उदयपुरवाटी | झुंझुनूं के गुढ़ागाैड़जी थाने के गुड़ा गांव की ढाणी घाटी में रविवार काे वन विभाग की टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची तो बाबूलाल सैनी (35) ने खुद पर केराेसिन छिड़ककर अाग लगा ली। लपटों से घिरे युवक ने रेंजर श्रवण बाजिया काे भी पकड़ना चाहा। यह देखकर विभाग की 20 जनों की पूरी टीम के पसीने छूट गए अाैर सभी भाग छूटे। भागते समय ग्रामीणाें ने उन पर पथराव भी किया। गंभीर हालत में झुलसे युवक को जयपुर रैफर किया गया है। युवक के भाई मोतीलाल ने रिपोर्ट दी है कि विभाग के कर्मचारी रविवार को बिना किसी सूचना के बाबूलाल का मकान तोड़ने पहुंच गए। इसी से अाहत हाेकर उसने खुद को आग लगा ली। उधर, वन विभाग के डीएफओ का कहना है कि टीम अतिक्रमण हटाने नहीं, बल्कि सीमाज्ञान करवाने गई थी।
दूसरी ओर,
एक दिन पहले भी विभाग की टीम युवक के मकान पर गई थी और नोटिस चस्पा किया था। उधर, युवक के भाई ने वन विभाग के खिलाफ गुढ़ागौड़जी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। विभाग के रेंजर ने भी मामला दर्ज करवाया है। दरअसल, गुड़ा गांव की ढाणी घाटी में पहाड़ी के पास ग्यारसीलाल सैनी के तीन बेटाें प्रकाश, माेतीलाल व बाबूलाल सैनी ने मकान बना रखे हैं। टीम ने एक माह पहले प्रकाश सैनी काे अतिक्रमी माना था। सहायक वन संरक्षक कोर्ट में यह मामला विचाराधीन है। रविवार काे टीम यहां पहुंची अाैर मकान तोड़ने की बात हुई तो बाबूलाल सैनी ने खुद काे अाग लगा ली। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हाे रहा है।
परिजनाें का अाराेप है कि शनिवार को ही वन विभाग ने मकान को अतिक्रमण बताते हुए नाेटिस चस्पा किया था। उस समय ऐसी कोई बात नहीं कही थी कि अगले ही दिन मकान को तोड़ने आएंगे अाैर वे अचानक पहुंच गए।
परिजनों ने आग बुझाई, निजी वाहन से अस्पताल लेकर पहुंचे
आग की लपटों से घिरा बाबूलाल जब नीचे गिर गया तो उसके भाई की प|ी सुमन और अन्य लोगों ने आग बुझाई। मौके से करीब आधे घंटे बाद उसे निजी वाहन से पौंख अस्पताल ले जाया गया। यहां भी आधे घंटे बाद एंबुलेंस में उसे झुंझुनूं ले जाया गया। पौंख अस्पताल के डाॅॅक्टर राेहिताश गाेठवाल ने बताया कि बाबूलाल का शरीर 70 प्रतिशत तक झुलस चुका है।
टीम अतिक्रमण हटाने नहीं गई थी। राजस्व विभाग के साथ संयुक्त सर्वे था। मामला वन विभाग की कोर्ट में चल रहा है। सीमाज्ञान के दौरान एक युवक ने अचानक खुद को आग लगा ली। टीम पर पत्थरबाजी भी की गई। राजकार्य में बाधा पहुंचाने की थाने में रिपोर्ट दी गई है।
- आरके हुड्डा, डीएफओ झुंझुनूं
ये दो मामले हुए दर्ज
पुलिस के अनुसार क्षेत्रीय अधिकारी श्रवणलाल जाट ने रिपोर्ट दी कि रविवार को स्टाफ सहित गुड़ा गांव गए। हल्का पटवारी से दो खसरा की जमीन का सीमांकन किया गया तो प्रकाश पुत्र ग्यारसीलाल सैनी का अतिक्रमण मिला। अतिक्रमियों ने अचानक पत्थरबाजी शुरू कर दी और एक ने आत्मदाह का प्रयास किया। क्षेत्रीय वन अधिकारी पर हमला कर अतिक्रमी प्रकाश ने गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया।
वन विभाग ने अतिक्रमण मानकर मकान तोड़ने को कहा तो युवक ने खुद को लगाई आग, लपटों से घिरने के बाद रेंजर को पकड़ा, धक्का देकर रेंजर समेत 20 जनों की टीम मौके से भागी - गुढ़ागौडज़ी के समीप गुड़ा गांव की ढाणी घाटी के वार्ड 12 का मामला, सवेरे सात बजे ही पहुंचा वन विभाग का पूरा जाब्ता - मकान तोड़ने की बात पर बहस हुई तो युवक ने खुद पर केरोसिन छिड़कर आग लगा ली, प|ी और बच्चों के सामने आग की लपटों से घिरा भागता रहा
- बाद में कहा, हम अतिक्रमण हटाने नही गए थे, बल्कि सीमाज्ञान और समझाइश कर रहे थे
- बड़ा सवाल यह है कि यदि समझाइश करने गए थे तो एक मकान हटाने के लिए 20 जनों की टीम किसलिए गई, मौके पर जेसीबी भी बुलाने का आरोप
यदि अतिक्रमण ही था तो पुलिस व प्रशासन को साथ क्यों नहीं लिया, मौके से भागे क्यों
- खुद का एक कमरा टूटता देख युवक ने आग लगाई तो उठे ये सवाल
1. यदि जमीन वन विभाग की है तो निगरानी ऐसी होनी चाहिए कि निर्माण शुरू करते ही बंद करवा देते, आज तक किसका इंतजार कर रहे थे?
3. प्रशासन की ओर से साथ में केवल एक हल्का पटवारी था, वह भी कह रहा है कि मैं तो सीमाज्ञान करवाकर आ गया था, बाद में क्या हुआ पता नहीं।
4. इतनी बड़ी कार्रवाई थी कि वन विभाग की 20 जनों की टीम ले जाई गई, पुलिस को सूचना तक नहीं थी?
5. जब युवक ने खुद को आग लगा ली तो पूरी टीम मौके से क्यों भागी, रेंजर कह रहे हैं कि युवक ने उन्हें पकड़ लिया। यदि बाकी 19 जनों की टीम चाहती तो आग को बुझाया जा सकता था? वीडियो व तस्वीरों में ये सब भागते नजर आ रहे हैं