवी योजना के तहत 10 लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त व मुफ्त दवा योजना चला रही है।
  • हाल ही मुख्यमंत्री गहलोत ने एक अक्टूबर से ग्रामीण क्षेत्र की नरेगा की तर्ज पर राजस्थान में शहरी क्षेत्रों में भी 100 दिन का रोजगार गारंटीड देने की योजना शुरू की है।
  • राजस्थान में जनवरी-2019 से बेरोजगारों को 3000 रुपए प्रतिमाह भत्ता दिया जा रहा है।
  • मुख्यमंत्री गहलोत ने फरवरी 2022 में विधानसभा में पेश किए गए बजट में सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम (2004 से पहले वाली) लागू कर दी है।
  • इंदिरा रसोई योजना भी राजस्थान में लागू है। हाल ही स्वयं मुख्यमंत्री गहलोत ने अपनी पत्नी सुनीता गहलोत के साथ जयपुर में इंदिरा रसोई योजना में भोजन भी किया था। इस योजना के तहत राज्य के लगभग सभी शहर-कस्बों में मात्र आठ रुपए प्रति प्लेट की दर से लोगों को भोजन मिलता है।
  • इनके अलावा भी किसानों की कर्ज माफी, अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने, बिजली बिल में कटौती जैसे कार्य भी राजस्थान में हो रहे हैं।

राजस्थान में राहुल की यात्रा से ठीक पहले आठ वचनों के मायने

राहुल की भारत जोड़ो यात्रा 3 से 4 दिसंबर की मध्य रात्रि तक राजस्थान पहुंचेगी। राजस्थान में सरकार व पार्टी इसकी तैयारी कर रही है। इसी बीच राहुल के गुजरात चुनावों के सन्दर्भ में आठ वचन सामने आए हैं। वे गुजरात चुनाव में जनता को कांग्रेस की उन नीतियों, योजनाओं के भरोसे आकर्षित करना चाहते हैं, जो उसके द्वारा शासित राजस्थान में चल रही हैं।

मुख्यमंत्री गहलोत कांग्रेस के सबसे अनुभवी, वरिष्ठ, भरोसेमंद नेताओं में से एक हैं। ऐसे में राहुल ने उनकी योजनाओं पर भरोसा दर्शाया है। राहुल का यह भरोसा कांग्रेस की राजनीति में गहलोत का कद बढ़ाने वाला साबित होगा। राहुल द्वारा यदि बतौर मुख्यमंत्री गहलोत को पसंद नहीं किया जाता तो, वे उनकी योजनाओं को अपने आठ वचनों में शामिल नहीं करते।

राजस्थान की राजनीति में भी अब गहलोत का पलड़ा भारी दिखने लग रहा है। कांग्रेस ने पहले उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे का प्रस्तावक बनाया, फिर उनके भरोसेमंद मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेन्द्र राठौड़ के खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं की। अब उनकी योजनाओं व काम-काज पर राहुल की मुहर लगना उनके लिए पाॅजिटिव पाॅलिटिक्स का इशारा भी है।

100 से अधिक फ्लैगशिप योजनाएं हैं राजस्थान में

गहलोत ने हाल ही मुख्य सचिव ऊषा शर्मा व विभिन्न उच्चाधिकारियों को राजस्थान में फ्लैगशिप योजनाओं की लगातार मॉनिटरिंग करने और खुद जाकर उनकी प्रगति देखने को कहा है। राजस्थान में 100 से अधिक फ्लैगशिप योजनाएं चल रही हैं।

गहलोत अपनी सरकार को अगले वर्ष चुनावों में रीपीट करवाने का पुरजोर प्रयास कर रहे हैं। वे कई मौकों पर अपनी फ्लैगशिप योजनाओं को सरकार रीपीट करवाने का मुख्य आधार मानते हैं। ऐसे में ब्यूरोक्रेसी को उन पर फोकस करवाना बहुत जरूरी है।

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