- प्रदेश में सत्ता बदलते ही कांग्रेस सरकार सड़कों के लिए बना रही है नई रोड सेक्टर पॉलिसी, ड्राफ्ट तैयार
- पीडब्ल्यूडी ने हाल ही में ट्रैफिक पुलिस से लेकर विशेषज्ञाें से राय मांगी है, जिस पर अमल किया जा रहा है
Dainik Bhaskar
Dec 03, 2019, 05:12 AM ISTजयपुर (हर्ष खटाना). पीडब्ल्यूडी ने राजस्थान राेड सेक्टर पाॅलिसी और इसके माॅर्डनाइजेशन का ड्राफ्ट तैयार किया है। इस ड्राफ्ट में दुर्घटना ग्रस्त स्थलाें का सर्वे कराकर कमियाें काे दूर करने का प्रावधान शामिल किया गया है। राज्य के पर्यटन और धार्मिक स्थलाें काे जाेड़ने वाली 82650 किलाेमीटर की सड़काें का निर्माण से लेकर बेहतर राेड सर्विस उपलब्ध कराने के बिंदु शामिल किए गए है।
प्रदेश की 4772 किलाेमीटर की 50 स्टेट हाइवे काे नेशनल हाइवे बनाने का प्रस्ताव किया गया है। 123 आरओबी और आरयूबी का निर्माण शामिल है। सड़क निर्माण में लागत काे कैसे कम करके जनता काे बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने जैसे बिंदुओं पर फाेकस किया गया है।
सड़क निर्माण में प्राइवेट शेयर काे भी आगे लाने का प्राेविजन शामिल किया गया है। विभागीय स्तर पर इसका खाका सार्वजनिक करके आपत्ति एवं सुझाव मंगाया गया है। पीडब्ल्यूडी ने हाल ही में ट्रैफिक पुलिस से लेकर विशेषज्ञाें से राय मांगी है, जिस पर अमल किया जा रहा है। सड़क निर्माण के टारगेट काे 2028 तक पूरे किए जाने का खाका तैयार कर लिया गया है।
काेर राेड नेटवर्क काे चार कैटेगरी में बांटकर तीन हजार कराेड़ रुपए का काम हाेगा
पीडब्यूडी काेर राेड नेटवर्क पर विशेष रूप से फाेकस रहेगा। प्रदेश में विभाग का राेड नेटवर्क 2 लाख 30 हजार है। इनमेे से काेर राेड 25 हजार 767 है। पीडब्ल्यूडी 15 हजार 432 किलाेमीटर संभाल रहा है। विभाग इस काम के लिए चार केटेगरी में बांटकर काम करेगा। इसमें ट्रैफिक केटेगरी के तहत शहर और गांवाें के ट्रैफिक का आंकलन करके सड़क निर्माण या विस्तार । जनसंख्या का आधार - जिनमें डिस्ट्रिक हैडक्वाटर, शहर और तहसील शामिल रहेगी। आर्थिक क्षेत्र - जैसे इंडस्ट्री, माइन क्षेत्र और कृषि मंडल से जुड़ी सड़क का निर्माण शामिल रहेगा। इसके अलावा साेश्यल एनवाॅयरमेंट - ट्यूरिस्ट पैलेस, धार्मिक स्थल ओर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी शामिल रहेगी। इन समस्त प्राेजेक्ट्स पर तीन हजार कराेड़ रुपए से अधिक खर्च का आंकलन किया गया है।
विजन में रोड नेटवर्क ऑपरेट करने की काॅस्ट को कम करना भी शामिल
- दुर्घटना ग्रस्थ स्थलाें पर की कमियां दूर करके सुधार करना
- काॅर्बन फुटप्रिंट ऑफ स्टेट राेड 25 प्रतिशत तक घटाया जाएगा ।
- वर्ष 2016 के मानकाे काे आधार मानकर काम हाेगा।
- राेड नेटवर्क डवलप और ऑपरेट करने की काॅस्ट काे 20 प्रतिशत तक कम किया जाएगा
- राेड यूजर काे संतुष्टता पर भी ध्यान दिया जाएगा।
ये रहेंगे आर्थिक संसाधन
सड़क निर्माण के लिए पीएमजीएसवाय, नाबार्ड, सेट्रल राेड फंड,, राेड सेफ्टी फंड, नेशनल केपीटल रीजन और प्राइवेट शेयर रीजन, पीपीपी की मदद से काम हाेंगे।