26 सितंबर को होने जा रही राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET) की तैयारी में 16 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी जुटे हैं। एग्जाम डेट कई बार आगे खिसकने के बाद एक बार फिर कुछ लोग इसे आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन REET की तैयारी में दिन-रात एक करने वाले ज्यादातर अभ्यर्थी चाहते हैं कि परीक्षा 26 सितंबर को ही हो। दैनिक भास्कर की टीम जयपुर के मानसरोवर, त्रिवेणी नगर और महेश नगर पहुंची। जहां अभ्यर्थियों से बातचीत की तो उनकी संघर्ष की कहानियां भी सामने आईं।
तैयारी के लिए 3 साल से नौकरी छोड़ी, पत्नी को भेजा गांव
करौली के रहने वाले कन्हैया लाल शर्मा ने बताया कि पिछले 3 साल से प्राइवेट नौकरी छोड़कर सिर्फ REET की तैयारी में जुटा हुआ हूं। आर्थिक रूप से पूरी तरह टूट चुका हूं। इस वजह से पत्नी और बच्चों को भी गांव में घर वालों के पास छोड़ रखा है। हर बार पेपर आगे खिसक जाने की वजह से अब घर वाले भी परेशान होने लगे हैं। गांव वाले भी परिवारजनों को ताना देते हैं। कहते हैं कि तुम्हारा बेटा ऐसी कौन सी तैयारी कर रहा है। इसके लिए 3 साल से नौकरी और पत्नी बच्चों से दूर है। मैं उन्हें हर बार समझाता हूं, कि जब भी परीक्षा होगी मेरा नंबर जरूर आएगा। मेरी मेहनत लगातार जारी है। अब बस मेरी सरकार से यही गुजारिश है समय पर परीक्षा कराएं।
मां की मदद के लिए बनना चाहती हूं टीचर
भीलवाड़ा की शिवानी ने बताया कि घरवालों से दूर जयपुर में रहकर पिछले 5 महीने से REET की तैयारी कर रही हूं। पिताजी अब इस दुनिया में नहीं हैं। जिस वजह से घर की पूरी जिम्मेदारी मेरी मां के कंधों पर है। हम तीन भाई-बहन हैं। ऐसे में महंगाई के इस दौर में जयपुर में रहकर पढ़ना मेरे लिए काफी मुश्किल है। हर महीने मेरे पर ही 8 से 12 हजार रुपए खर्चा हो रहा है। अब बस यही चाहती हूं कि जल्दी से परीक्षा हो, ताकि मैं खुद को साबित कर मां को नौकरी का तोहफा दूं और उनकी मदद कर पाऊं।
रीट की वजह से नहीं हो पा रही शादी
बहरोड़ के अनिरुद्ध आर्य ने बताया कि पिछले 3 साल से जयपुर में रहकर REET की तैयारी कर रहा हूं, ताकि जल्दी से मेरी सरकारी नौकरी लगे और मेरी भी अच्छी सी लड़की से शादी हो सके। आजकल सरकारी नौकरी वाले लड़कों से ही हर पिता अपनी बेटी की शादी कराना चाहता है। इस वजह से पूरी मेहनत के साथ जयपुर में रहकर पिछले 3 साल से तैयारी कर रहा हूं। REET कभी आगे खिसक जाती है, तो कभी कोरोना गाइडलाइन की वजह से पेपर नहीं हो पाते। इस वजह से अब मेरे जैसे हजारों छात्र अब मानसिक रूप से परेशान रहने लगे हैं। हमने हमारी जिंदगी का सबसे कीमती वक्त REET की तैयारी में दिया है।
आखिरी मौका यूं ही नहीं गंवाना चाहती
जोधपुर की रहने वाली स्नेहलता ने बताया कि मैंने शादी के 13 साल बाद REET की तैयारी शुरू की है। इस वजह से अपने दो बच्चों को पीहर छोड़कर जयपुर में रहकर तैयारी कर रही हूं, ताकि टीचर बन सकूं और घर की जरूरतों में अपना योगदान दे पाऊं। REET का शेड्यूल आम अभ्यार्थी के लिए परेशानी का कारण बन गया है। इस वजह से अब घरवाले भी परेशान हो गए हैं। मेरी 80 साल की वृद्ध सास हैं, जिनकी केयर मुझे करनी होती है। इस वजह से मुझे बमुश्किल से आखिरी बार फिर पढ़ने की छूट मिली है। मैं इसे गंवाना नहीं चाहती। मेरे लिए खुद को साबित करने का यह आखिरी मौका है।
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