पूरे डैम में दरारें, क्लोजर से पहले ही छोड़ दिया था पानी
भास्कर न्यूज | जयपुर/झुंझुनूं झुंझुनूं जिले के मलसीसर में कुंभाराम लिफ्ट कैनाल परियोजना का डेम टूटने से उपजी...
Bhaskar News Network | Last Modified - Apr 02, 2018, 03:10 AM IST
भास्कर न्यूज | जयपुर/झुंझुनूं
झुंझुनूं जिले के मलसीसर में कुंभाराम लिफ्ट कैनाल परियोजना का डेम टूटने से उपजी स्थितियों पर नियंत्रण करने में अभी सफलता हासिल नहीं हो पाई है। जल संसाधन विभाग के तीन चीफ इंजीनियर रविवार को मलसीसर पहुंच गए और कहां-कैसे लापरवाही हुई इसकी जांच शुरू कर दी। हालांकि आधी रात के बाद इस डेम से पानी का बहाव तो रुक गया लेकिन क्षेत्र में करीब तीन वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में खेतों में पानी भरा हुआ है। जानकारों का कहना है कि डेम की जल भराव क्षमता से ज्यादा पानी आने दिया जिससे यह पानी का दबाव नहीं झेल सका और आउटलेट से रिसाव से हुई शुरुआत इस रूप में सामने आई कि डेम में भरा करोड़ों लीटर पानी बाहर निकला और रेगिस्तानी इलाके में हालात खराब कर दिए। पूरे डेम में दरार आ गई। बिजलीघर में पानी भरने तथा बड़ी संख्या में पोल गिरने के कारण पूरे मलसीसर में शनिवार दोपहर बाद से ही बिजली नहीं है। हालांकि समीप के अलसीसर में 17 घंटे बाद बिजली बहाल कर दी गई। मलसीसर कस्बे के करीब पचास घरों में अभी पानी भरा हुआ है। इन घरों में रहने वालों ने किसी पड़ोसी और अपने मिलने वालों के यहां शरण ली है। इस बीच, जल संसाधन विभाग की ओर से डेम निर्माण कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसमें हजारों लोगों की जिंदगी खतरे में डालने का आरोप लगाते हुए कई करोड़ लीटर पानी का लॉस बताया गया है।
तारानगर हैड पर जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता सुरेश कुमार की ओर से नार्गाजुना कंस्ट्रक्शन कंपनी (एनसीसी) के प्रोजेक्ट मैनेजर के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। उसमें कहा गया है कि उनकी लापरवाही से डेम से टूटा। हजारों लोगों की जान और उनके माल का खतरा पैदा हो गया। एफआईआर में भादंसं की धारा 336, 427 के तहत मामला दर्ज कराया है। धारा 336 में जान और माल के नुकसान की आशंका तथा 427 में आर्थिक नुकसान की बात है। हालांकि इन दोनों धाराओं में तुरंत जमानत का प्रावधान भी है।
एनसीसी को किया जा रहा है ब्लैकलिस्ट
जल संसाधन विभाग के प्रमुख शासन सचिव रजत मिश्रा ने भास्कर को बताया कि डेम निर्माता कंपनी के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जा रहा है। इसमें धारा 336 व 427 लगाई है जिसमें लोगों की जिन्दगी को खतरे में डालना तथा आर्थिक नुकसान की बात है। उन्होंने बताया कि तीन चीफ इंजीनियर स्पेशल प्रोजेक्ट महेश करल, रूरल के डीएम जैन व नागौर में चल रहे जायका प्रोजेक्ट के सीएम चौहान मलसीसर आ चुके हैं। इन तीनों की एक कमेटी बनाई है जो इस पूरे मामले में जांच करेगी कि डेम क्यों टूटा, इसके निर्माण में क्या खामी रही, और यह डेम आगे भी मजबूत रहेगा या नहीं, इसकी एक-एक इंच की गहन जांच होगी। मिश्रा ने बताया कि डेम निर्माता कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।
