आजादी के संग्राम से लेकर देश की रक्षा तक मगरे के सपूत कहीं पीछे नहीं रहे। लोग देश की आर्मी में भर्ती होने को ज्यादा लालायित रहते हैं। मगर मगरे के सपूतों ने ना सिर्फ थल सेना में अपना शौर्य दिखाया है बल्कि नीर में भी अपनी वीरता की गाथा लिखी है। मगरे के सपूतों ने अपना बचपन मगरे की पथरीली और टेडी मेडी पगडंडियों पर बीताया। इसी मगरे के लाल ने महासागर में मुस्तैद रहकर सरहद की रक्षा भी की। नौसेना में रहकर अपनी जांबाजी और निडरता से दूश्मनों के दांत खट्टे करने में शिवनगरी निवासी वजीरा काठात के तीनों पुत्रों ने नौसेना में सेवाएं देकर समूचे मगरा क्षेत्र के लिए मिसाल पेश की है। नौसेना में ऑनरी लेफ्टिनेंट के पद से सेवा निवृत हुए शिवनगरी निवासी ललित कुमार काठात सेवानिवृति के बाद भी देशसेवा का मोह दिल में लिए अभी भी पूरे मगरे क्षेत्र के युवाओं को नौसेना में भर्ती होने के लिए ना सिर्फ प्रेरित कर रहे हैं बल्कि ऐसे युवाओं की मदद भी कर रहे हैं।
उत्कृष्ट सेवाओं के लिए ललित कुमार काठात को दिया गया स्मृति चिन्ह।
मिट्टी के सागर से पानी के समंदर तक
अजमेर जिले की ब्यावर तहसील के शिवनगरी निवासी ललित कुमार काठात के पिता वजीरा काठात खुद आर्मी में हवलदार थे। ललित कुमार काठात को देश सेवा का जज्बा विरासत में मिला। पिता की प्रेरणा और देश सेवा का सपना दिल में लिए ललित कुमार काठात 23 दिसंबर 1978 में महज 18 साल की उम्र में ही नौसेना में शामिल हो गए। 32 साल तक नौसेना में आइ एनएस विराट, हिमगिरी, उदयगिरी, नीलगिरी आईएनएस गंगा आइ एसएन कृष्णा सेवाएं देते हुए शांति सेना को पार्ट रहे और ऑपरेशन पवन में भी अपना जौहर दिखाया। 32 साल तक नौसेना में सेवा देने के बाद 31 जनवरी 2009 में ललित कुमार काठात सेवानिवृत हो गए। शिवनगरी निवासी ललित कुमार काठात अपने परिवार के ऐसे अकेले सदस्य नहीं जिन्होंने नेवी में सेवाएं दी। उनके छोटे भाई माल सिंह काठात और दीना काठात ने भी नेवी में सेवाएं दे चुके हैं। उनके ताऊजी का लड़का मांगी लाल काठात ने भी नौसेना में सेवाएं दे चुके हैं और उन्हें शौर्य चक्र मिल चुका है। मांगीलाल काठात का पुत्र राजेश कुमार भी वर्तमान में नौसेना में ही कार्यरत है।ललित कुमार काठात ने बताया कि उनका भाई दीना काठात आई एसएन दीपक पर सूबेदार की पोस्ट पर थे। गत वर्ष वह 10 दिन की छुट्टी पर गांव आए और 26 जनवरी 2018 को बाइक पर किसी काम से जाने के दौरान बनेवड़ी के समीप एक सड़क हादसे में दीना काठात की मृत्यु हा़े गई।