अमेरिका की खुफिया एजेंसी एफबीआई और डोनाल्ड ट्रम्प सरकार के बीच एक बार फिर टकराव बढ़ गया है। एफबीआई ने अपने बयान में कहा है कि सत्तारूढ़ रिपब्लिकन पार्टी द्वारा चुनावों से जुड़े खुफिया डॉक्यूमेंट्स के साथ छेड़छाड़ करना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह डॉक्यमेंट्स 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा चुनाव जीतने के लिए रूस की मदद लेने से संबंधित हैं।
दरअसल, एफबीआई ने यूएस हाउस इंटेलीजेंस कमेटी के समक्ष डॉक्यूमेंट्स पेश किए थे। जिसके बाद सोमवार को कमेटी ने इसके क्लासीफाइड मेमो को सार्वजनिक किए जाने पर अपनी मुहर लगाने के साथ उसे एप्रूवल के लिए व्हाइट हाउस भेज दिया था। अब इसे सार्वजनिक करने के लिए सिर्फ राष्ट्रपति ट्रम्प की स्वीकृति चाहिए। बताया जा रहा है कि ट्रम्प प्रशासन इस मेमो को गुरुवार को जारी कर सकता है।
ट्रम्प सरकार एफबीआई द्वारा राष्ट्रपति चुनाव में रूस की मदद से संबंधित जांच रिपोर्ट का मेमो आज जारी कर सकती है
एफबीआई का बयान...मेमो में कई तथ्य गलत
हमारी शुरुआती जांच में इस खुफिया डॉक्यूमेंट्स के मेमो में कई तथ्यों के गलत तरीके से पेश करने की बात सामने आई है, जो कि इस मेमो की सूचनाओं की सटीकता पर सवाल खड़े करता है। इसे जारी करना बड़ी लापरवाही होगी। एजेंसी उचित जांच इकाइयों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि फॉरेन इंटेलीजेंसी सर्विलांस एक्ट (एफआईएसए) की प्रक्रिया को सही तरीके से जारी रखा जा सके। इस मेमो की दोबारा जांच के लिए हमें प्रर्याप्त समय नहीं दिया गया।
रिपब्लिकन
एजेंसियों ने अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल किया
यूएस हाउस इंटेलीजेंस कमेटी में अधिकांश सदस्य सत्तारूढ़ रिपब्लिकन पार्टी के हैं। रिपब्लिकन पार्टी ने हाल ही मे अपने बयान में आरोप लगाया था कि राष्ट्रपति चुनाव में रूस से मिली मदद के मामले की जांच के दौरान अमेरिकन एजेंसियों ने अपनी शक्तियों का गलत उपयोग किया है। उन्होंने तथ्यों को तोड़मरोड़ कर पेश किया। अधिकारियों ने गलत बयान भी दिए हैं। राष्ट्रपति ट्रम्प भी एफबीआई पर मानमानी का आरोप लगा चुके हैं।
यूएस हाउस इंटेलीजेंस कमेटी के चेयरमैन डेविन नन्स हैं। उन्होंने चार पेज के इस मेमो को व्हाइट हाउस भेजा है। उन पर पहले राष्ट्रपति चुनाव मेंे फॉरेन इंटेलीजेंस सर्विलांस एक्ट का उल्लंघन करने का आरोप लगा था।
मेमो को व्हाइट हाउस भेजने वाली कमेटी के सदस्य और डेमोक्रेट पार्टी के सांसद ने कहा- मूल मेमो में रिपब्लिकन सांसद ने बदलाव किया
डेमोक्रेट
जांच से ध्यान भटकाने के लिए जारी हो रहा है मेमो
विपक्षी दल डेमोक्रेट ने कमेटी द्वारा तैयार किए मेमो को जांच से ध्यान भटकाने का एक पैतरा बताया है। इसकी प्रासंगिकता पर भी सवाल खड़े किए हैं। कमेटी के सदस्य और डेमोक्रेट सदस्य एडम स्निफ ने कहा है कि मुझे कमेटी के चेयरमैन डेविन नन्स द्वारा व्हाइट हाउस को भेजे गए मेमो में काफी परिवर्तन देखने को मिला है, जबकि कमेटी ने इसे स्वीकृत नहीं किया है। यदि इस मेमो को जारी किया जाता है, तो कमेटी इस पर सहमत नहीं है।
विवाद की शुरुआत
डेढ़ साल पहले शुरू हुआ था टकराव
2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव कैंपेन के दौरान ट्रम्प की जीत के लिए उनकी चुनाव प्रचार टीम पर रूस के साथ साठ-गांठ का आरोप लगा था। एफबीआई ने भी कहा था कि उसके पास इससे जुड़े साक्ष्य भी हैं। हालांकि ट्रम्प इससे हमेशा इनकार करते रहे हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रम्प ने तत्कालीन एफबीआई डायरेक्टर जेम्स कोमी को पद से हटा दिया था। कोमी 2016 राष्ट्रपति चुनावों में रूस के हस्तक्षेप की एफबीआई जांच का नेतृत्व कर रहे थे। ट्रम्प ने तब क्रिस्टोफर रे को डायरेक्टर बना दिया था।
एफबीआई डिप्टी डायरेक्टर एंड्रू मैकेब ने सोमवार को इस्तीफा दिया था। ट्रम्प ने उन पर राजनीतिक रूप से पक्षपाती होने का आरोप लगाया था। माना जा रहा है कि मैकेब को पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया।