भास्कर संवाददाता| नावां सिटी
शहर में ललित ललित पैलेस में लढ़ा परिवार की ओर से चल रही तीन दिवसीय नानी बाई रो मायराे कथा का रविवार को मायरे के साथ समापन हुआ। अंतिम दिन कथा वाचक राधाकृष्ण महाराज ने कहा कि श्रद्धा के साथ भक्ति करने से भगवान प्रसन्न होकर भक्तों की सारी चिंताएं हर लेते हैं, इसलिए जीवन का हर फैसला भगवान पर छोड़ दो। वे आपकी हर समय रक्षा करेंगे। ईश्वर के सामने अपनी इच्छाएं रखो, इन इच्छाओं के लिए समय तय मत करो। जो जीवन में घटेगा उस पर प्रश्न मत खड़े करो, बल्कि प्रभु पर अटूट विश्वास रखो। फिर देखना प्रभु आपको गोद से नहीं उतरने देंगे। उन्होंने कथा का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि भक्त नरसी निष्काम भक्त थे, तभी तो भगवान ने उनकी लाज रखी। नरसीजी ने केवल भक्ति की, उसके पीछे कोई कामना नहीं थी। कार्यक्रम में अतिथि पलसाना से महाराज, नावां के निकतम ग्राम मिठड़ी से रेवतीरमण दास महाराज, दाता से खेड़ापति बालाजी से रमाकांत महाराज थे। इस दौरान श्रीमती रुकमणी देवी रामदेव लढ़ा चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा पथमेड़ा गोशाला में एक लाख ग्यारह हजार रुपए भेंट किए गए। इस अवसर पर आयोजनकर्ता गुदड़मल लढ़ा, सत्यनारायण काबरा, सत्यनाराण मूंदड़ा, माधवप्रसाद धुत, बाबुलाल बजाज, उत्तमचंद बियाणी, मूलचंद लढ़ा, भीमसिंह चौहान, सत्यनारायण लढ़ा, संतोष लढ़ा, रमेश बियाणी, छीतरमल लढ़ा, राजेश बियाणी, घनश्याम लढ़ा, मूलचंद लढ़ा सहित लढ़ा परिवार व समस्त शहरवासी मौजूद रहे।
बताया तिलक का महत्व
तीन दिवसीय नानी बाईं के मायरे के दौरान राधा कृष्ण महाराज द्वारा तिलक को लेकर विशेष बात बताई। उन्होंने कहा कि आम तौर पर चंदन, कुमकुम, हल्दी का तिलक लगाने का विधान है। तिलक करने से व्यक्तित्व प्रभावशाली हो जाता है। तिलक लगाने का मनोवैज्ञानिक असर होता है।
धर्म समाज
नावां सिटी. नानी बाई के मायरे के दौरान अंतिम दिन मौजूद हजारों की तादात में महिलाएं।
भास्कर संवाददाता| नावां सिटी
शहर में ललित ललित पैलेस में लढ़ा परिवार की ओर से चल रही तीन दिवसीय नानी बाई रो मायराे कथा का रविवार को मायरे के साथ समापन हुआ। अंतिम दिन कथा वाचक राधाकृष्ण महाराज ने कहा कि श्रद्धा के साथ भक्ति करने से भगवान प्रसन्न होकर भक्तों की सारी चिंताएं हर लेते हैं, इसलिए जीवन का हर फैसला भगवान पर छोड़ दो। वे आपकी हर समय रक्षा करेंगे। ईश्वर के सामने अपनी इच्छाएं रखो, इन इच्छाओं के लिए समय तय मत करो। जो जीवन में घटेगा उस पर प्रश्न मत खड़े करो, बल्कि प्रभु पर अटूट विश्वास रखो। फिर देखना प्रभु आपको गोद से नहीं उतरने देंगे। उन्होंने कथा का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि भक्त नरसी निष्काम भक्त थे, तभी तो भगवान ने उनकी लाज रखी। नरसीजी ने केवल भक्ति की, उसके पीछे कोई कामना नहीं थी। कार्यक्रम में अतिथि पलसाना से महाराज, नावां के