को नहीं जानत है जग में कपि संकट मोचन नाम तिहारो
मदनगंज-किशनगढ़. खातेली में बालाजी की की पूजा-अर्चना करते पुजारी। इधर हनुमान जयंती पर बालाजी की बगीची में...
Bhaskar News Network | Last Modified - Apr 01, 2018, 04:05 AM IST
मदनगंज-किशनगढ़. खातेली में बालाजी की की पूजा-अर्चना करते पुजारी। इधर हनुमान जयंती पर बालाजी की बगीची में सुंदरकांड के पाठ में मौजूद महिलाएं।
भास्कर न्यूज | मदनगंज-किशनगढ़
शहर में हनुमान जन्मोत्सव शनिवार को श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। बालाजी मंदिरोंं में दिनभर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य मंदिरों को रोशनी से सजाया गया। बालाजी का विशेष शृंगार किया गया। हनुमान जी के चोले चढ़ाने के लिए भी भक्तों में होड़ रही। सुंदरकांड और रामचरित मानस की चौपाइयों से शहर गुंजायमान हो गया।
जन्मोत्सव के अवसर पर मंदिरो में संगीतमय सुंदरकांड की धूम रही। मंडावरिया मार्ग पर बालाजी मंदिर पर सुंदरकांड पाठ का संगीतमय आयोजन हुआ। इसी प्रकार नाडी वाले बालाजी मंदिर में अखंड रामायण का पाठ शुरू हुआ। इसी प्रकार पुराना शहर व नया शहर में कई मंदिरों पर संगीतमय सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। सरवाड़ी गेट स्थित गोबरिया गणेश मंदिर पर सत्यनारायण मानस मंडल के तत्वावधान में संगीतमय सुंदरकांड का पाठ आयोजित किया गया। पं. राजेंद्र प्रसाद आचार्य, भजन गायक गौरव भारद्वाज ने सुंदरकांड पाठ किया। इसी प्रकार विभिन्न मंडलों द्वारा बालाजी मंदिर परिसर में संगीतमय सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। इस बार बालाजी जयंती अति विशेष संयोग में मनाई गई है। पंडित सत्यप्रकाश दाधीच ने बताया कि त्रेता युग में हनुमान जी का जन्म मंगलवार को चित्रा नक्षत्र व पूर्णिमा के दिन हुआ था। वीर बजरंगी भगवान शिव के 11 वें रुद्र के रुप में अवतरित हुए थे। बालाजी की कृपा चहुंओर रहेगी। इस कारण पवन तनय के भक्तो ने विधि विधान से विशेष संयोग में वीर बजरंगी की पूजा अर्चना की।
चोला बदलने की मची होड़
हनुमान जी के जन्मोत्सव पर मंदिरों में वीर बजरंग बली का वैदिक मंत्रों के बीच चोला बदला गया। पुराना चोला हटा नया धारण कराया गया। इसके बाद सुबह से लेकर सांय काल तक सुंदरकांड की धूम मची। ऊंटड़ा फाटक स्थित इच्छापूर्ण बालाजी मंदिर पर शनिवार रात्रि आठ बजे से 108 आसनों पर संगीतमय सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। पुजारी बंकटलाल शर्मा ने बताया कि संगीतमय सुंदरकांड का शुभारंभ बालाजी की प्रतिमा पर नया चाेला चढ़ाकर किया गया। इसके साथ ही कृष्णापुरी स्थित पंचमुखी बालाजी मंदिर, श्रीराम मंदिर, पंचमुखी बालाजी मंदिर, मेंहदीपुर बालाजी मंदिर, बाजेड़ा बालाजी मंदिर, जयपुर रोड बालाजी, बालाजी की बगीची सहित अन्य मंदिर परिसरों में संगीतमय सुंदरकांड के पाठ हुआ। शाम को 108 दीपकों से बालाजी की आरती की गई। बस स्टैंड स्थित जनता बालाजी मंदिर, श्रीराम मंदिर पर स्थित दक्षिणेश्वर बालाजी मंदिर परिसर पर बालाजी को नया सिंदूरी चोला चढ़ाया गया और अखंड रामायण का पाठ किया गया।
हरमाड़ा अंचल में भी रही धार्मिक कार्यक्रमों की धूम
हरमाड़ा अंचल में भी हनुमान जन्मोत्सव पर कई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। हरमाड़ा बाड़ोलाव बालाजी मंदिर पर सुबह नौ बजे संगीतमय सुंदरकांड पाठ का शुरू हुआ जो दोपहर तक अनवरत जारी रहा। दोपहर बारह बजे महाआरती कर प्रसाद का वितरण किया गया। पुजारी कमल किशोर शर्मा ने बताया कि संगीतमय सुंदरकांड के बाद बालाजी के समक्ष 56 भोग की झांकी सजाई गई। इसी प्रकार बुहारू गांव में पाल वाले बालाजी, छिर्रबालाजी धाम पर भी कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। छिर्र बालाजी धाम पर 108 किलो चूरमे के भोग लगाया गया और आरती कर प्रसाद का वितरण किया गया। इस दौरान बच्चों ने बालाजी का रूप धर कर बाल लीला कर हनुमान जी के जीवन पर प्रकाश डाला। इसी प्रकार छोटा नरेना, कांकनियावास, भोजियावास, फलौदा, तिलाेनिया सहित अन्य गांवों में बालाजी धाम पर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
अखंड रामायण
कृष्णापुरी सिद्धेश्वर महादेव मंदिर का पाटोत्सव श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान अखंड रामायण पाठ आयोजित हुआ। अखंड रामायण पाठ के विश्राम पर हवन पूजन किया गया। इस दौरान श्री हरि की नयनाभिराम झांकी बनाई गई। सुबह से मंदिर परिसर में दर्शन करने श्रद्धालु भक्त आते रहे।
