हर साल करीब 100 करोड़ का बजट खर्च करने वाले विभाग का काम केवल रजिस्ट्रेशन और बेरोजगारी भत्ता देने तक सिमटा
जयपुर. प्रदेश के जिस रोजगार विभाग पर सरकार हर साल करीब 100 करोड़ रुपए खर्च कर रही है, उसका काम बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलवाने की जगह केवल उनके रजिस्ट्रेशन तक सीमित हो गया है। इसकी गवाही खुद विभाग के आंकड़े दे रहे हैं।
रोजगार विभाग में बीते तीन सालों में 8 लाख 57 हजार 316 बेरोजगार युवाओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया, लेकिन उनमें से सिर्फ 217 को ही रोजगार मिल पाया है। रोजगार के लिए रजिस्टर करवाने वाले जिलों में सबसे आगे जयपुर है। यहां गत तीन सालों में अब तक 98,421 युवाओं ने रजिस्ट्रेशन किया है, जबकि सबसे कम रजिस्ट्रेशन वाला जिला जैसलमेर है। जैसलमेर में तीन सालों में केवल 4307 युवा ही नौकरी के लिए सामने आए हैं। अगर पिछले तीन वर्षों की सालवार बात करें तो विभाग का बजट औसतन 97 करोड़ रहा है, लेकिन हर साल करीब तीन लाख रजिस्ट्रेशन के बावजूद सिर्फ 74 युवाओं को ही नौकरी मिल पा रही है। ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि जब रोजगार दिलाने में इस विभाग की कोई भूमिका ही नहीं है, तो फिर केवल बेरोजगारों के रजिस्ट्रेशन के लिए भारी-भरकम खर्च क्यों किया जा रहा है। इन सब में रोचक बात ये सामने आई है कि विभाग अपने ही पोर्टल पर तीन साल में 217 लोगों को रोजगार देने के आंकड़ों को सही नहीं मान रहा। अधिकारियों का कहना है कि तीन सालों में 62,104 युवाओं को नौकरी दी गई है, जबकि उनके पास कोई पुख्ता आंकड़े तक उपलब्ध नहीं हैं।
डिप्लोमा से लेकर पीएचडी तक के शिक्षित युवा हैं नौकरी के इंतजार में : रोजगार सेवा निदेशालय आैर नेशनल करियर सर्विस पोर्टल पर तीन सालों में 8,57,316 बेरोजगार युवाओं न रजिस्ट्रेशन करवाए हैं। इनमें क्लास 10-12वीं पास, डिप्लोमा सर्टिफिकेट, ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, पीएचडी, आईटीआई, पीजी डिप्लोमा शिक्षित बेरोजगार शामिल हैं।
बजट का 12% खर्च बेरोजगारी भत्ते पर : रोजगार सेवा निदेशालय का पिछले एक साल का बजट 96.91 करोड रुपए था। जिनमें से 11.40 करोड रुपए बेरोजगारी भत्ते के रूप में खर्च किए गए। इसके अलावा बाकी राशि विभागीय ढांचे को चलाने पर ही खर्च हो गई।
प्रतापतगढ़ व राजसमंद में एक भी रोजगार नहीं : प्रदेश के कई जिले तो ऐसे हैं,जहां तीन सालों में एक भी युवा को रोजगार नहीं मिल सका है। इनमें प्रतापगढ़ और राजसमंद जिले के युवा शामिल हैं। वहीं बांसवाड़ा, डूंगरपुर में 1-1, बूंदी, चितौड़गढ़, सिरोही में तीन सालों में बस दो-दो युवाओं को ही रोजगार मिला है।
सबसे ज्यादा 36 युवाओं को रोजगार जयपुर में : अगर तुलनात्मक रूप से तीन सालों में सबसे अधिक रोजगार मिलने वाले जिलों की बात करें तो पहले नंबर पर जयपुर 36 है, दूसरे नंबर कोटा 19, तीसरे नंबर पर सीकर 16, चाैथे नंबर पर हनुमागढ़ 15 और पांचवें नंबर पर अलवर में अब तक 11 लोगों को रोजगार मिला है।
- बेरोजगारों को रोजगार दिलाने हम लोग जो भी पैसे खर्च कर रहे हैं, उससे कई गुना बेहतर रिजल्ट मिल रहा है। हम लोग कम से कम अमाउंट खर्च करके ज्यादा से ज्यादा युवाओं को फायदा पहुंंचा रहे हैं। -मुरारी लाल विजयवर्गीय, उपनिदेशक, रोजगार सेवा निदेशालय।
रजिस्ट्रेशन में टॉप 5 जिले ( वर्ष 2017-18)
जिला | रजिस्ट्रेशन हुए |
जयपुर
|
36,983 |
झंझुनूं
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31,602 |
अलवर
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29,367 |
सीकर
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23,452 |
भरतपुर | 19,507 |
यहां महिलाओं की जागरूकता ज्यादा (वर्ष 2017-18)
जिला | पुरूष | महिला |
झुंझुनूं
|
9,591 | 22,010 |
जयपुर
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16,400 | 20,582 |
सीकर | 9,492 | 13,960 |
हनुमानगढ़
|
4,173 | 11,987 |
टोंक
|
3,337 | 4,228 |