ह मारे गुलाबी नगर के नगर नियोजन और सौंदर्य पर दुनिया की मुहर लग गई है। यूनेस्को ने जयपुर को विश्व की विरासत माना हैै। यह उपलब्धि निश्चित ही बड़ी है लेकिन हमारी जिम्मेदारियों को कई गुना बढ़ाने वाली भी। सुनियोजित शहर को सहभागिता से ही सुंदर बनाया गया, आगे भी बनाए रखना है। जरूरी है, हम सब अपनी भूमिका निभाएं। अब हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इस वैश्विक धरोहर से बिल्कुल छेड़छाड़ ना हो, इसका वर्तमान स्वरूप कायम रहे।
जयपुर होने के अपने मायने हैं। यहां हर गली मुख्य सड़क पर मिलती है। हर घर के बीच एक गली है। यानी चौतरफा हवादार। शिल्प इतना खूबसूरत कि इसे पूर्व का पेरिस कहा गया है। दुनिया में ऐसे कुछ ही खूबसूरत शहर हैं। प्रदेश का सबसे बड़ा अखबार होने के नाते भास्कर अपनी जिम्मेदारी समझकर इस गौरव को बनाए रखने और इसे आगे बढ़ाने में बराबर भागीदारी निभाएगा। आइए, इस विश्व धरोहर संरक्षण, विकास और उन्नयन में हम अपनी पूरी ताकत से जुट जाएं। यह कोई एक दिन का काम नहीं बल्कि निरंतर चलता रहने वाला एक यज्ञ है। परकोटा से जुड़ी छोटी से छोटी समस्या पर पूरी नजर रखकर सरकार तक उसे पहुंचाने के लिए भास्कर आज से परकोटे के लिए विशेष तौर पर एक संवाददाता (हेरिटेज रिपोर्टर) नियुक्त कर रहा है, जो चारदीवारी की हर हलचल पर नजर रखेगा। विश्व विरासत चारदीवारी के स्वरूप में जरा भी छेड़छाड़ की जानकारी विभागों तक पहुंचाएगा, जो दिक्कतें आएंगी वो सबके सामने रखेगा।
292 साल के तरुण जयपुर का नगर नियोजन ही उसकी पहचान है। इस पहचान को बनाए रखने में सरकारों ने अपनी भूमिकाएं निभाई हैं, लेकिन अब उन पर भी और बड़ी जिम्मेदारी है। यह जिम्मेदारी हम सभी की भी है। विश्व विरासत में शामिल होने के बाद अब सारी दुनिया की नजरें हम पर होंगी। अपने घर की खूबसूरत चारदीवारी की तरह हम सबको अपनी विरासत की देखभाल करनी ही है।
विश्व विरासत में जरा भी छेड़छाड़ नजर आए तो आप दैनिक भास्कर के हेरिटेज रिपोर्टर महेश शर्मा के वॉट्सएप नंबर- 9829460452 और heritage.reporter@dbcorp.in पर सूचना शेयर करें।