- जिन मुद्दों पर कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हल्ला किया, उन्हीं मुद्दों पर अब भाजपा कर रही विरोध
- कोटा के लोगों की परेशानियां जस की तस
शैलेंद्र माथुर. कोटा. शहर की बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ भाजपा आज प्रदर्शन करेगी। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा का स्कोर 1-1 से बराबर है। दोनों पार्टियों के बड़े नेताओं की नजर अब साल के अंत में होंने वाले निकाय चुनाव पर है, इसलिए स्थानीय मुद्दों पर जुबानी जंग से लेकर धरने-प्रदर्शनों में तेजी आ गई है। जिन मुद्दों पर अभी आंदोलन हो रहे हैं, प्रदेश में भाजपा सरकार के समय भी वही मुद्दे थे।
हालांकि कोटा शहर के लोगों की परेशानियां जस की तस हैं। बदलाव बस ये हुआ है कि विपक्ष की पार्टी बदल गई है। साथ आंदोलनकारियों के चेहरे बदले गए हैं। प्रदेश में भाजपा सरकार के दौरान जिन मुद्दों का कांग्रेस विरोध करती थी जबकि अब भाजपा के नेता विरोध की भूमिका निभा रहे हैं। उन निजी बिजली कंपनी केईडीएल, कानून व्यवस्था व शराब की अवैध दुकानों क लेकर भाजपा सरकार में शांति धारीवाल, शहर कांग्रेस अध्यक्ष रविंद्र त्यागी सहित कई कांग्रेसियों ने धरने-प्रदर्शन से लेकर कोटा बंद तक करवाया था। वहीं अब कांग्रेस सरकार के दौरान विधायक संदीप शर्मा से लेकर सांसद ओम बिरला तक विरोध में बयानबाजी करने से लेकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं।
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केईडीएल : पहले कांग्रेस विरोध में थी
पिछले साल 4 अगस्त को बिजली कंपनी के खिलाफ शांति धारीवाल ने बयान दिया था कि केईडीएल ईस्ट इंडिया कंपनी की तर्ज पर लूटने के लिए आई है। जयपुर डिस्कॉम बेबस और लाचार है, इसलिए कंपनी जनता को लूट रही है। भाजपा विधायकों ने कंपनी से सौदेबाजी कर रखी है। केवल सांसद और एक विधायक ही क्यों बोल रहे हैं? बाकी के तीन विधायकों ने कंपनी से सौदेबाजी कर रखी है।
क्या कारण है कि स्मार्ट मीटर की लैब में जांच नहीं करवाई जा रही है?
- 8 अगस्त को केईडीएल के विरोध में कांग्रेसियों ने कई दिनों तक अनशन किया। अनशन स्थल पर धारीवाल व शहर अध्यक्ष रविंद्र त्यागी समर्थन देने पहुंचे थे।
- 10 अगस्त को कांग्रेस ने संघर्ष समिति बनाकर कोटा बंद करवाया।
कानून: भाजपा राज में कांग्रेस के प्रदर्शन
24 जुलाई 2016 को कांग्रेस ने एरोड्राम पर प्रदर्शन किया। तत्कालीन सीएम वसुंधरा का पुतला दहन किया।
- जुलाई में ही महिला कांग्रेस ने महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और अपराधों के खिलाफ कलेक्ट्री पर प्रदर्शन किया।
- 17 जुलाई को यूथ कांग्रेस ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया।
...और अब भाजपा ने मोर्चा संभाला
4 जून 2019 को सांसद ओम बिरला और विधायक संदीप शर्मा ने केईडीएल के खिलाफ मोर्चा खोला। कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की।
- 6 जून को बिरला ने विधायकों की बैठक में कहा कि बिजली कंपनी की मनमानी नहीं चलने देंगे। इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। जब तक बिजली कंपनी कोटा से चली नहीं जाती तब तक भाजपा आंदोलन करती रहेगी। विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि बिजली तंत्र मजबूत करने के लिए कंपनी को लाया गया था।
लेकिन इसके अधिकारी विफल रहे। कंपनी के प्रतिनिधि घरों में घुसकर स्मार्ट मीटर के नाम पर वसूली कर रहे हैं।
10 जून 2019 को कोटा उत्तर के कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करेंगे। लोकसभा चुनाव में जीत के बाद से ही भाजपा नेता कानून व्यवस्था को लेकर बयान दे रहे हैं।
- सांसद बिरला भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कह चुके हैं कि एसएचओ कानून व्यवस्था बनाए रखने की जगह दादागीरी कर रहे हैं।
एक भाजपा कार्यकर्ता को थाने पर बिठाने पर भी संदीप शर्मा और बिरला विरोध जता चुके हैं।
अवैध शराब : जनता विरोध में आई तो दोनों पार्टियों को भी आना पड़ा
- अप्रैल 2019 को संतोषी नगर नाले के पास शराब की 4 दुकानों को हटाने के लिए 11 दिनों तक धरना, प्रदर्शन चला। इस दौरान रविंद्र त्यागी सहित कांग्रेस के कई स्थानीय नेता मौके पर गए और समर्थन किया। वहीं, भाजपा विधायक संदीप शर्मा, पार्षद देवेन्द्र चौधरी मामा, सोनू गौतम ने भी धरने-प्रदर्शन किए। बाद में इस दुकान को वहां से हटाना पड़ा।
- अप्रैल-मई व जून संतोषी नगर चौराहे के पास शराब की एक दुकान को हटाने के लिए 40 दिनों तक धरने- प्रदर्शन किए गए। इस दौरान महिलाओं ने लोकसभा चुनावों का बहिष्कार भी किया।
- भाजपा सरकार के समय भी कोटा में शराब के अवैध काराेबार की कई शिकायतें मिलती थीं। उस समय कांग्रेसी जमकर बयानबाजी करते थे।
नतीजा
कुल मिलाकर नतीजा ये निकलता है कि सरकारें बदलती रहें, विपक्ष के चेहरे बदलते रहें, लेकिन जनता की परेशानियां बदलने वाली नहीं हैं।