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अनूपगढ़ की रेणु काे राजस्थान में हार्ले डेविसन बाइक की महिला राइडर का खिताब मिला

4 वर्ष पहले
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भास्कर संवाददाता| श्रीगंगानगर

बेटियां व महिलाएं हर क्षेत्र में अागे जा रही हैं। उनके जज्बे व हिम्मत से अब काेई क्षेत्र अछूता नहीं है। जिले के अनूपगढ़ की रहने वाली रेणु शर्मा ताे बाइक राइडिंग की दीवानी है। रेणु बाइक पर पूरे नियमों के साथ यूं फर्राटेदार रफ्तार भरती है कि देखने वाला देखता रह जाता है। ये इनका शाैंक है। वह पिछले 5 सालाें से बाइक राइडिंग कर रही हैं, वे बताती हैं कि अभी तक जयपुर, चंडीगढ़, जैसलमेर, रूणेचा, मंडावा अादि जगहों की राइडिंग कर चुकी हैं। इस कड़ी में 5 जून काे रेणु शर्मा काे जयपुर में राजस्थान में हार्ले डेविसन बाइक की महिला राइडर का भी खिताब मिल चुका है। अापकाे बता दें कि रेणु के पास वर्तमान समय में हार्ले डेविसन माॅडल 48 है। इसमें 1200 सीसी का इंजन है। अाैर यह बाइक 220 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से सड़क पर दौड़ती है। रेणु बीएससी हाेम साइंस, बीएड व कंप्यूटर में डिप्लाेमा पूरा कर चुकी है। इसके अलावा वह अभी अनूपगढ़ में ही रहकर वेब डिजाइनिंग का काम कर रही है। रेणु के पिता कृष्णलाल का कहना है कि उन्हें बाइक राइडिंग का शाैक बचपन से ही था। शादी के बाद इनके ससुर लीलाधर अाेझा ने ही उन्हें बाइक राइड करना सिखाया। उनका पीहर हनुमानगढ़ जंक्शन में है। वे बताती है कि उनकी शादी 2009 में अनूपगढ़ निवासी सुमित अाेझा से हुई। उनके पति इंटरनेशनल वेब डिजाइनिंग का काम करते हैं।

बाइक राइडिंग काे लेकर ससुराल पक्ष का पूरा सहयोग रहा। अापकाे बता दें कि इनके पति काे भी बाइक राइडिंग का शाैंक है, इनके पास भी हार्ले डेविसन बाइक का माॅडल-750 है। इस बाइक में 750 सीसी का इंजन है। रेणु ने पहले सामान्य बाइक चलाना सीखा। इसके बाद उन्होंने अपने पति की बाइक से राइडिंग करनी शुरू की।

लड़कियाें का बाइक चलाना हमारे समाज में अाज भी सामान्य नहीं

रेणु बताती कि लड़कियों का बाइक चलाना हमारे समाज में अाज भी सामान्य नहीं है। इसे अलग नजरिये से देखा जाता है। शुरूआत में काफी दिक्कतें हुई। जब भी बाइक लेकर घर से निकलती ताे सड़क पर लड़के मेरी बाइक काे देखकर मेरे साथ रेस लगाने की कोशिश करते थे। इस दाैरान कभी-कभी लड़के मुझे क्राेर्स करने के बाद मुड़कर देखते थे। लेकिन मुझे इस दाैरान बहुत डर लगता था कि कहीं इनके साथ किसी भी तरह की घटना घटित न हाे जाए। क्योंकि यह लड़के बाइक राइडिंग के समय हेलमेट अादि नहीं लगाते थे। इसके चलते मुझे अपनी बाइक की स्पीड काे कम करना पड़ता था।

शिक्षा व नारी सशक्तिकरण का देती है संदेश

रेणु बाइक राइडिंग के दाैरान शिक्षा व नारी सशक्तिकरण का संदेश देती हैं। रेणु का कहना है कि हमारी बेटियां अाैर महिलाएं किसी से कम नहीं है। हर क्षेत्र में वाे सफलता के नए मुकाम पा रही हैं। जरूरत है बस उनका हाैंसला बढ़ाने की अाैर अागे बढ़ने के अवसर देने की। बेटे ताे एक कुल का नाम राेशन करते है। लेकिन महिलाएं ताे दाे घराें का नाम राेशन करती हैं।

चाहे शादी हाे जाए फिर भी उनकी पहचान सास-ससुर से अधिक माता-पिता के नाम से हाेती है। एेसे में बेटियाें काे पराया मानने की मानसिकता त्यागनी हाेगी।

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