जोधपुर. रेप मामले में उम्रकैद की सजा मिलने के दो दिन बाद ही आसाराम सोशल मीडिया पर आ गया। शुक्रवार को आश्रम के सोशल मीडिया अकाउंट पर आसाराम का फोटो लगा वीडियो और प्रवचन देता ऑडियो मैसेज चला। आसाराम कहता है, “पहले शरद व शिल्पी को निकलवाएंगे। बाद में हम आ जाएंगे तुम्हारे बीच।” इसके लिए आसाराम के फेसबुक पेज पर शाम को ही सूचना जारी कर दी गई थी। लिखा था- 27 अप्रैल को जोधपुर जेल से शाम 6:30 बजे ऑडियो लाइव आने की संभावना है, ‘मंगलमय’ पर जरूर सुनें। ‘मंगलमय’ आसाराम का मोबाइल एेप है। हालांकि, एक घंटे बाद ऑडियो को फेसबुक और मंगलमय ऐप से हटा दिया गया।
जेल प्रशासन बोला- आसाराम ने फोन से साबरमती आश्रम बात की थी
- जेल प्रशासन के मुताबिक, आसाराम ने साबरमती आश्रम में 17 मिनट बात की थी, शायद इसी को जारी किया गया।
- डीआईजी (जेल) विक्रमसिंह कर्णावत ने बताया कि जेल में बंदियों या कैदियों को किन्हीं दो नंबरों पर एक महीने में कुल 80 मिनट तक बात करने की अनुमति होती है। इन दो नंबरों की पहले एटीएस से वेरिफिकेशन कराया जाता है और इसके बाद कैदी या बंदी उस नंबर पर बात कर सकता है। शुक्रवार शाम साढ़े छह बजे आसाराम ने साबरमती आश्रम के जदवानी निशांत से 17 मिनट तक बात की थी।
फोन पर ऐसा करना ठीक नहीं, आसाराम से ये सुविधा छिन सकती है: डीआईजी
- कर्णावत ने कहा, “संभव है कि इसी बातचीत को आश्रम से सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारित किया गया हो। हालांकि, आसाराम ने जो भी बातचीत की होगी, वो जेल के एसटीडी पर लगे सिस्टम में रिकॉर्ड है। बातचीत को सोशल मीडिया पर वायरल करने को लेकर कोई तय नियम तो नहीं है, लेकिन ऐसा करना अनुचित है, क्योंकि कैदी या बंदी को अपने रिश्तेदार या अन्य से बात करने की सुविधा इस मकसद से नहीं दी जाती है। ऐसे में कैदी की यह सुविधा छीनी जा सकती है।”
ऑडियो के प्रमुख अंश
- सोशल मीडिया से हटाया गया ऑडियो देर रात एक ब्लॉग पर भी सामने आया। इसमें आसाराम कहता है, “जितनी बड़ी गाज गिरती है, उतने बड़े रास्ते भी बन जाते हैं। पहले तो शिल्पी बेटी को निकालूंगा और फिर शरद बेटे को, ऊपर एक से एक कोर्ट हैं। कुछ लोग झूठ फैलाने में लगे हैं...रोने की बात झूठ है। ऑडियो के अंत में शरद की आवाज भी आती है। वो कहता है कि मैं जोधपुर में ठीक हूं।”
- “कुछ लोग आश्रम के लैटर हैड को कॉपी करके अनर्गल मैसेज कर रहे हैं। इनसे सावधान रहना।... सिर्फ लक्ष्मी, नारायण सांई और भारती ही मेरा परिवार है, ऐसा कहने वाले गलत है। पूरी दुनिया ही मेरा परिवार है, जिसमें लाखों-करोड़ों सदस्य हैं...। शिल्पी एम.ए. की हुई है और शरद एम.टेक. कर चुका है। इन्हें भी सजा सुना दी...जबकि, हमने कोई साजिश नहीं रची। ये केस ही पूरी साजिश है...”
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