निकतम ग्राम मिठड़ी से रेवतीरमण दास महाराज, दाता से खेड़ापति बालाजी से रमाकांत महाराज थे। इस दौरान श्रीमती रुकमणी देवी रामदेव लढ़ा चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा पथमेड़ा गोशाला में एक लाख ग्यारह हजार रुपए भेंट किए गए। इस अवसर पर आयोजनकर्ता गुदड़मल लढ़ा, सत्यनारायण काबरा, सत्यनाराण मूंदड़ा, माधवप्रसाद धुत, बाबुलाल बजाज, उत्तमचंद बियाणी, मूलचंद लढ़ा, भीमसिंह चौहान, सत्यनारायण लढ़ा, संतोष लढ़ा, रमेश बियाणी, छीतरमल लढ़ा, राजेश बियाणी, घनश्याम लढ़ा, मूलचंद लढ़ा सहित लढ़ा परिवार व समस्त शहरवासी मौजूद रहे।
बताया तिलक का महत्व
तीन दिवसीय नानी बाईं के मायरे के दौरान राधा कृष्ण महाराज द्वारा तिलक को लेकर विशेष बात बताई। उन्होंने कहा कि आम तौर पर चंदन, कुमकुम, हल्दी का तिलक लगाने का विधान है। तिलक करने से व्यक्तित्व प्रभावशाली हो जाता है। तिलक लगाने का मनोवैज्ञानिक असर होता है।
नावां सिटी. नानी बाईं के मांयरे के दौरान कथा सुनाते राधा कृष्ण महाराज।
भास्कर संवाददाता| नावां सिटी
शहर में ललित ललित पैलेस में लढ़ा परिवार की ओर से चल रही तीन दिवसीय नानी बाई रो मायराे कथा का रविवार को मायरे के साथ समापन हुआ। अंतिम दिन कथा वाचक राधाकृष्ण महाराज ने कहा कि श्रद्धा के साथ भक्ति करने से भगवान प्रसन्न होकर भक्तों की सारी चिंताएं हर लेते हैं, इसलिए जीवन का हर फैसला भगवान पर छोड़ दो। वे आपकी हर समय रक्षा करेंगे। ईश्वर के सामने अपनी इच्छाएं रखो, इन इच्छाओं के लिए समय तय मत करो। जो जीवन में घटेगा उस पर प्रश्न मत खड़े करो, बल्कि प्रभु पर अटूट विश्वास रखो। फिर देखना प्रभु आपको गोद से नहीं उतरने देंगे। उन्होंने कथा का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि भक्त नरसी निष्काम भक्त थे, तभी तो भगवान ने उनकी लाज रखी। नरसीजी ने केवल भक्ति की, उसके पीछे कोई कामना नहीं थी। कार्यक्रम में अतिथि पलसाना से महाराज, नावां के निकतम ग्राम मिठड़ी से रेवतीरमण दास महाराज, दाता से खेड़ापति बालाजी से रमाकांत महाराज थे। इस दौरान श्रीमती रुकमणी देवी रामदेव लढ़ा चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा पथमेड़ा गोशाला में एक लाख ग्यारह हजार रुपए भेंट किए गए। इस अवसर पर आयोजनकर्ता गुदड़मल लढ़ा, सत्यनारायण काबरा, सत्यनाराण मूंदड़ा, माधवप्रसाद धुत, बाबुलाल बजाज, उत्तमचंद बियाणी, मूलचंद लढ़ा, भीमसिंह चौहान, सत्यनारायण लढ़ा, संतोष लढ़ा, रमेश बियाणी, छीतरमल लढ़ा, राजेश बियाणी, घनश्याम लढ़ा, मूलचंद लढ़ा सहित लढ़ा परिवार व समस्त शहरवासी मौजूद रहे।
बताया तिलक का महत्व
तीन दिवसीय नानी बाईं के मायरे के दौरान राधा कृष्ण महाराज द्वारा तिलक को लेकर विशेष बात बताई। उन्होंने कहा कि आम तौर पर चंदन, कुमकुम, हल्दी का तिलक लगाने का विधान है। तिलक करने से व्यक्तित्व प्रभावशाली हो जाता है। तिलक लगाने का मनोवैज्ञानिक असर होता है।