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13 एलएनपी का मोघा बंद करने के आदेश, किसानों ने दे रखी है कोर्ट में चुनौती
भास्कर संवाददाता|श्रीगंगानगर
गंगनहर दक्षिण खंड ने 13 एलएनपी प्रथम का मोघा बंद करने के आदेश जारी किए हैं। मोघा बंद करने के आदेश जारी करने की वजह चक के किसानों द्वारा आबियाना नहीं भरना बताया गया है। इधर किसानों ने कहा है कि वे आबियाना जमा करवाने काे तैयार हैं लेकिन विभाग 24 साल पुराना 3.50 लाख रुपए तावान भरवाना चाहता है। विभाग के आदेशों के खिलाफ चक के लोग 24 साल से अदालत में लड़ाई लड़ रहे हैं। चक के किसान केवल आबियाना जमा करवाने के लिए तैयार हैं। चक के किसानों के अनुसार एक्सईएन दक्षिण खंड ने 3 मार्च को गांव में आए और चेतावनी दी कि तावान जमा नहीं करवाया तो पानी की बारी काट दी जाएगी। इस पर जल उपयोक्ता संगम अध्यक्ष सहित चक के प्रमुख किसानों ने आग्रह किया कि वे आबियाना भरने को तैयार हैं। तावान का मामला एडीजे न्यायालय में विचाराधीन है। जब तक फैसला नहीं आता विभाग आबियाना जमा करवा ले। इस संबंध में एक्सईएन से बात करने के प्रयास किए लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
1994 में अतिरिक्त पानी लेते पकड़ा,विभाग ने लगाया था 3.5 लाख तावान
ग्रामीणों के अनुसार 1994-95 में चक 13 एलएनपी प्रथम के मोघे की लोहे वाली मशीन जंग लगकर जर्जर हो गई और मोघे के ऊपर छेद हो गया। इस पर विभाग ने चक के किसानों की सुनवाई के बगैर 3.5 लाख तावान लगा दिया। इसके विरोध में चक के किसानों ने न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में याचिका लगाई। इसमें फैसला किसानों के खिलाफ हुआ। इसके बाद किसानों ने एडीजे प्रथम की अदालत में पुनर्विचार याचिका लगाई। इस पर एडीजे ने न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय को प्रकरण की पुन: सुनवाई के आदेश दिए। इसमें फिर न्यायालय ने किसानों के खिलाफ फैसला सुनाया। इस पर किसानों ने एडीजे में याचिका लगा रखी है। चक के किसान रामप्रताप ताखर ने बताया कि तब से यह मामला अदालत में विचाराधीन है। चक के किसान कई बार मामला जमा करवाने एक्सईएन कार्यालय गए, लेकिन आबियाना जमा नहीं किया जा रहा। इससे किसानों में आक्रोश है।
सिंचाई विभाग के आदेशों में आबियाना न भरने
की बात, तावान का जिक्र तक नहीं किया
एक्सईएन साउथ ने बुधवार को एक आदेश पारित कर 13 एलएनपी प्रथम का मोघा बंद करने के आदेश दिए हैं। इन आदेशों में कहीं यह जिक्र नहीं है कि चक के लगाया गया तावान 3.5 लाख ब्याज सहित जमा करवाएं। अगर किसान यह तावान ब्याज सहित जमा करवाएं तो लगभग 9 लाख रुपए से अधिक बनता है।
किसानों में दहशत का माहौल:
पंचायत समिति के पूर्व सदस्य सुरेंद्र गोदारा ने विभाग पर किसानों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि एडीजे प्रथम की अदालत ने स्पष्ट आदेश दे रखा है कि जब तक तावान मामले में अंतिम निर्णय नहीं आता, विभाग केवल आबियाना जमा करवा सकता है। एक्सईएन के आदेश से किसानों में भय बना हुआ है।
हां आदेश हैं, सीएम कार्यक्रम में व्यस्त था, पढ़े नहीं
13 एलएनपी के किसानों ने आबियाना जमा नहीं करवाया। इसलिए मोघा बंद करने के आदेश हैं। सीएम दौरे में व्यस्त रहने के कारण ठीक से पढ़ा नहीं कि आदेशों में क्या लिखा है। अभी नहर में पानी भी है। नहर खाली होने पर कार्रवाई की जा सकती है।
-जगदीश डागला, एईएन, दक्षिण खंड, गंगनहर, श्रीगंगानगर।