गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार अब अंतिम फेज की ओर बढ़ रहा है। चुनाव के लिए बीजेपी ने अपनी सभी टीमों को गुजरात भेज दिया। पड़ौसी राज्य होने के नाते राजस्थान से पार्टी ने हर प्रमुख नेता को गुजरात में जिम्मेदारी दी है। मगर चौंकाने वाली बात ये है कि पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे को कोई भी जिम्मेदारी नहीं दी गई है। वसुंधरा राजे का नाम गुजरात चुनाव में कहीं भी नहीं होना बीजेपी में चर्चा का विषय बना हुआ है।
हाल ही में बीजेपी सेंट्रल लीडरशिप की ओर से कारपेट बॉम्बिंग रणनीति के तहत राजस्थान से 6 नेताओं को चुना गया। इन्हें अलग-अलग विधानसभाओं की जिम्मेदारी दी गई। मगर इसमें भी राजे को शामिल नहीं किया गया। कारपेट बाम्बिंग के लिए राजस्थान से केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, कैलाश चौधरी, गजेंद्र सिंह शेखावत पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी, राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को अलग-अलग विधानसभाओं में भेजा गया है।
इस रणनीति के तहत नेता 22 से 24 नवम्बर तीन दिन तक अपनी विधानसभा में रुककर प्रचार कर माहौल बनाएंगे। अरुण चतुर्वेदी को हिम्मतनगर, राजेंद्र राठौड़ को थराद और किरोड़ीलाल मीणा को संतरामपुर विधानसभा में लगाया गया है। देशभर से 93 सीनियर नेताओं को इसमें शामिल किया गया है। मगर वसुंधरा राजे का नाम इसमें नहीं है।
इस बार स्टार प्रचारकों में नहीं, पिछले चुनाव में थीं
बीजेपी ने इससे पहले स्टार प्रचारकों की लिस्ट बनाई थी। 40 स्टार प्रचारकों की सूची में देशभर के नेता थे। मगर इसमें वसुंधरा राजे समेत किसी भी राजस्थानी नेता को जगह नहीं दी गई। जबकि 2017 के चुनाव में सीएम रहते राजे स्टार प्रचारकों में शामिल थीं। इसके बाद हाल ही में राजस्थान के 38 सीनियर नेताओं को 30 विधानसभा सीटों पर भेजा जा रहा है। इस सूची में कई प्रमुख नेता शामिल हैं। इसमें कई विधायक, सांसद, जिलाध्यक्ष सहित कई महत्वपूर्ण चेहरे हैं। मगर इसमें भी राजे का नाम नहीं है।
प्रदेश के हर महत्वपूर्ण नेता को गुजरात में जिम्मेदारी
बीजेपी ने चुनाव से काफी समय पहले अपने कई नेता और उनके साथ पदाधिकारी गुजरात लगाए हुए थे। इसकी जिम्मेदारी सुशील कटारा, प्रमोद सामर और नारायण सिंह देवल पर थी। इसके अलावा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया को भी राजस्थानी प्रभाव वाली सीटों को देखने और उसे लेकर राजस्थान से मैनेजमेंट की जिम्मेदारी दी हुई थी। इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया सहित अन्य नेताओं को भी प्रदेश या केंद्रीय स्तर से अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
उपचुनाव में स्टार प्रचारक, अभी तक दौरा नहीं
बीजेपी ने सरदारशहर उपचुनाव के स्टार प्रचारकों में वसुंधरा राजे को प्रचारक बनाया है। मगर राजे वर्तमान सरकार में उपचुनाव में प्रचार करते हुए ज्यादा देखी नहीं गई हैं। धरियावद और वल्लभनगर में हुए पिछले दो उपचुनाव में भी राजे प्रचार के लिए नहीं आई थी। अबतक सरदारशहर उपचुनाव को लेकर भी राजे का दौरा नहीं हुआ है। राजे के विरोधी खेमे का कहना है कि वर्तमान सरकार के ज्यादातर उपचुनावों के प्रचार से राजे ने दूरी बनाई है।
क्या बीजेपी के एजेंडे में फिट नहीं बैठती राजे?
गुजरात चुनाव से राजे को दूर रखने के पीछे केंद्रीय नेतृत्व की सोची-समझी रणनीति को माना जा रहा है। बीजेपी के विश्वस्त लोगों और जानकारों का मानना है कि राजे बीजेपी की ध्रुवीकरण और आक्रामक हिंदुत्व पॉलिटिक्स के एजेंडे पर फिट नहीं बैठती हैं। जानकारों का मानना है कि राजे अपनी अलग तरह की राजनीति करती हैं जो शायद हाईकमान के गले नहीं उतरती। वहीं कई लोगों का कहना है कि चुनाव प्रचार को लेकर राजे ने ज्यादा रुचि नहीं दिखाई होगी। इसी वजह से उन्हें जिम्मेदारी नहीं दी गई हो।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.