चित्तौड़गढ़ में 60 साल की बुजुर्ग पर एसिड फेंका ...4 घंटे तक तड़पती रही, सामाजिक बहिष्कार था इसलिए गांववाले मदद के लिए आए ही नहीं
भास्कर न्यूज | निंबाहेड़ा (चित्तौड़गढ़) चित्तौड़गढ़ जिले में अरनोदा पंचायत के चरलिया गांव में शनिवार शाम कहीं...
Bhaskar News Network | Last Modified - Apr 02, 2018, 03:10 AM IST
भास्कर न्यूज | निंबाहेड़ा (चित्तौड़गढ़)
चित्तौड़गढ़ जिले में अरनोदा पंचायत के चरलिया गांव में शनिवार शाम कहीं जा रही 60 वर्षीय महिला पर गांव के ही व्यक्ति ने एसिड फेंक दिया, जिससे वह पेट से लेकर चेहरे तक बुरी तरह झुलस गई। महिला जैसे-तैसे घर पहुंची। बेटी ने गांव में पुकार लगाई पर कोई मां-बेटी की मदद करने आगे नहीं आया, इसका कारण सामाजिक बहिष्कार बताया जा रहा है। बताया गया है कि वृद्धा के बेटे पर एक नजदीकी रिश्तेदार की हत्या का आरोप है और इसी के चलते गांव ने इस परिवार का सामाजिक स्तर पर बहिष्कार कर रखा है। सूचना मिलने के करीब दो घंटे बाद दूसरे गांव से महिला का दामाद पहुंचा। जिसने एंबुलेंस को सूचना दी, लेकिन डेढ़ घंटा इंतजार के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची तो उसने अरनोदा से निजी वाहन मंगवाकर वृद्धा को निंबाहेड़ा उप जिला अस्पताल पहुंचाया।
इधर, पुलिस ने एसिड फेंकने के आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है। चरलिया निवासी हुलासीबाई शाम 7 बजे भैंस लेकर लौट रही थी। रास्ते में गांव का गंगाराम उस पर एसिड फेंक कर फरार हो गया। हमले से सकते में आई हुलासी हिम्मत कर घर पहुंची। छोटी बेटी कंचन ने गांव वालों को बुलाया, लेकिन हुलासी के परिवार को बहिष्कृत किए जाने के कारण गांव का कोई व्यक्ति मां-बेटी की भी मदद को आगे नहीं आया। बेटी कंचन उपसरपंच कैलाश सिंह झाला के पास पहुंची। झाला ने रात साढ़े आठ बजे कंचन से मोबाइल नंबर लेकर हुलासी के दामाद मेवासा निवासी जगदीश को जानकारी दी। जगदीश रात नौ बजे पहुंचा। उसने एंबुलेंस को सूचना दी। डेढ़ घंटे इंतजार करने के बाद भी एंबुलेंस नहीं आई तो अरनोदा से एक निजी वाहन को बुलाकर हुलासी को देर रात निंबाहेड़ा के उप जिला अस्पताल में लेकर पहुंचा। यहां से रात में ही उसे उदयपुर रैफर कर दिया।
बेटे पर हत्या का आरोप, इसलिए बहिष्कार
हुलासी के बेटे पर किसी रिश्तेदार की हत्या का आरोप होने के करण ग्रामीणों ने उसके परिवार का चरलिया गांव में सामाजिक बहिष्कार कर रखा है। उसके बेटे भैरूलाल ने 9 जुलाई, 2017 की रात में पड़ोसी रिश्तेदार के कक्षा 11वीं में अध्ययनरत 17 वर्षीय छात्र किशनलाल उर्फ प्रकाश पुत्र चुन्नीलाल प्रजापत की धारदार हथियार से हत्या कर दी थी। इस दौरान किशनलाल सोया हुआ था। पुलिस ने दूसरे दिन ही भैरूलाल को गिरफ्तार कर लिया था।
यह सही है कि पिछले साल हुई हत्या के बाद ग्रामीणों ने हुलासी के परिवार को सामाजिक कार्यक्रमों में भी बुलाना बंद कर दिया है। तथापि पानी भरने, किराना या अन्य दुकानों से खरीदी पर किसी तरह की कोई रोकटोक नहीं है। हुलासीबाई पर एसिड डालने की घटना के बाद पुलिस को सूचना देने सहित अस्पताल पहुंचाने में भी हमने मदद की। -कैलाशसिंह झाला, उपसरपंच, ग्राम पंचायत अरनोदा
