उदासर गांव में माध्यमिक स्कूल में अध्यापकों की मांग को लेकर ग्रामीण शनिवार से स्कूल के आगे धरने पर बैठे हैं। यहां का राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पिछले सत्र क्रमोन्नत हुआ था। परंतु यहां सिर्फ तीन अध्यापकों के भरोसे गांव के 200 बच्चों का भविष्य दांव पर है। गांव के जागरूक नागरिक मुकेश सिहाग ने बताया कि हमने इस सत्र से एक भी विद्यार्थी का प्रवेश नहीं कराया। अगर 15 जुलाई से पहले रिक्त पद नहीं भरे गए तो सभी बच्चों की टीसी कटवाकर दूसरे किसी स्कूल में प्रवेश दिलाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। पिछले सत्र नवीं कक्षा में 40 बच्चे थे। गौरतलब है उदासर के इस माध्यमिक विद्यालय में पिछले सत्र भी ग्रामीणों ने अध्यापकों की मांग को लेकर आंदोलन किया था, परंतु विभाग ने लोगों को शांत करने के लिए दो अध्यापक कुछ समय के लिए शिक्षण व्यवस्था में लगाए थे। ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार को अगर कोई अधिकारी हमारी सुध लेने नहीं आए, तो हम अनशन पर बैठेंगे। धरने पर भादर स्वामी, राजपाल खोड, रामप्रताप सिहाग, मेहरचंद सिहाग, हेतराम बुडानिया, सत्यनारायण शर्मा, मदनदास, धन्ना राम स्वामी, इमरताराम, शीशपाल, लालाराम नायक, धन्ना राम नाई आदि ग्रामीण बैठे।
उदासर गांव में स्कूल के आगे धरने पर बैठे ग्रामीण
बिसरासर के सरकारी स्कूल में स्टाफ ने 12 कैंपर भेंट किए
पल्लू. बिसरासर के राजकीय आदर्श उच्च विद्यालय में शनिवार को विद्यालय स्टाफ ने प्रधानाचार्य देवसिंह पारीक के प्रेरित करने पर बच्चों के लिए पीने के पानी के 12 कैंपर भेंट किए। सरकारी स्कूल के स्टाफ द्वारा पानी कैंपर देने पर ग्रामीणों ने प्रशंसा की। इस स्कूल में प्रधानाचार्य देवसिंह पारीक के प्रेरित करने पर पहले भी ग्रामीणों ने बढ़-चढ़ कर सहयोग किया था।
बिसरासर के सरकारी स्कूल में स्टाफ वाटर कैंपर भेंट करते हुए।