- जालंधर में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का दिख रहा असर
Dainik Bhaskar
Dec 02, 2019, 03:47 AM ISTजालंधर. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाई का नारा जिले में यूं ही नहीं बुलंद हो रहा। इसके पीछे आंगनबाड़ी वर्कराें और हेल्पर की कड़ी मेहनत है। इसके चलते बीते 5 साल में 1 हजार लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या 906 से बढ़कर 2018-19 में 924 तक पहुंच चुकी है।
आंगनबाड़ी वर्कर एंड हेल्पर फेडरेशन की नेशनल प्रेसिडेंट ऊषा रानी का कहना है कि प्रेग्नेंट महिला की जानकारी मिलते ही उन्हें रजिस्टर्ड किया जाता है। उनका नियमित चेकअप हाेता है। डिलीवरी होने तक लगातार मॉनिटरिंग होती है। डिलीवरी हाेने की अपने तरीके से निगरानी की जाती है। यदि डिलीवरी नहीं हुई तो इसकी वजह पता कर दोषी को दंडित करने के लिए प्रशासन को रिपोर्ट दी जाती है।
जिला प्रशासन जागरूकता के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाली आंगनबाड़ी वर्कर और आशा बहू के साथ अन्य संगठनों को प्रोत्साहित करेगा। इससे कि जागरूकता का यह कार्यक्रम आगे और तेजी से चलता रहे। प्रशासन को आशा है कि आने वाले साल में यह अंतर तेजी से कम होगा। रोगी कल्याण कमेटी की आयोजित मीटिंग में डीसी वीके शर्मा ने कहा महिलाओं को जागरूक करने के साथ ही स्कैनिंग सेंटरों पर सख्ती के चलते ऐसा हो पाया है।
भ्रूण हत्या रोकने को चल रहा है अभियान
जिला प्रशासन के निर्देश पर 2010-11 से एनजीओ, सेहत विभाग और डिस्ट्रिक्ट वेलफेयर ने आशाओं बहुओं और आंगनबाड़ी वर्करों के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या को लेकर एक अभियान चलाया। इसके चलते प्रेग्नेंट महिलाओं की विशेष निगरानी के साथ उनके रजिस्ट्रेशन और हेल्थ चेकअप का काम एक मिशन की तरह चला। वहीं, कन्या भ्रूण हत्या की जानकारी देने वालों को 50 हजार रुपए इनाम देने के साथ ही उसका नाम गुप्त रखे जाने की घोषणा हुई।