अजमेर | अानासागर में काैवाें के अचानक मरने के मामले में भाेपाल लैब से रिपाेर्ट अा गई है। इस रिपाेर्ट में काैवाें की माैत का खुलासा नहीं हुअा है। भाेपाल लैब में भेजे गए सैंपल इस अाशंका के साथ भेजे गए थे कि इनकी माैत एवियन इंफ्लूएंजा वायरस से हाे हाेगी। लेकिन यह रिपाेर्ट नेगेटिव अाई है। वन विभाग अब सैंपल अाईवीअारअाई बरेली भेज रहा है। जहां विस्तार से जांच के बाद माैत के कारणाें का खुलासा हाेने की उम्मीद हैं। यह सैंपल लेकर दाे लाेग बुधवार काे बरेली रवाना हाेंगे।
अजमेर के अानासागर में शुक्रवार से काैवाें की माैत का सिलसिला शुरू हुअा था। यह सिलसिला मंगलवार काे भी जारी रहा। बारादरी में एक काैवा अाैर मिला हैं। इधर मंगलवार काे नेशनल इंस्टीट्यूट अाॅफ हाई िसक्युरिटी एनिमल डिसीसेज प्रयाेगशाला (अाईसीएअार) भाेपाल से जांच रिपाेर्ट अा गई है। भाेपाल की इस लैब में एवियन इंफ्लूएंजा अाेअाईई से संबंिधत जांच हाेती है। इस लैब की रिपाेर्ट के मुताबिक अजमेर में मरे काैवाें में एवियन इंफ्लूएंजा वायरस नहीं पाया गया है। एेसे में इस वायरस से माैत की अाशंका अब खत्म हाे गई है।
अब बरेली से अास
भाेपाल की रिपाेर्ट अाने के बाद वन विभाग ने मंगलवार काे मृत मिले काैवे काे यूपी के बरेली स्थिति अाईवीअारअाई सेंटर भेजने का निर्णय लिया गया है। इस काैवे की जांच अब अाईवीअारअाई बरेली में हाेगी। गाैरतलब है कि अाईवीअारअाई में पशु पक्षियाें पर रिसर्च हाेती है अाैर यहां हर तरह की जांच की सुविधा भी माैजूद हैं। सांभर में मरने वाले पक्षियाें की माैत का कारण भी अाईवीअारअाई में ही सामने अाया था। डीएफअाे ने इस सैंपल काे बुधवार काे ही बरेली ले जाने के निर्देश िदए हैं। जिसे लेकर वन विभाग के कर्मचारी राेहितनाथ अाैर मेघनाथ सुबह रवाना हाेंगे। डीएफअाे सुदीप काैर के मुताबिक यह कर्मचारी रिपाेर्ट लेकर ही अाएंगे। उम्मीद की जा रही है कि दाे तीन दिन में बरेली से रिपाेर्ट अा जाएगी अाैर काैवाें की माैत के कारणाें का खुलासा हाे जाएगा।
तबीजी में तलाशे माैत के कारण
काैवाें की माैत लगातार हाेने के बाद साेमवार काे बाॅम्बे नेचरल हिस्ट्री साेसायटी के प्राेजेक्ट साइंटिस्ट डाॅ. सुजीत नरवाड़े अजमेर पहुंचे थे। हालांकि वे यहां अधिकृत ताैर पर नहीं अाए लेकिन वन विभाग के अधिकारियाें के कहने पर उन्हाेंने माैका मुअायना भी किया था। मंगलवार काे वन विभाग की टीम के साथ डाॅ. सुजीत नरवाड़े ने तबीजी जाकर वहां भी निरीक्षण किया। अाशंका जताई जा रही है कि तबीजी में ही किसी मरे जानवर काे खाने के बाद काैवाें की माैत हाे रही है। लेकिन ब्यावर में मर रहे रहे काैवाें काे लेकर अभी भी संशय बना हुअा है। हालांकि कहा यह जा रहा है कि तबीजी तक अजमेर अाैर ब्यावर दाेनाें जगह के काैवे अा जा सकते हैं यहीं पर संभवत: उन्हाेंने एेसा कुछ खा लिया है जिससे इन दाेनाें जगह पर काैवाें की माैत हाे रही है।
डाॅ. सुजीत के सुझाव पर भेजा बरेली
बताया जाता है कि भाेपाल से अाई नेगेटिव रिपाेर्ट के बाद डाॅ. सुजीत ने ही वन विभाग के अधिकारियाें काे अाईवीअारअाई सैंपल भेजने की सलाह दी है। लेकिन समस्या यह थी िक वन विभाग ने सभी काैवाें काे जला दिया था। हालांकि मंगलवार काे मृत मिला एक काैवा सैंपल वन विभाग के काम अा गया अाैर उसे ही सैंपल के ताैर पर बरेली भेजा जा रहा है। इसके िलए वन विभाग ने इसे क्षेत्रिय पशु निदान केंद्र अजमेर भेजा। यहां से फाैरी जांच के बाद इसे बरेली ले जाने के लिए सैंपल के ताैर पर तैयार किया गया है।