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मक्का में पहली बार फॉल आर्मी वर्म कीट दिखा

4 वर्ष पहले
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राजसमंद | मक्का की फसल में पहली बार विदेशी कीट फॉल आर्मी वर्म कीट का प्रकोप पाया गया है। इससे किसानों तथा कृषि विभाग के अधिकारियों की नींद उड़ाकर रख दी है। राजसमंद, भीलवाड़ा के कृषि विभाग के अधिकारियों, वैज्ञानिकों की टीम ने कुंवारिया, पीपली अहीरान, जूणदा के मक्का के खेतों में इसका प्रकोप पाया गया। ऐसे में टीम ने अलग-अलग खेतों से नमूने भी लिए गए। संयुक्त निदेशक कृषि खंड भीलवाड़ा की तरफ से गठित डाइग्नोस्टिक टीम ने बारानी कृषि अनुसंधान केंद्र भीलवाड़ा के वैज्ञानिक डाॅ. ललित कुमार धाता, डाॅ. रामावतार खंडेलवाल, कृषि अधिकारी डाॅ. शंकर सिंह राठौड़, सहायक निदेशक कृषि खंड भीलवाड़ा, नाथद्वारा के सहायक निदेश हरिओम सिंह राणा, सहायक निदेशक उद्यान डाॅ. नरेंद्र सिंह राठौड़, कृषि विज्ञान केंद्र वैज्ञानिक मनीराम चौधरी, डाॅ. खुमान सिंह रूपावत, कृषि अधिकारी संतोष कुमार दूरिया ने कीट प्रभावित क्षेत्र रेलमगरा, कुरज, कुंवारिया, महासतियों की मादड़ी, भावा, बड़ारड़ा, पीपरड़ा आदि गांवों के खेतों का भ्रमण किया।

यह कीट फसल ऐसे बर्बाद करता है

फाल आर्मी वर्म कीट की लट मक्का की फसल के लिए नुकसानदायी है। यह लट मक्का के तने में ऊपर से प्रवेश करती है। जो तने के आंतरिक भाग को अंदर से खोखला करते हुए मक्का की बाहरी पत्तियों को खाकर उनको चौपट कर देती है। इससे धीरे-धीरे पौधा सूखने लग जाता है।

कीट विदेशों में पाया जाता है कीट : फाल आर्मी वर्म कीट विदेशों में पाया जाता है। लेकिन कालांतर में इसका प्रकोप भारत में भी काफी बढ़ गया। भारत में सबसे पहले उत्तर प्रदेश में पाया गया। वहीं हरियाणा, मध्य प्रदेश के बाद अब राजस्थान में भी इस कीट ने दस्तक दी है। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है, कि राजस्थान में पहली बार फाल आर्मी वर्म नामक कीट पाया गया।

ऐसे करें बचाव : राजसमंद, भीलवाड़ा के वैज्ञानिकों, कृषि अधिकारियों की टीम ने खेत मालिकों को उनके नियंत्रण के उपाय बताए। थायमिथोक्जॉम 19.8 मिश्रण की चर मिली प्रति किलो बीज की दर से बीजोपचार करें तो फसल में शुरू के दो से तीन सप्ताह तक आक्रमण नहीं होगा। पांच प्रतिशत नुकसान पर एजाडिरेक्टिन 1500 पीपीएम 5 मिली प्रति लीटर पानी के साथ घोल बनाकर छिड़काव करंे।