नई दिल्ली | जवानों में बढ़ते तनाव, अवसाद और इससे हो रही खुदकुशी की घटनाओं से चिंतित सीआरपीएफ ने पहली बार मानसिक स्वास्थ्य की जांच का प्रोजेक्ट शुरू किया है। सीआरपीएफ के डीजी आरआर भटनागर ने बताया कि इस समय काउंसलर्स के पहले बैच की ट्रेनिंग चल रही है। जवानों की मानसिक सेहत सुधारने के लिए सीआरपीएफ ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस और एम्स सरीखे शीर्ष संस्थानों से संपर्क साधा है।
आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल सीआरपीएफ के 156 कर्मियों की दिल के दौरे की वजह से मौत हुई है। वहीं 38 की जान अवसाद या खुदकुशी की वजह से गई। जबकि 435 जानें किसी भी ऑपरेशन में न जाने के बावजूद गई हैं।