राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में 3-4 दिसंबर तक एंट्री कर सकती है। वहीं, अगले महीने की राजस्थान सरकार के चार साल पूरे हो रहे हैं। ऐसे में सरकारी विफलताएं गिनाने के लिए भाजपा राहुल की एंट्री से ठीक पहले रथयात्रा शुरू करने जा रही है।
जानकारी के अनुसार पार्टी एक दिसंबर से प्रदेश की सभी विधानसभाओं में रथ निकालकर सरकार की विफलताएं गिनाएगी। हालांकि, रथों पर लगने वाले पोस्टरों को लेकर पार्टी में खींचतान मची हुई है।
यहां तक कि यात्रा से ठीक पहले बीजेपी को अपनी रणनीति भी बदलनी पड़ी है। यात्रा को लेकर बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने पहले तय किया था कि विवाद से बचने के लिए आधिकारिक पोस्टरों-बैनरों पर सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की तस्वीर लगाई जाएगी, लेकिन अब प्रदेश तीन बड़े नेताओं की फोटो भी यात्रा के बैनर पर नजर आएंगी।
इस निर्णय के अनुसार पोस्टर के डिजाइन भी तैयार करवा लिए गए थे। लेकिन बीजेपी में आंतरिक रूप से इस पर सवाल उठाने के बाद बीजेपी को ऐनवक्त पर अपनी स्ट्रैटजी बदलनी पड़ी। अब बीजेपी ने राजस्थान के तीन नेताओं के चेहरे इसमें शामिल किए हैं।
बीजेपी ने प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की तस्वीरों को भी अपने आधिकारिक पोस्टर और बैनर में शामिल किया है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं और सूत्रों का कहना है कि जन आक्रोश यात्रा राजस्थान में हो रही है। पहले जो तय किया गया था, उसे लेकर चर्चाओं में यह बात सामने आई कि प्रदेश नेतृत्व पोस्टरों पर नहीं दिखने से कई सवाल खड़े हो सकते हैं।
ऐसे में इसे ध्यान में रखते हुए अब पूर्व सीएम होने के नाते वसुंधरा राजे, प्रदेशाध्यक्ष होने के नाते सतीश पूनिया और नेता प्रतिपक्ष होने के चलते गुलाबचंद कटारिया को शामिल किया गया है।
गुटबाजी से निपटने को बनाया था फॉर्मूला
बीजेपी ने जन आक्रोश यात्रा को लेकर पहले अपनी रणनीति के अनुसार ऑफिशियली इस्तेमाल होने वाले सभी पोस्टर, बैनर, पैंफ्रलेट पर राजस्थान के किसी भी नेता की तस्वीर नहीं रखी थी। पार्टी में चल रही गुटबाजी और आमतौर पर कार्यक्रमों में होने वाली फोटो पॉलिटिक्स से बचने के लिए यह तोड़ निकाला था।
बीजेपी का सोचना था कि पोस्टर-बैनर पर किसी प्रमुख नेता का फोटो नहीं होने या तस्वीर छोटी-बड़ी होने से हो सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह तैयारी थी।
राजे को साथ लिया, अब शेखावत-राठौड़ नहीं होने से चर्चा
बीजेपी में लगातार सतीश पूनिया, वसुंधरा राजे, गुलाबचंद कटारिया और गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच खींचतान और गुटबाजी की तस्वीरें सामने आती रहती हैं। बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रदेश में प्रभाव को देखते उन्हें शामिल किया है।
वहीं, कटारिया नेता प्रतिपक्ष हैं और बीजेपी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से हैं। ऐसे में पोस्टर पर वो भी हैं। मगर पोस्टर पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की तस्वीरें नहीं होने से चर्चाएं होने लगी हैं।
3-4 से हर विधानसभा में घूमेगा बीजेपी का रथ
बीजेपी ने जन आक्रोश यात्रा की प्लानिंग कर ली है। इसकी शुरुआत 1 दिसम्बर से होगी। 1 दिसम्बर को बीजेपी जयपुर संभाग के रथों को रवाना करेगी। इसके बाद सभी 200 विधानसभाओं के रथ 3 और 4 दिसम्बर को रवाना होंगे।
ये 200 रथ अपनी विधानसभा में 10 दिन तक घूमेंगे। इसके बाद 13 और 14 को ये वापस लौट आएंगे। इस दौरान हर रोज एक विधानसभा में लगभग 10 नुक्कड़ सभाएं, ग्राम सभाएं और चौपालों के कार्यक्रम होंगे।
15 से 20 तक हर विधानसभा क्षेत्र में रैलियां
इसके बाद बीजेपी 15 से 20 दिसम्बर तक हर विधानसभा क्षेत्र में रैलियां करेगी। इसमें हर रोज लगभग 35 से 40 विधानसभा सीटों पर रैलियां होंगी। इन रैलियों में प्रदेश के प्रमुख नेता हर रोज शामिल होंगे। इनमें केंद्रीय मंत्री, प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य, राज्यसभा-लोकसभा सांसद सहित प्रमुख नेता रहेंगे।
बीजेपी ने आंदोलन के आखिर में होने वाली बड़ी रैली को फिलहाल स्थगित कर दिया है। माना जा रहा है कि अब 1 दिसम्बर को आंदोलन की शुरुआत में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा जयपुर आ सकते हैं।
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