शहर के बस स्टैंड का नए सिरे से निर्माण करने के लिए जा अतिक्रमण हटाए गए वे एक बार फिर से हो गए हैं। इस संबंध में स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता तेजकरण सांखला ने सांसद हनुमान बेनीवाल को पत्र लिखकर लाडनूं के बस स्टेंड का निर्माण सांसद कोटे से क्षेत्र विकास योजना के तहत करवाने की मांग की है। जानकारी अनुसार 4 साल पूर्व गत भाजपा सरकार के समय तत्कालीन विधायक ने उपखंड प्रशासन, नगरपालिका व पुलिस के माध्यम से जोर-जबरदस्ती समूचे बस स्टेंड को अतिक्रमण हटाने के नाम पर तोड़-फोड़ डाला था। वहां कई दशकों से जमे दुकानदारों को बेदखल किया, करीब 500 साल प्राचीन ऐतिहासिक व सांस्कृतिक महत्व के राहू कुआं के अति मजबूत राहू कुआं के एक हिस्से को तोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया था और आज भी वहां पत्थर पड़े हैं, जो इस दुर्दशा की कहानी कह रहे हैं। समूचा बस स्टेंड अब फिर अतिक्रमणों का शिकार हो चुका तथा पहले से अधिक भूमि पर लोगों ने कब्जे जमा लिये हैं।
वार्ड बढ़कर 45 हो गए वर्षों बाद भी बस स्टैंड नहीं बना
पत्र में सांखला ने लिखा है कि लाडनूं शहर की आबादी करीब एक लाख पहुंच चुकी है और यहां नगरपालिका क्षेत्र में 45 वार्ड हैं। इसके बावजूद यहां के नागरिकों और यहां आने वाले लोगों को बस स्टेंड का नहीं होना काफी अखरता है। सर्दी, गर्मी व बरसात में यात्रियों के बैठने तक का कोई स्थान नहीं है। बरसात के मौसम में तो पूरा बस स्टेंड पानी की व्यवस्थित निकासी के अभाव में तालाब बन जाता है और यहां कई-कई दिनों तक कीचड़ पड़ा रहता है। अब तो लम्बी दूरी की बसों वाले बस स्टेंड नहीं होने से लाडनूं आने वाले समस्त यात्रियों को शहर से बाहर हाईवे पर ही उतार दिया जाता है, जिससे रात के समय तो यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है। सांखला ने बताया है कि सन 2015 में बस स्टेंड से अतिक्रमण हटाए गए थे। बस स्टेंड का निर्माण तो दूर यहां पड़े पत्थरों को भी नहीं हटाया गया तथा पहले से अधिक स्थान पर अतिक्रमण वापस हो चुके हैं।