शहर के मध्य संचालित अवैध बूचड़खानाें काे हटवाने की मांग काे लेकर मंगलवार काे हिंदू जागरण मंच सहित िवभिन्न सामाजिक संगठनाें ने उपखंड अधिकारी राजेंद्र सिंह ससाेदिया काे ज्ञापन दिया। पाली िवभाग संयाेजक शेरसिंह मेवाड़ा ने बताया कि शहर के बीचाेंबीच संचालित अवैध बूचड़खानाें काे हटवाने की मांग काे लेकर िपछले 15 वर्षाें से हिंदू संगठनाें द्वारा प्रशासन काे ज्ञापन िदए जा रहे हैं व धरना प्रदर्शन भी िकया गया लेकिन अाज भी समस्य जस की तस बनी हुई है। लाेग मकान-दुकान काे बेच कर जाने केा मजबूर हाे रहे हैं। उन्हाेंने बताया कि पूर्व में एसडीएम महिपाल भारद्वाज काे ज्ञापन देकर उक्त समस्या से अवगत करवाया था। उन्हाेंने अवैध बूचड़खानाें काे नाेटिस जारी िकए थे एवं िबजली कनेक्शन भी काटे गए थे। पालिका काे िवभिन्न संगठनाें ने शहर के बाहर बूचड़खाने स्थापित करवाने की मांग की थी। उच्चतम न्यायालय ने भी हाल ही में नगरपालिका के पक्ष में फैसला देते हुए कहा था कि नगरपालिका की बाेर्ड बैठक में तय िकया जाए कि बूचड़खानाें काे शहर से बाहर स्थापित िकया जाए। संगठन से जुड़े लाेगाें ने एसडीएम से उक्त समस्या का जल्द से जल्द समाधान करवाने की मांग करते हुए अांदाेलन की चेतावनी दी है। इस माैके पर गीता साेलंकी, रतन मेहता, जगदीश बाेराणा, कांतिलाल बाेराणा, कमलेश देवासी, अशाेक माली, सुमित अग्रवाल, महेंद्र परिहार, शैतानसिंह िबराेलिया, गजेंद्र डांगी, भाेलाराम बंजारा अादि माैजूद रहे।
बूचड़खानाें से िनकला अपशिष्ट जवाई नदी में डाल रहे : शहर में संचालित अवैध बूचड़खानाें से िनकलने वाला अपशिष्ट पदार्थ प्लास्टिक के कट्टाें में भरकर जवाई नदी में डाला जा रहा हैं, िजससे नदी पूरी तरह से प्रदूषित हाे रही है। यह अपशिष्ट खाने के लिए शाम काे 70-80 कुत्ते रपट पर बैठे रहते हैं। दुर्गंध से अामजन का वहां से गुजरना मुश्किल हाे गया है। कई बार वाहन चालक इन कुत्ताें के बीच में अाने से िगरकर चाेटिल हाे गए हैं।
सुमेरपुर. जवाई नदी में बुचड़खाने के डाले गए अपशिष्ट काे खाते श्वान।