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कांग्रेस युवाओं से करेगी 100 दिन का ‘वाइट कॉलर’ जॉब देने का वादा, रोजगार की सभी योजनाएं एक मंत्रालय में होंगी

5 वर्ष पहले
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बेरोजगारी की पूरी तस्वीर सामने लाने के लिए अलग से एक वाइट पेपर अटैच करने पर विचार

मुकेश कौशिक | नई दिल्ली

कांग्रेस शिक्षित बेरोजगारों को 100 दिन के व्हाइट कॉलर जॉब की गारंटी देने की योजना का ब्लूप्रिंट तैयार कर रही है। यह योजना महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लाॅयमेंट गारंटी स्कीम (मनरेगा) की तर्ज पर होगी। इसे राष्ट्रीय युवा रोजगार गारंटी योजना नाम दिया जा सकता है। इसमें शिक्षित युवाओं को साल मंे सौ दिन का पार्ट टाइम आॅफिस वर्क सुनिश्चित करने का प्रस्ताव है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी की चुनाव घोषणा पत्र कमेटी के सदस्यों- पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम, पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश और राज्यसभा सदस्य राजीव गौडा को इस योजना को चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करने का ड्राफ्ट तैयार करने का कहा है।

राहुल गांधी की कोर टीम के एक सदस्य ने दैनिक भास्कर को बताया कि पार्टी का ध्यान वोटर्स के तीन व्यापक सेगमेंट्स- किसान, युवा और महिला पर है। दरअसल पार्टी के ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन में दो प्रमुख बातें सामने आई थींं। एक-युवाओं के लिए बेरोजगारी भत्ता लाने का वादा किया जाए। दूसरा- मनरेगा जैसे मॉडल पर युवाओं के लिए योजना हो। बेरोजगारी भत्ते के लिए बड़ा फाइनेंशियल बोझ व्यावहारिक नहीं लगा इसलिए राष्ट्रीय युवा रोजगार गारंटी योजना के वादे को पूरा सपोर्ट मिला है। कारण यह है कि मनमोहन सिंह सरकार ने मनरेगा को बखूबी लागू किया था। मोदी सरकार भी इसमें कोई बदलाव नहीं कर पाई। पार्टी के रणनीतिकारों को लग रहा है कि इस मॉडल को युवाओं को भी पॉलिटिकली आसानी से बेचा जा सकता है।

मनरेगा के रिकॉर्ड को देखते हुए लाेग इस नए वादे पर यकीन कर लेंगे। इसके अलावा युवाओं को आकर्षित करने के लिए एक बड़ा विचार अलग इम्पलायमेंट मिनिस्ट्री बनाने का भी है। इसके दायरे में युवाओं के रोजगार से जुड़ी 22 मंत्रालय की स्कीमों को लाया जा सकता है।

दरअसल, कांग्रेस की निगाह उन 8 करोड़ युवा वोटरों पर है जो पहली बार 2019 के लोकसभा चुनाव में वोट करेंगे। इसके अलावा करीब 7 करोड़ वोटर ऐसे भी हैं जो 2014 में वोट डाल चुके हैंं।

पार्टी को लगता है कि युवा मोदी सरकार की वादा खिलाफी से गुस्से में हैं। इस वोट बैंक के लिए पार्टी मेनिफेस्टो में अलग से एक वाइट पेपर अटैच करने की सोच रही है, ताकि इस समय शहरी और ग्रामीण बेरोजगारी की पूरी तस्वीर पेश कर इस समस्या के स्थायी समाधान के उपाय दिए जा सकें। वार रूम के एक सदस्य के अनुसार राहुल गांधी बेरोजगारी दूर करने के ठोस फॉर्मूलों के साथ चुनाव मैदान में उतरना चाहते हैं।

मेनिफेस्टो कमेटी के संयोजक प्रो. राजीव गौड़ा ने दैनिक भास्कर से कहा कि युवाओं को रोजगार के अवसर देने के लिए पार्टी ने ठोस रणनीति तैयार की है। चुनाव के घोषणा-पत्र पर अंतिम फैसला तो कार्य समिति ही लेगी, लेकिन हमारा काम उसका ड्राफ्ट देने का है, जिसे हम दो सौ से अधिक खुले और बंद सत्रों में विचार विमर्श के बाद अंतिम रूप देने जा रहे हैं।