तहसील भवन से दस्तावेज लाने के लिए कपड़े उतार कर पानी में तहसील भवन की ओर जाते नायब तहसीलदार फूलचंद मीणा व उनका साथी।
तीन चीफ इंजीनियर पहुंचे मलसीसर
इधर, जल संसाधन विभाग के प्रमुख शासन सचिव रविवार को जयपुर रवाना हो गए, लेकिन इसी दौरान विभाग के संयुक्त सचिव मलसीसर पहुंच गए। झुंझुनूं जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव, एसपी मनीष अग्रवाल भी अन्य अधिकारियों के साथ मौके पर ही हैं। यादव ने बताया कि डेम से निकले को चार जेसीबी की मदद से चैनल बना कर खेतों की ओर प्रवाहित कर दिए जाने से अब स्थिति नियंत्रण में है। हालांकि अभी काफी काम किया जाना है। बहरहाल, क्षतिग्रस्त डेम में शेष बचे पानी को पास ही बने दूसरे डेम में स्थानांतरित किया जा रहा है।
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तारानगर हैड पर जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता सुरेश कुमार की ओर से नार्गाजुना कंस्ट्रक्शन कंपनी (एनसीसी) के प्रोजेक्ट मैनेजर के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। उसमें कहा गया है कि उनकी लापरवाही से डेम से टूटा। हजारों लोगों की जान और उनके माल का खतरा पैदा हो गया। एफआईआर में भादंसं की धारा 336, 427 के तहत मामला दर्ज कराया है। धारा 336 में जान और माल के नुकसान की आशंका तथा 427 में आर्थिक नुकसान की बात है। हालांकि इन दोनों धाराओं में तुरंत जमानत का प्रावधान भी है।
एनसीसी को किया जा रहा है ब्लैकलिस्ट
जल संसाधन विभाग के प्रमुख शासन सचिव रजत मिश्रा ने भास्कर को बताया कि डेम निर्माता कंपनी के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जा रहा है। इसमें धारा 336 व 427 लगाई है जिसमें लोगों की जिन्दगी को खतरे में डालना तथा आर्थिक नुकसान की बात है। उन्होंने बताया कि तीन चीफ इंजीनियर स्पेशल प्रोजेक्ट महेश करल, रूरल के डीएम जैन व नागौर में चल रहे जायका प्रोजेक्ट के सीएम चौहान मलसीसर आ चुके हैं। इन तीनों की एक कमेटी बनाई है जो इस पूरे मामले में जांच करेगी कि डेम क्यों टूटा, इसके निर्माण में क्या खामी रही, और यह डेम आगे भी मजबूत रहेगा या नहीं, इसकी एक-एक इंच की गहन जांच होगी। मिश्रा ने बताया कि डेम निर्माता कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।
तहसील भवन से दस्तावेज लाने के लिए कपड़े उतार कर पानी में तहसील भवन की ओर जाते नायब तहसीलदार फूलचंद मीणा व उनका साथी।
तीन चीफ इंजीनियर पहुंचे मलसीसर
इधर, जल संसाधन विभाग के प्रमुख शासन सचिव रविवार को जयपुर रवाना हो गए, लेकिन इसी दौरान विभाग के संयुक्त सचिव मलसीसर पहुंच गए। झुंझुनूं जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव, एसपी मनीष अग्रवाल भी अन्य अधिकारियों के साथ मौके पर ही हैं। यादव ने बताया कि डेम से निकले को चार जेसीबी की मदद से चैनल बना कर खेतों की ओर प्रवाहित कर दिए जाने से अब स्थिति नियंत्रण में है। हालांकि अभी काफी काम किया जाना है। बहरहाल, क्षतिग्रस्त डेम में शेष बचे पानी को पास ही बने दूसरे डेम में स्थानांतरित किया जा रहा है।
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