रीट की परीक्षा में लगभग 30 दिन बचे हैं। टाइम मैनेजमेंट के साथ कैसे करें रीट की तैयारी। इसके लिए दैनिक भास्कर लेकर आया है आपके लिए खास सीरीज। भास्कर ऐप के जरिए रीट अभ्यर्थियों से जुड़ रहे हैं जाने माने शिक्षाविद और अनुभवी फैकल्टी। तैयारी में आसानी हो इसलिए हमने एक्सपर्ट से वो कॉमन सवाल पूछे हैं, जो लगभग हर रीट छात्र के दिमाग में घूमते हैं। इस सीरीज में हमारे साथ जुड़े हैं लगभग 21 साल से अधिक शिक्षण और कोचिंग संचालन के अनुभवी जितेन्द्र सिंह चौहान। आइए जानते हैं उन्ही से सारे सवालों के जवाब।
30 दिन में रीट की तैयारी कैसे करें
अब समय बहुत कम बचा है। मात्र 30 दिन में तैयारी अब चार चांद लगाने वाली बात है। सुझाव यही है कि कोई नया टॉपिक न छेड़ें, जो टाइम टेकिंग हो। आपने जो पहले से पढ़ रखा है, उसी का बार-बार रिवीजन करें।
परीक्षा के हिसाब से कौन-कौन से सब्जेक्ट स्कोरिंग हैं
चाहे लेवल फर्स्ट या सेकंड हो। दोनों में शिक्षण विधियों का बहुत बड़ा रोल है। हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत या अन्य सब्जेक्ट की शिक्षण विधियां आती हैं। जिनकी मार्किंग बहुत ज्यादा है। इसलिए शिक्षण विधियों को सबसे ज्यादा फोकस करें। दूसरे नंबर पर शिक्षा मनोविज्ञान का रोल है। बाकी जो सब्जेक्ट ग्रेजुएशन लेवल या बीएसटीसी लेवल पर पढ़े हैं, उनकी तैयारी तो बच्चे करते ही रहते हैं।
लेवल 1 और 2 के पेपर में क्या फर्क है
लेवल 1 में बीएसटीसी विद्यार्थी आते हैं, सब्जेक्ट नहीं पढ़ने पड़ते। लेवल 2 में सिलेबस की रेंज थोड़ी ज्यादा रहती है। लेवल टू में स्टैंडर्ड हाई होता है।
जो बच्चे सब्जेक्ट में कमजोर हैं उन्हें क्या करना चाहिए
जो बच्चे अब अगर सोचते हैं कि अभी तक उनकी कोई तैयारी नहीं है, रीट को 30 दिनों में कैसे फाइट करूं। उनके लिए सबसे अच्छा तरीका है सुबह शाम हर विषय के 2 मॉडल पेपर सॉल्व करने चाहिए। नई चीजों को पढ़ने से बचना चाहिए। नई किताबें खरीदने की बजाय, जिन बुक्स से आपने अब तक सिलेबस कवर किया है, उन्हीं पर फोकस करें। जो पढ़ रखा है उसका रिवीजन करना चाहिए।
एक कॉमन सवाल कई बार स्टडी मटेरियल में अलग-अलग तथ्य आते हैं, डाउट कैसे क्लियर करें
अब 30 दिनों में डाउट क्लियर करने का समय नहीं है। डाउट केवल 5-7 परसेंट रहते हैं। इस एक माह के लिए मेरी सलाह है कि ऐसे प्रश्नों को इग्नोर कर दें। अगर 95 फीसदी भी आपने कवर कर लिया तो पर्याप्त है।
एनसीईआरटी या बोर्ड, कौनसी किताबें पढ़ें या फिर ऑनलाइन स्टडी करें
सबसे बढ़िया माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की किताबें हैं। क्योंकि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ही परीक्षा का आयोजन करा रही है। राजस्थान अध्ययन की किताबों को अवश्य पढ़ना चाहिए। उनके पीछे छपे वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को जरूर पढ़कर जाना चाहिए।
रीट में से कौन से टॉपिक से ज्यादा नंबर ला सकते हैं
महत्वपूर्ण तो सभी टॉपिक्स होते हैं, कोई क्राइटेरिया नहीं होता है। रीट की सफलता की एक मात्र यही कुंजी है- शिक्षण विधियां और शिक्षा मनोविज्ञान पर फोकस बढ़ा दें।
मार्केट में कौनसी किताबें अच्छी हैं
