पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
जीवन मंत्र डेस्क. अक्सर रोजमर्रा के जीवन में ऐसा होता है कि हम कई बार कुछ ऐसे लोगों की बात पर क्रोध करने लगते हैं, जो ना ज्ञान में हमसे आगे होते हैं ना अनुभव में। कई लोग अपनी थोड़ी से योग्यता के अहंकार में आपका अपमान करते हैं। ज्यादातर लोग ऐसे मौकों पर अपना धैर्य खो देते हैं, और मामला विवाद तक पहुंच जाता है। हमारे ग्रंथ कहते हैं क्रोध और विवाद उन पर करें जो आपकी योग्यता के समान हो। जो आपकी तरह योग्य नहीं हो, आपसे काफी कमतर हो, उसके साथ विवाद और क्रोध करने में आपकी ही हानि है। ऐसे लोगों को सामान्य तरीकों से समझाना चाहिए। भगवान शिव और रावण का एक प्रसंग है, जब रावण के मूर्खतापूर्ण काम पर शिव ने क्रोध नहीं किया, बल्कि खेल-खेल की तरह ही उसे सबक सिखा दिया।
एक प्रसिद्ध कथा है रावण और भगवान शिव की। कई पौराणिक मान्यताओं ने रावण को शिव का सबसे श्रेष्ठ भक्त बताया है। रावण ने शिव को अपना ईष्ट और गुरु दोनों माना था। एक दिन रावण के मन में आया कि मैं सोने की लंका में रहता हूं और मेरे आराध्य शिव कैलाश पर्वत पर। क्यों ना भगवान शिव को भी लंका में लाया जाए। ये सोचकर रावण कैलाश पर्वत की ओर निकल पड़ा। वो कई तरह के विचारों में डूबा हुआ कैलाश पर्वत की तलहटी में पहुंचा।
सामने से भगवान शिव के वाहन नंदी आ रहे थे। नंदी ने शिव भक्त रावण को प्रणाम किया। रावण ने अहंकार में कोई जवाब नहीं दिया। नंदी ने फिर उससे बात की तो रावण ने उसका अपमान कर दिया। उसने नंदी को बताया कि वो भगवान शिव को लंका लेकर जाने के लिए आया है। नंदी ने कहा, भगवान को कोई उनकी इच्छा के विरुद्ध कहीं नहीं ले जा सकता। रावण को अपने बल पर घमंड था। उसने कहा अगर भगवान शिव नहीं माने, तो वो पूरा कैलाश पर्वत ही उठाकर ले जाएगा।
इतना कह कर उसने कैलाश पर्वत को उठाने के लिए अपना हाथ एक चट्टान के नीचे रखा। भगवान शिव कैलाश पर्वत पर बैठे सब देख रहे थे। कैलाश हिलने लगा। सारे गण डर गए। लेकिन, भगवान शिव अविचलित बैठे रहे। जब रावण ने अपना पूरा हाथ कैलाश पर्वत की चट्टान के नीचे फंसा दिया तो भगवान ने मात्र अपने पैर के अंगूठे से कैलाश को दबा दिया। रावण का हाथ कैलाश पर्वत के नीचे फंस गया। निकल नहीं पा रहा था। शिव अपने आसन पर निर्विकार बैठे मुस्कुरा रहे थे। तब रावण ने शिव को प्रसन्न करने के लिए शिव तांडव स्तोत्र की रचना की। जिसे सुनकर शिव ने उसे मुक्त किया।
पॉजिटिव- आज मार्केटिंग अथवा मीडिया से संबंधित कोई महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है, जो आपकी आर्थिक स्थिति के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी। किसी भी फोन कॉल को नजरअंदाज ना करें। आपके अधिकतर काम सहज और आरामद...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.