कुरुक्षेत्र . पिहोवा के सारसा गांव में तीन बच्चों की हत्या करने वाले आरोपी चाचा जगदीप ने जेल के बाथरूम में आत्म हत्या कर ली। जगदीप द्वारा आत्महत्या करने की सूचना जेल प्रशासन ने गांव सारसा में उसके परिजनों को भी दी। लेकिन उसकी पत्नी सहित परिवार का कोई सदस्य और गांव की ओर से कोई व्यक्ति रात करीब 11 बजकर 30 मिनट तक यहां नहीं पहुंचा था। बता दें कि इस जघन्य वारदात के बाद से परिवार व पूरा गांव जगदीप के खिलाफ था। पंचायत ने उसका व बच्चों के पिता सोनू दोनों का सामाजिक बहिष्कार किया हुआ था। पायजामें का बनाया था फंदा...
- जेल में यूं तो सुबह शाम गिनती होती है। शाम के समय रोजाना यह देखने के लिए अलग से जिला जेल में अभियान चलाते हैं कि सब कुछ अच्छा है या नहीं। शाम के समय बंदियों की गिनती के दौरान जब जगदीप गायब मिला, तो उसके कमरे में देखने सुरक्षा कर्मी गए। लेकिन वह कमरे में नहीं मिला।
- इस पर कमरे के साथ बाथरुम में देखने गए। जहां देखा कि वहां वह पायजामा का फंदा बनाकर पानी की टंकी की टोंटी से झूलता मिला। जगदीप के खिलाफ अपने छोटे भाई की हत्या करने का भी आरोप था।
तीन बच्चों को था मारा
- बता दें कि 19 नवंबर को गांव सारसा पिहोवा से तीन बच्चे समीर-समर व सिमरन तीनों बच्चे संदिग्ध परिस्थितियों में घर से लापता हो गए थे। तीसरे दिन 21 नवंबर को तीनों बच्चों के शव पंचकूला के मोरनी जंगल से मिले थे। फिर पता चला कि जगदीप ने ही तीनों बच्चों की हत्या की थी।
- देर शाम कागजी कार्रवाई कर पुलिस ने जगदीप का शव पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया था। 19 नवंबर को लापता हुए बच्चों की हत्या की खबर से ना केवल सारसा बल्कि पूरा कुरुक्षेत्र सन्न रह गया था। तब जगदीप ने कबूल किया था कि हत्या बच्चों के पिता सोनू के कहने पर की थी। प्लानिंग के तहत जगदीप बच्चों को सारसा से कार में लेकर गया।
- किसी को शक ना हो, इस लिए पहले बच्चों को पैदल गांव के बाहर भेजा। फिर बाद में कार से मेला दिखाने की कह मोरनी हिल्स ले गया। वहां सुनसान एरिया में तीनों बच्चों की अलग-अलग जगह लेकर उसने गोली मार हत्या कर दी थी।
इसके बाद उसने पुलिस को दिए बयान में बताया कि बच्चों की हत्या उसने अपने ताऊ के लड़के सोनू की जमीन व प्रॉपर्टी हड़पने के उद्देश्य से की थी।
जगदीप कबूल चुका था अपना जुर्म
पुलिस ने शक के आधार पर बच्चों के पिता सोनू के चचेरे भाई जगदीप को गिरफ्तार किया था। जगदीप ने तीनों बच्चों की हत्या की वारदात कबूली थी। साथ ही पुलिस रिमांड के दौरान उसने अपने छोटे भाई बलविंद्र सिंह की हत्या की वारदात भी कबूली थी।
पत्नी से फोन पर बातचीत में जताया था पछतावा
बता दें कि इस जघन्य हत्याकांड का खुलासा करने में जगदीप की पत्नी ने अहम भूमिका निभाई थी। उसने जगदीप के साथ बातचीत रिकॉर्ड की थी। इस बातचीत में भी उस हत्याकांड के लिए जगदीप पछतावा करता सुन रहा था। वहीं जगदीप को सनकी भी माना जा रहा था। गांव में घर में भी उसने अलग से अपना कमरा बनाया हुआ था।
जेल की सुरक्षा पर उठे सवाल
जेल में जगदीप ने किस तरह आसानी से फंदा लगा ली। इससे जेल प्रशासन की सुरक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं। उसे फांसी के लिए कपड़ा इतनी आसानी से कैसे उपलब्ध हो गया। साथ ही बाथरुम में कैसे आसान से वह फांसी से झूल गया और जेल प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगा। लिहाजा ऐसे जेल में सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर ऐसे सवाल उठ रहे हैं।