रीट की परीक्षा में मनोविज्ञान, बाल विकास शास्त्र और टीचिंग मैथड्स महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनमें अच्छी स्कोरिंग के लिए अनुभवी और योग्य शिक्षक का मार्गदर्शन ज़रूरी है। 30 दिनों में किस तरह सिलेबस को बांटा जाए। किस टैक्नीक से पढ़ाई की जाए, ताकि कम समय में ज्यादा से ज्यादा सिलेबस कवर हो सके। विषय पर मजबूत पकड़ रखने वाले अध्यापक डॉ. मंगल दैनिक भास्कर ऐप के माध्यम से दे रहे हैं खास टिप्स।
बाल विकास शास्त्र और टीचिंग मैथड्स पर विशेष ध्यान दें
समय कम है तो स्कोरिंग सब्जेक्ट को ध्यान में रखते हुए तैयारी करनी चाहिए। जैसे रीट में 150 प्रश्न होते हैं ,तो बाल विकास शास्त्र व शिक्षण विधियों के प्रश्नों की संख्या 70-80 निश्चित होती है। तो इस विषय पर विशेष ध्यान दें।
इनमें कौन-कौन से टॉपिक महत्वपूर्ण, अन्य विषयों में भी क्या क्या पार्ट अहम रहते हैं।
रीट के पेपर में 4 भाग होते हैं -
भाग अ. बाल विकास शास्त्र- इसमें एससीएफ-2005 ,आरटीई- 2009, मापन व मूल्यांकन और बाल विकास के स्कोरिंग टॉपिक हैं। जो मेरिट में योगदान देते हैं।
भाग ब. भाषा I होती है।
भाग स. भाषा II होती है।
इसमें भी शिक्षण विधियों को प्राथमिकता दी जाए, ये मेरिट में स्कोरिंग टॉपिक हैं।
भाग द. सब्जेक्ट होता है । इसमें एसएसटी वाले राजस्थान से संबंधित टॉपिक को प्राथमिकता दें। वर्ल्ड को कम प्राथमिकता पर रखें।
मनोविज्ञान में कठिन टॉपिक का क्या करें
रीट में कठिन टॉपिक पर कम ध्यान दें। ऐसे टॉपिक अगर प्रयास के बाद भी समझ नहीं आ रहे हैं । तो उन टॉपिक को अच्छे से याद करें जो आपको आते हैं। क्योंकि उनमें से एक भी प्रश्न आये तो उत्तर गलत ना हो । बहुत से विद्यार्थी टॉपिक में समय बर्बाद कर देते हैं ,जो प्रयास के बाद भी नहीं आते हैं ।
कई बार स्टडी मटेरियल में अलग- अलग तथ्य होते हैं,तो क्या करना चाहिए
इसके लिए सबसे पहले एनसीईआरटी की बुक्स और साहित्य अकादमी की बुक्स पढ़नी चाहिए ।
मनोविज्ञान सब्जेक्ट में ये किताबें पढ़ें
मनोविज्ञान के लिए एनसीईआरटी की कक्षा 11 और 12 की किताबें और हिंदी के लिए भी एनसीईआरटी की रचना व व्याकरण किताबें सबसे अच्छी हैं । मार्केट बुक्स में अच्छी लक्ष्य अच्छी बुक है और सभी विषयों की शिक्षण विधियों की डॉक्टर मंगल शिक्षण विधि अच्छी बुक है।
मनोविज्ञान में कौन से टॉपिक में कितने नंबर के प्रश्न होते हैं
रीट के पिछले प्रश्न पत्र का विश्लेषण करते हैं ,तो निष्कर्ष निकलता है कि रीट के पाठ्यक्रम की प्रत्येक यूनिट में से प्रश्न आता है। यदि विद्यार्थी ने कोई भी यूनिट को याद किया है,तो उसमें से जरूर प्रश्न आता है। विद्यार्थी की मेहनत व्यर्थ नहीं जाती है।
रीट के पुराने पेपर के साथ सीटेट के प्रश्न पत्र भी देखें
हां,रीट के पुराने प्रश्न पत्र देखने से प्रश्न के प्रारूप का विद्यार्थी को पता चलता है। साथ-साथ सीटेट के पिछले 10 वर्षों के प्रश्न पत्रों को भी देखें। ताकि तैयारी को मजबूती मिल सके ।
ऑनलाइन या डिस्टेंस स्टडी में से कौनसी है बेहतर
वैसे कोरोना काल की वजह से ऑनलाइन का ट्रेंड काफी आ गया है । लेकिन ट्रेडिशनल स्टडी में विश्वास ज्यादा रखें। ऑनलाइन स्टडी टॉपिक की प्रश्नोत्तरी के लिए अच्छी है।
तैयारी को लेकर किस तरह की समस्याएं छात्रों को अधिक आती हैं
विशेष रूप से यह देखा गया है कि सबसे ज्यादा समस्या विद्यार्थी को मनोविज्ञान और टीचिंग मैथड्स में आती है। जबकि ये विषय ही सबसे ज्यादा स्कोरिंग हैं। विद्यार्थी को इनकी वस्तुनिष्ठ प्रैक्टिस अधिक करनी चाहिए । नकारात्मकता उत्पन्न नहीं होने दें । एक दिन वर्षों का संघर्ष बहुत खूबसूरत तरीके से आप से टकराएगा।
- डॉ. मंगल, अध्यापक, मनोविज्ञान, बाल विकास शास्त्र व शिक्षण विधियां
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