गवर्नर कलराज मिश्र ने विधानसभा में पास किए गए तीन निजी यूनिवर्सिटी के 3 विधेयक यह कहते हुए सरकार को लौटा दिए हैं कि इनमें नियमों का ध्यान नहीं रखा गया। इन तीन यूनिवर्सिटी में जोधपुर की ड्यून्स यूनिवर्सिटी, जोधपुर की ही व्यास विद्यापीठ यूनिवर्सिटी और हिंडौन की सौरभ यूनिवर्सिटी शामिल है। तीनों यूनिवर्सिटी के अलग-अलग विधेयकों को सरकार को लौटाकर गवर्नर ने कहा कि इन विधेयकों पर फिर से विचार किया जाए।
प्रदेश के राजस्व को नुकसान बताया
गवर्नर कलराज मिश्र ने कहा है कि तीनों निजी यूनिवर्सिटी की नोटशीट देखने से लग रहा है कि प्रस्तावित निजी यूनिवर्सिटी भूमि, भवनों के निर्धारित नियमों का बिना पालन किए ही स्थापित किए जा रहे हैं। इनसे राज्य के राजस्व का भी सीधे तौर पर नुकसान होता दिखाई दे रहा है। मिश्र ने इन यूनिवर्सिटी की जमीन का भू रूपांतरण कराए बिना ही सिलेबस संचालन पर भी आपत्ति जताई है।
सीएम को अलग से पत्र लिखा- उच्च स्तरीय जांच कराएं
तीनों विधेयक सरकार को लौटाने के साथ ही मिश्र ने सीएम अशोक गहलोत को अलग से पत्र भी लिखा है। पत्र में कहा है कि विधेयकों के संबंध में नोटशीट को देखने से पता चलता है कि राज्य में जो निजी विश्वविद्यालय स्थापित हो रहे हैं, वे नियमों और समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों के अनुसार नहीं हैं। उन्होंने निजी विश्वविद्यालयों की कमियों को सम्भागीय व राजस्व अफसरों की उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर विस्तृत जांच कराने के भी निर्देश दिए हैं।
निजी यूनिवर्सिटी की स्थापना करने की स्पष्ट नीति बनाए सरकार
गवर्नर कलराज मिश्र ने सीएम को निर्देश दिए हैं कि निजी यूनिवर्सिटी की स्थापना के संबंध में व्यापक विचार विमर्श करके सरकार एक पॉलिसी बनाए। उसके बाद आगे की कार्रवाई करे। उन्होंने राज्य हित में प्रस्तावित यूनिवर्सिटी की की उच्च स्तर के राजस्व अधिकारियों और न्यायिक जांच करवाने के बाद ही स्थापित करने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं ताकि प्रदेश के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर मिल सके। गवर्नर ने कहा है कि यह ध्यान रखा जाए कि प्रदेश को राजस्व का नुकसान नहीं हो।
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