इधर, बेटी की मौत पर न्याय मांगा तो समाज से बहिष्कार
बेगूं (चित्तौड़गढ़)। बेटी पांच साल की उम्र में ही चल बसी। यह सदमा भी कम नहीं था। मौत कैसे और किन परिस्थितियों में हुई? ये सवाल और कचोटने वाले थे तो न्याय मांगना स्वाभाविक था पर वो भी नहीं मिला। उल्टा समाज और गांव से ही अलग कर दिया। देवलछ गांव में प्रभुलाल जाट की पांच साल की बेटी रवीना की कुएं में गिरने से संदिग्ध मौत हो गई थी।
नामजद आशंका के बाद भी पुलिस ने कुछ नहीं किया तो जाति व गांव के पंचों के पास गया। उन्होंने तो उल्टा हुक्का-पानी ही बंद कर दिया।
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इधर, पुलिस ने एसिड फेंकने के आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है। चरलिया निवासी हुलासीबाई शाम 7 बजे भैंस लेकर लौट रही थी। रास्ते में गांव का गंगाराम उस पर एसिड फेंक कर फरार हो गया। हमले से सकते में आई हुलासी हिम्मत कर घर पहुंची। छोटी बेटी कंचन ने गांव वालों को बुलाया, लेकिन हुलासी के परिवार को बहिष्कृत किए जाने के कारण गांव का कोई व्यक्ति मां-बेटी की भी मदद को आगे नहीं आया। बेटी कंचन उपसरपंच कैलाश सिंह झाला के पास पहुंची। झाला ने रात साढ़े आठ बजे कंचन से मोबाइल नंबर लेकर हुलासी के दामाद मेवासा निवासी जगदीश को जानकारी दी। जगदीश रात नौ बजे पहुंचा। उसने एंबुलेंस को सूचना दी। डेढ़ घंटे इंतजार करने के बाद भी एंबुलेंस नहीं आई तो अरनोदा से एक निजी वाहन को बुलाकर हुलासी को देर रात निंबाहेड़ा के उप जिला अस्पताल में लेकर पहुंचा। यहां से रात में ही उसे उदयपुर रैफर कर दिया।
बेटे पर हत्या का आरोप, इसलिए बहिष्कार
हुलासी के बेटे पर किसी रिश्तेदार की हत्या का आरोप होने के करण ग्रामीणों ने उसके परिवार का चरलिया गांव में सामाजिक बहिष्कार कर रखा है। उसके बेटे भैरूलाल ने 9 जुलाई, 2017 की रात में पड़ोसी रिश्तेदार के कक्षा 11वीं में अध्ययनरत 17 वर्षीय छात्र किशनलाल उर्फ प्रकाश पुत्र चुन्नीलाल प्रजापत की धारदार हथियार से हत्या कर दी थी। इस दौरान किशनलाल सोया हुआ था। पुलिस ने दूसरे दिन ही भैरूलाल को गिरफ्तार कर लिया था।

इधर, बेटी की मौत पर न्याय मांगा तो समाज से बहिष्कार
बेगूं (चित्तौड़गढ़)। बेटी पांच साल की उम्र में ही चल बसी। यह सदमा भी कम नहीं था। मौत कैसे और किन परिस्थितियों में हुई? ये सवाल और कचोटने वाले थे तो न्याय मांगना स्वाभाविक था पर वो भी नहीं मिला। उल्टा समाज और गांव से ही अलग कर दिया। देवलछ गांव में प्रभुलाल जाट की पांच साल की बेटी रवीना की कुएं में गिरने से संदिग्ध मौत हो गई थी।
नामजद आशंका के बाद भी पुलिस ने कुछ नहीं किया तो जाति व गांव के पंचों के पास गया। उन्होंने तो उल्टा हुक्का-पानी ही बंद कर दिया।
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