परमात्मा की भक्ति ही मानव जीवन का एकमात्र लक्ष्य है, जिसके लिए उसको जीवन मिला है, परंतु आज मानव अपने लक्ष्य से भटक चुका है। यह विचार दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के द्वारा विशाल नगर में स्थित आश्रम में करवाए गए सत्संग समागम दौरान शिष्य साध्वी हरपिंदर भारती ने श्रद्धालुओं के समक्ष व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि जो उसके लक्ष्य को प्राप्त करने के साधन थे उसे वह लक्ष्य मानकर बैठा है, भौतिक वस्तुओं की प्राप्ति के लिए अथक प्रयास करता रहता है। जिसका परिणाम आज हमारे सामने है, आज हर कोई चिंता ग्रस्त एवं दुखी है, समाज में इतनी अधिक बुराइयां फैल गई है कि अच्छाई का अब दम घुटता नजर आ रहा है, जो समाज को विनाश की खाई में धकेल रहा है। ऐसी घटनाएं पढ़ने और सुनने को मिलती हैं, जो शर्मसार करती हैं। जब हर व्यक्ति अपने ऊपर कार्य करेगा, स्वयं में परिवर्तन लाएगा तभी ही समाज में परिवर्तन आएगा। अंत में साध्वी वसुधा भारती जी के द्वारा सु मधुर भजनों का गायन किया गया और प्रसाद का वितरण भी किया गया।
प्रवचन साध्वी हरपिंदर भारती व उपस्थित श्रद्धालु।