- रामा मंडी के फूल चंद की महिंद्रा पिकअप ड्राइवर के घर के बाहर से 2017 में हाे गई थी चाेरी
Dainik Bhaskar
Jul 26, 2019, 07:33 AM ISTबठिंडा. कार चोरी की कंप्लेंट करने पर पुलिस ने कहा-पहले खुद ढूंढाे न मिले ताे अाना फिर शिकायत लिखेंगे। नहीं मिलने पर पुलिस ने 9 दिन बाद शिकायत दर्ज की। लेट शिकायत दर्ज करने का बहाना बनाकर बीमा कंपनी ने क्लेम देने से इनकार कर दिया। उपभाेक्ता ने शिकायत दी ताे फोरम ने बीमा कंपनी काे 2,17,800 रुपए क्लेम देने का फैसला सुनाया है।
बीमा कंपनी को 10 हजार रुपए हर्जाना भी देना होगा। रकम 45 दिनों के भीतर शिकायतकर्ता को देनी होगी। केस की पैरवी कर रहे सीनियर एडवोकेट दीवान चंद व नरेश गर्ग ने बताया कि फाेरम ने ये कहते हुए बीमा कंपनी को क्लेम देने का आदेश दिया कि पुलिस ने एफआईआर लेट दर्ज की है तो इसमें गाड़ी मालिक का क्या कसूर है लिहाजा उसे चोरी हुई गाड़ी का क्लेम देना होगा। फूल चंद निवासी रामा मंडी ने बताया कि 30 सितंबर 2017 की रात चालक जगसीर के घर के बाहर से कार चोरी हाे गई। उसी दिन बीमा कंपनी अाैर थाना रामा पुलिस को सूचना दी। लेकिन पुलिस ने कहा कि पहले गाड़ी को खुद ढूंढो न मिले ताे अाना केस दर्ज कर लेंगे। फूल चंद की बेटी की 6 अक्टूबर को शादी थी इस वजह से दोबारा पुलिस के पास नहीं गया। पुलिस ने 9 अक्टूबर 2017 को एफआईआर दर्ज कर ली।
बीमा वाले बाेले..केस के साथ क्लेम करेंगे रजिस्टर्ड
फूल चंद ने बताया कि एफआईआर दर्ज होने के फूल चंद ने एफआईआर की कॉपी, बीमा से संबंधित मूल दस्तावेज अाैर गाड़ी की चाबी भी बीमा कंपनी के पास जमा करवा दी। जो चाबी उन्हें सौंपी गई है वो किसी और गाड़ी की है ऐसे में उसे क्लेम नहीं दिया जा सकता। इसके बाद 24 जुलाई 2018 में उसने अपने वकील नरेश गर्ग के माध्यम से बीमा कंपनी के खिलाफ बठिंडा कंज्यूमर फोरम में केस लगा दिया।
थानों में होती है लापरवाही, खामियाजा भुगतते हैं लाेग
वाहन चाेरी के मामले में बीमा कंपनी काे 48 घंटे में सूचित करना जरूरी है। वाहन चाेरी की शिकायत दर्ज करने में पुलिस लापरवाही करती है। एफआईआर डेट में दाे दिन से ज्यादा का अंतर आने पर वाहन मालिक को काफी परेशानी होती है। क्लेम के लिए जाते हैं तो रिपोर्ट निगेटिव शो होती है।
एेसे कर सकते हैं आप शिकायत
अगर क्लेम राशि 20 लाख से कम है, तो जिला फोरम, 20 लाख से अधिक पर एक करोड़ रुपए से कम है, तो राज्य आयोग के समक्ष और यदि 1 करोड़ रुपए अधिक है तो राष्ट्रीय आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज करानी होगी।