बालाजी मंदिर में सजाई गई नयनाभिराम झांकी।
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शहर में हनुमान जन्मोत्सव शनिवार को श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। बालाजी मंदिरोंं में दिनभर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य मंदिरों को रोशनी से सजाया गया। बालाजी का विशेष शृंगार किया गया। हनुमान जी के चोले चढ़ाने के लिए भी भक्तों में होड़ रही। सुंदरकांड और रामचरित मानस की चौपाइयों से शहर गुंजायमान हो गया।
जन्मोत्सव के अवसर पर मंदिरो में संगीतमय सुंदरकांड की धूम रही। मंडावरिया मार्ग पर बालाजी मंदिर पर सुंदरकांड पाठ का संगीतमय आयोजन हुआ। इसी प्रकार नाडी वाले बालाजी मंदिर में अखंड रामायण का पाठ शुरू हुआ। इसी प्रकार पुराना शहर व नया शहर में कई मंदिरों पर संगीतमय सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। सरवाड़ी गेट स्थित गोबरिया गणेश मंदिर पर सत्यनारायण मानस मंडल के तत्वावधान में संगीतमय सुंदरकांड का पाठ आयोजित किया गया। पं. राजेंद्र प्रसाद आचार्य, भजन गायक गौरव भारद्वाज ने सुंदरकांड पाठ किया। इसी प्रकार विभिन्न मंडलों द्वारा बालाजी मंदिर परिसर में संगीतमय सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। इस बार बालाजी जयंती अति विशेष संयोग में मनाई गई है। पंडित सत्यप्रकाश दाधीच ने बताया कि त्रेता युग में हनुमान जी का जन्म मंगलवार को चित्रा नक्षत्र व पूर्णिमा के दिन हुआ था। वीर बजरंगी भगवान शिव के 11 वें रुद्र के रुप में अवतरित हुए थे। बालाजी की कृपा चहुंओर रहेगी। इस कारण पवन तनय के भक्तो ने विधि विधान से विशेष संयोग में वीर बजरंगी की पूजा अर्चना की।
चोला बदलने की मची होड़
हनुमान जी के जन्मोत्सव पर मंदिरों में वीर बजरंग बली का वैदिक मंत्रों के बीच चोला बदला गया। पुराना चोला हटा नया धारण कराया गया। इसके बाद सुबह से लेकर सांय काल तक सुंदरकांड की धूम मची। ऊंटड़ा फाटक स्थित इच्छापूर्ण बालाजी मंदिर पर शनिवार रात्रि आठ बजे से 108 आसनों पर संगीतमय सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। पुजारी बंकटलाल शर्मा ने बताया कि संगीतमय सुंदरकांड का शुभारंभ बालाजी की प्रतिमा पर नया चाेला चढ़ाकर किया गया। इसके साथ ही कृष्णापुरी स्थित पंचमुखी बालाजी मंदिर, श्रीराम मंदिर, पंचमुखी बालाजी मंदिर, मेंहदीपुर बालाजी मंदिर, बाजेड़ा बालाजी मंदिर, जयपुर रोड बालाजी, बालाजी की बगीची सहित अन्य मंदिर परिसरों में संगीतमय सुंदरकांड के पाठ हुआ। शाम को 108 दीपकों से बालाजी की आरती की गई। बस स्टैंड स्थित जनता बालाजी मंदिर, श्रीराम मंदिर पर स्थित दक्षिणेश्वर बालाजी मंदिर परिसर पर बालाजी को नया सिंदूरी चोला चढ़ाया गया और अखंड रामायण का पाठ किया गया।
हरमाड़ा अंचल में भी रही धार्मिक कार्यक्रमों की धूम
हरमाड़ा अंचल में भी हनुमान जन्मोत्सव पर कई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। हरमाड़ा बाड़ोलाव बालाजी मंदिर पर सुबह नौ बजे संगीतमय सुंदरकांड पाठ का शुरू हुआ जो दोपहर तक अनवरत जारी रहा। दोपहर बारह बजे महाआरती कर प्रसाद का वितरण किया गया। पुजारी कमल किशोर शर्मा ने बताया कि संगीतमय सुंदरकांड के बाद बालाजी के समक्ष 56 भोग की झांकी सजाई गई। इसी प्रकार बुहारू गांव में पाल वाले बालाजी, छिर्रबालाजी धाम पर भी कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। छिर्र बालाजी धाम पर 108 किलो चूरमे के भोग लगाया गया और आरती कर प्रसाद का वितरण किया गया। इस दौरान बच्चों ने बालाजी का रूप धर कर बाल लीला कर हनुमान जी के जीवन पर प्रकाश डाला। इसी प्रकार छोटा नरेना, कांकनियावास, भोजियावास, फलौदा, तिलाेनिया सहित अन्य गांवों में बालाजी धाम पर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
अखंड रामायण
कृष्णापुरी सिद्धेश्वर महादेव मंदिर का पाटोत्सव श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान अखंड रामायण पाठ आयोजित हुआ। अखंड रामायण पाठ के विश्राम पर हवन पूजन किया गया। इस दौरान श्री हरि की नयनाभिराम झांकी बनाई गई। सुबह से मंदिर परिसर में दर्शन करने श्रद्धालु भक्त आते रहे।
बालाजी मंदिर में सजाई गई नयनाभिराम झांकी।
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