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अगर देश भक्ति के मार्ग पर पैर रखना है तो अपने शीश की बलि देने में न करें हिचकिचाहट
अमृतवाणी सत्संग धर्मार्थ ट्रस्ट के प्रमुख संत अश्वनी बेदी महाराज ने सिविल लाइंस, श्री राम पार्क स्थित श्री राम शरणम में साप्ताहिक प्रार्थना सभा में कहा कि आज हमारा भारत देश संकट काल से गुजर रहा है। देश की सीमा से बाहर और अंदर भी आंतकवादी देश की स्वतंत्रता, अखंडता का नाश कर रहे हैं। आज देश में ऐसे शूरवीर महापुरुषों की जरूरत है जो सभी वर्ग के लोगों में देशभक्ति, कौमी एकता और निष्काम सेवा का महामंत्र फूंक सकें और देश की रक्षा कर सकें। भक्ति प्रकाश में उपदेश है कि देश, धर्म की रक्षा, धन, मान मर्यादा की रक्षा शूरवीरों पर ही निर्भर करती है। वंश, व्यापार, देश की आन, बान और स्वतंत्रता की रक्षा देश भक्त शूरवीरों पर ही निर्भर करती है। शूरवीर उसी व्यक्ति को जानो जो देश और समाज की सुरक्षा खातिर अपने जीवन तक का बलिदान कर दे। कौमी एकता वह बुनियाद है जिस पर देश भक्ति खड़ी है। देश भक्ति और देश प्रेम को जितना अधिक मन में बसाया जायेगा, उतना ही भारत देश मजबूत होगा।
श्रीराम शरणम में भक्तों ने प्रभु का गुणगान किया।
स्वार्थ त्याग कर निष्काम देश भक्त बनें
अपना स्वार्थ त्याग कर निष्काम देश भक्त बनें और कौमी एकता की जड़े मजबूत करने की सेवा करें। श्री गुरु नानक देव जी महाराज बेशक एक महान युग पुरुष आध्यात्मिक हस्ति थे। लेकिन उन्होंने नाम जाप सेवा, दया, विनम्रता, परोपकार के साथ देश प्रेम, देश भक्ति का भी उपदेश दिया। उनकी वाणी श्री गुरु ग्रंथ साहब दर्ज है। श्री गुरु नानक जी महाराज लिखते हैं कि अगर तुम्हें प्रेम का खेल खेलने का चाव है। अपने देश और मानवता के साथ सच्चा प्रेम है तो अपने सिर को तली पर रख कर मेरी गली आओ अर्थात मेरे दर्शाये मार्ग पर चलो। इस मार्ग पर अर्थात देश प्रेम, देश भक्ति के मार्ग पर पैर धरना हो तो अपने सीस की बलि देने में किसी प्रकार की हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए। सच्चा राष्ट्र प्रेम और मानवता के साथ प्रेम तो परमेश्वर से ही प्रेम करना होता है। इस प्रेम में सिर अर्थात अहंकार का कोई स्थान नही है।