मार्केट में बहुत सी किताबें आती हैं। चूंकि एक ही अध्यापक द्वारा कोई किताब लिखी जाती है। एक आदमी परिपूर्ण नहीं होता है। इसलिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की किताबों पर सर्वाधिक विश्वास करना चाहिए।
पुराने पेपर और अलग-अलग कोचिंग की टेस्ट सीरीज कितनी इंपॉर्टेंट है
पुराने पेपर्स हमेशा इंपॉर्टेंट होते हैं। क्योंकि रीट में करंट जीके नहीं आता है। रीट के पुराने पेपर, सी-टेट के पेपर, एक्स टेट के पेपर और भारत के अन्य राज्यों की शिक्षा पात्रता परीक्षा से जुड़े पेपर भी देख लेने चाहिए। पुराने पेपर को कम से कम दो बार तो पढ़कर ही जाएं। बहुत फायदा होगा।
पारंपरिक शिक्षा पद्धति और ऑनलाइन में किसे बेहतर मानते हैं
मैं किताब वाली पद्धति को ही बेहतर मानता हूं। क्योंकि ऑनलाइन की एक लिमिटेशन है। 2 से 3 घंटे में विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ते थक जाता है। जबकि किताबों को हम बचपन से पढ़ते आये हैं। इसलिए किताबों को लंबे समय तक पढ़ सकते हैं। ऑनलाइन एजुकेशन का एक ही फायदा है कि सीमित समय के लिए पढ़ना हो तो यह बेहतर है।
आपके पास किस तरह की समस्याएं छात्र लेकर आते हैं
मेरे पास बहुत सी समस्याएं आती हैं। पहली- गुरूजी इस किताब में यह लिखा है, दूसरी किताब में कुछ और लिखा हुआ है। हम किसे सही मानें। दूसरा शिक्षण विधि की कोई प्रामाणिक किताब नहीं होने के कारण बच्चे परेशान रहते हैं। शिक्षा मनोविज्ञान की भी कोई प्रमाणित किताब नहीं है, इसलिए विद्यार्थी परेशानी महसूस करते हैं। एक समस्या लैंग्वेज को लेकर आती है कि हम फर्स्ट लैंग्वेज में हिंदी लें, संस्कृत लें या इंग्लिश।
इन समस्याओं का क्या समाधान हो सकता है
इसका समाधान यह है कि जिस चीज में आप बेहतर हैं. वो ही आपके लिए सबसे बेहतर हो सकता है। क्योंकि आप अपने आप से बेहतर नहीं जान सकते। आपको पता है कि आप के लिए क्या अच्छा हो सकता है। मेरा एक और सुझाव है कि रीट के पेपर में नेगेटिव मार्किंग नहीं है। इसका मतलब आपको सभी प्रश्न हल करने हैं। आपका नंबर नहीं कटेगा। अगर गलत भी करेंगे तो नुकसान नहीं होगा। इसलिए पूरे 150 प्रश्न अटेंड करने का टारगेट बनाएं।
पेपर का टाइम मैनेजमेंट अभी से तैयार करें
टाइम मैनेजमेंट दुनिया की सबसे बड़ी पूंजी है। अपने घर पर प्रैक्टिस करने की कोशिश करें। सभी प्रश्नों को अटेंड करने का अभ्यास करें। 150 प्रश्नों के हिसाब से अभ्यास करना है। घड़ी में टाइम देखकर खुद परीक्षा देने की कोशिश करें।
स्ट्रेस मैनेजमेंट और टाइम मैनेजमेंट का तरीका बताएं
सबसे अच्छा तरीका है- खुश रहो, स्वस्थ रहो, मस्त रहो, प्रसन्न रहो, जबरदस्त रहो। टेंशन नहीं लेनी है। अगर आपने तनाव लिया, तो आपका पेपर गलत होने वाला है। इसलिए तनाव को हावी न होने दें। चाहे कम पढ़ लें,टेंशन न करें। 1 महीने में कोई तीर नहीं मारा जा सकता है। लेकिन एक महीने को पॉजिटिविटी के हिसाब से लिया, तो हम रिजल्ट को बेहतर बना सकते हैं।
एग्जाम क्लियर करने के आप कोई टिप्स देना चाहें
प्रैक्टिस मेकस ए मैन परफेक्ट। अभ्यास सबसे बड़ी कुंजी है। सबसे ज्यादा अभ्यास करें। दूसरा कॉन्फिडेंस बनाए रखें। तीसरा नई चीजों को ध्यान ना दें और अपने आसपास के वातावरण को पॉजिटिव रखें। नेगेटिविटी ना आने दे।
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