जिले में गुर्जर आरक्षण का असर रहा तथा लोग राष्ट्रीय राजमार्ग 12 के जाम होने के तीसरे दिन बुधवार को भी परेशान रहे। विधानसभा में आरक्षण बिल पारित होने तथा आंदोलन का जारी रखने आदि के लिए पक्का बंधा के समीप जाम स्थल पर चर्चाएं भी होती रही। लेकिन देर शाम तक कोई फैसला सामने नहीं आया। सदर थाना एवं वैष्णो देवी मंदिर के समीप पुलिस लोगों को आगे जाने से रोकती रही तथा लोग बनास नदी में बने कच्चें रास्तों से ही आते जाते नजर आए। जाम स्थल पर तीसरे दिन भी लोकगीत गोठा गाते नजर आए। वहीं जाम स्थल पर ही भोजन आदि की व्यवस्था रही। गुर्जर नेता आंदोलन के लिए बैंसला की ओर से किसी भी फैसले की सूचना का इंतजार भी करते नजर आए। बुधवार को आंदोलन समाप्त होने की अटकले भी लगाई जाती रही। लेकिन देर शाम तक जाम यथावत जारी रहा। जाम स्थल पर बेगू विधायक राजेंद्र विदुडी, पूर्व विधायक राजेंद्र गुर्जर, निवाई प्रधान चंद्रकला, रामदेव गुर्जर, रामसिंह मुकुल, रामलाल संडीला, रामचंद्र गुर्जर, मांगीलाल गुर्जर, हरिभजन गुर्जर, रतनदीप, आरडी डोई, सत्यनारायण कटारिया, मोहनलाल गुर्जर, कुलदीप गुर्जर, हंसराज, देवलाल गुर्जर सहित मीणा समाज के शिवजीराम मीणा, मोहनलाल मीणा आदि भी मौजूद रहे।
टोंक| पक्का बंधा क्षेत्र में लाठी लेकर खड़े गुर्जर समाज के बच्चे।
टोंक| पक्का बंधा क्षेत्र में लाठी लेकर खड़े गुर्जर समाज के बच्चे।
हाइवे पर जाम से बाजारों में रहा धंधा मंदा
गुर्जर आरक्षण की मांग के लिए हाईवे पर लगे जाम का असर जिलेभर में रहा। जहां जाम से बाजारों पर भी काफी असर पढा। कई व्यापारियों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले ग्राहकों की संख्या में 25-30 प्रतिशत कमी रही। कई सामान जाम के कारण आने जाने में भी परेशानी हो रही है। बस स्टैंड एवं हाईवे के आसपास लगी दुकानें कई जगह तो बंद नजर आई। वहीं कई जगह धंधा ठप ही दिखाई दिया। जो सब्जियां बाहर से आने वाली है, वो आ नहीं पा रही है। इसके कारण जो मौजूद है, उनके भाव भी बढे नजर आ रहे हैं।
घाटा-दर-घाटा: गुर्जर आंदोलन के चलते टोंक रोडवेज को तीन दिन में 20 लाख का नुकसान
टोंक| गुर्जर आंदोलन के चलते टोंक आगार का संचालन भी पूरी तरह प्रभावित हुआ है। आलम यह है कि पिछले तीन दिनों में आगार को करीब 20 लाख से अधिक की चपत लग चुकी है। आगार को इससे पहले सितम्बर माह में रोडवेजकर्मियों की हड़ताल के चलते करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो चुका है। आंदोलन के चलते आगार की बसें प्रस्तावित लक्ष्य 30 हजार किलोमीटर के मुकाबले 10 हजार कम दौड़ रही है। उल्लेखनीय है कि पांच फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर समाज के लोग तीसरे दिन भी पक्का बंधा क्षेत्र में जाम लगाकर प्रदर्शन करते रहे। टोडारायसिंह क्षेत्र में भी बुधवार को कुछ देर के लिए मार्ग में जाम की स्थिति रहने से आगार की ओर से बंसों का संचालन बंद कर दिया गया। ऐसे में भोपाल, फरीदाबाद, कोटा आदि की बसों का संचालन प्रभावित रहा। शहर से अधिकतर यात्री जयपुर रूट पर यात्रा करते है। बस स्टैण्ड पर भी दिनभर यात्रियों की संख्या कम रही। आगार प्रबन्धक रामचरण गौचर ने बताया कि आगार की 70 से अधिक बसें प्रतिदिन 30 से 32 हजार किलोमीटर का सफर तय करती हैं। संचालन प्रभावित होने से निर्धारित किलोमीटर फेरा लगाने का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा।