शहर के पाॅश इलाके माॅडल टाउन में बुधवार तड़के प्रोफेशनल ढंग से महज चार मिनट में 25 लाख के महंगे सूट चोरी करने वाले गिरोह के बारे में 37 घंटे बाद भी ट्रेस नहीं कर पाई। मगर सारे घटनाक्रम को फुटेज की मदद से पुलिस 5 बार देख चुकी। इसके बाद कई अहम क्लू पुलिस ने जुटाए हैं। हालांकि वो ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर हैं। बताया जा रहा है कि चोरनी गिरोह को दिल्ली में 2016 में सक्रिय महिला गैंग से लिंक किया जा रहा है। इस बड़ी चोरी को अंजाम अचानक नहीं, बल्कि एक हफ्ते की रेकी के साथ किया गया। इसकी जांच में अब पुलिस जुटी है।
बुधवार से वीरवार कई घंटों तक पुलिस ने मार्केट में लगे 19 सीसीटीवी कैमरों को खंगाला। इसमें से चार कैमरों में पुलिस को सबूत मिले। पुलिस ने चोरी से एक हफ्ता पहले की रोज की फुटेज को चेक किया। इसके बाद पुलिस को पता चला कि महिलाओं के गैंग में से दो महिलाएं एक हफ्ता पहले भी शाम को दुकान पर आई थी, जिन्होंने सिर्फ महंगे सूटों और उसके सेक्शन के बारे में पूछा। चोर गिरोह ने भी सिर्फ उसी सेक्शन को टारगेट किया, जबकि बाकी किसी भी चीज को हाथ तक नहीं लगाया। पुलिस को एक जगह रात 2.15 बजे की वीडियो भी मिली है, जिसमें एक महिला दुकान के शटर को हिला चेक कर रही हैं। उन्होंने उसी दुकान को टारगेट बनाया, जिसमें सेंटर लाॅक नहीं था। इसके बाद प्रोफेशनल ढंग से अंजाम दिया। एक कैमरे से पुलिस के हाथ काफी क्लू लग सकते हैं, जोकि डाॅक्टर की दुकान में लगे हैं, लेकिन डाॅक्टर शहर से बाहर हैं और पासवर्ड उन्हीं के पास है। उनके आने के बाद मामला क्लियर हो जाएगा।
आरोपियों में नाबािलग भी, गाड़ी की मदद से ठिकाने लगाया सामान
दिल्ली 2016
लुधियाना 2019
पुलिस की पड़ताल के दौरान फुटेज में एक गाड़ी भी नजर आई है। इसे पुलिस पहले राहगीर मान रही थी, लेकिन अब क्लियर हो रहा है कि उक्त गाड़ी चोरनी गैंग के साथ ही थी, जिसमें वो कपड़ा और खुद भी लोड होकर निकल गई। हालांकि उक्त फुटेज में गाड़ी कौन-सी है और नंबर क्या है, ये क्लियर नहीं हो पा रहा।
एेसे करती हैं वारदात
गिरोह को बड़ा करने का शक: 2016-2017 में राजधानी दिल्ली में ऐसा ही महिला गैंग एक्टिव हुआ था, जोकि शटर तोड़कर दुकानों से सामान चोरी करती थी। उन्होंने दिल्ली पुलिस की नाक में दम कर दिया था। वो भी इसी तरह से तड़के वारदात करती थीं। महिलाएं भी 30 से 40 की उम्र तक की थी और ये भी। उनमें भी हेल्दी बाॅडी बिल्डर दिखने वाली महिलाएं थीं और इस मामले में भी शटर तोड़ने वाली वैसी ही दिख रही हंै। फिलहाल पुलिस इसे भी लिंक कर रही है कि कहीं दिल्ली का गैंग लुधियाना तो नहीं पहुंच गया। उनके साथ लुधियाना की भी महिलाएं शामिल हुई हैं। उन्होंने इस गिरोह को और भी बड़ा बना लिया। बताया जाता है कि जो लड़की दुकानों में घुसती है, वह नाबालिग है।
ये गैंग पहले दुकान की रेकी करता है और फिर तड़के 5 से साढ़े 6 बीच सिर्फ सर्दियों में वारदात को अंजाम देती है। कुछ महिलाएं शटर को शाॅल से सामने से कवर कर लेती हैं और बाकी की महिलाएं बिना सेंटर लाॅक वाले शटर को तोड़ती हैं। दो अंदर जाकर वारदात को अंजाम देती हंै, जबकि बाकी की बाहर खड़ी होकर बोरों में सामान भरती हंै। इनका साॅफ्ट टारगेट बिना सेंटर लाॅक वाले शटर ही होते हैं। इनके पास अपनी टॉर्च भी होती है।
पुलिस की जांच और गश्त पर सवाल : इतनी हार्डकोर क्रिमिनल्स शहर में घूम रही है और पुलिस को इसकी खबर तक नहीं। मेन बाजार होने की वजह से भी इलाके में गश्त नहीं की जाती थी। अगर पेट्रोलिंग होती तो शायद महिलाएं पकड़ी जाती। वहीं, मामले की जांच में भी पुलिस सीसीटीवी चैकिंग के सिवाय कुछ नहीं कर रही। बता दें कि दो साल पहले इसी तरह की गैंग की दो महिलाओं को पुलिस ने ट्रेस किया था। मगर पुलिस उनके बारे में कुछ पता नहीं करवा रही है, क्योंकि उनके पास रिकॉर्ड ही नहीं है।
महिलाओं ने रेकी के बाद की वारदात : एसएचओ